नीतीश कटारा मर्डर केस में विकास यादव को और 4 हफ्ते की राहत, SC ने मां के इलाज से जुड़े कागज मांगे
नीतीश कटारा मर्डर केस में सजा काट रहे विकास यादव की अंतरिम जमानत की अवधि चार हफ्ते बढ़ा दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने बीमार मां की देखभाल के लिए विकास को कुछ शर्तें के साथ अंतरिम जमानत दी थी। कोर्ट ने उसे मां की सर्जरी से जुड़े कागजात भी जमा करने के निर्देश दिए हैं।

नीतीश कटारा मर्डर केस में सजा काट रहे विकास यादव की अंतरिम जमानत की अवधि चार हफ्ते बढ़ा दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने बीमार मां की देखभाल के लिए विकास को कुछ शर्तें के साथ अंतरिम जमानत दी थी। कोर्ट ने उसे मां की सर्जरी से जुड़े कागजात भी जमा करने के निर्देश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को साल 2002 के नीतीश कटारा हत्याकांड में 25 साल की सजा काट रहे दोषी विकास यादव की अंतरिम जमानत अवधि चार सप्ताह के लिए बढ़ा दी, ताकि वह अपनी बीमार मां की देखभाल कर सके। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने उसे 27 मई तक एक दस्तावेज दाखिल करने का भी निर्देश दिया, जिससे पता चले कि उसकी मां की सर्जरी हुई है।
सुप्रीम कोर्ट ने 24 अप्रैल को शर्तें लगाते हुए दोषी को गाजियाबाद स्थित अपने घर तक ही सीमित रहने और कटारा की मां नीलम कटारा सहित मामले के गवाहों से बातचीत करने का निर्देश दिया था। शीर्ष अदालत ने उसे एक लाख रुपए के जमानत बांड और इतनी ही राशि के जमानती पर राहत दी।
विकास यादव उत्तर प्रदेश के राजनीतिज्ञ डी पी यादव का बेटा है। उसके चचेरे भाई विशाल यादव को भी बिजनेस एग्जीक्यूटिव कटारा के अपहरण और हत्या के लिए सजा सुनाई गई थी। दोनों विकास की बहन भारती यादव के साथ नीतीश कटारा के कथित संबंधों के खिलाफ थे, क्योंकि दोनों अलग-अलग जातियों से ताल्लुक रखते थे। एक अन्य सह-दोषी सुखदेव पहलवान को बिना किसी छूट के 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
दिल्ली हाई कोर्ट ने विकास और विशाल यादव को निचली अदालत द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखते हुए दोनों को बिना किसी छूट के 30 साल की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट ने सुखदेव पहलवान को 25 साल की जेल की सजा सुनाई थी। दिल्ली जेल प्रशासन ने पिछले साल विकास यादव के आचरण को असंतोषजनक पाए जाने के बाद सजा में छूट की उसकी अर्जी खारिज कर दी थी।