सिख गुरुओं पर AI वीडियो बना फिर विवादों में घिरे यूट्यूबर ध्रुव राठी, पंजाब से दिल्ली तक भारी गुस्सा
यूट्यूबर ध्रुव राठी के इस AI जेनरेडेट वीडियो का पंजाब में भारी विरोध हो रहा है। लोगों में गुस्सा है और उसे सोशल मीडिया से तुरंत हटाने की मांग हो रही है। दिल्ली में भी DSGPC ने इस बारे में पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई है।

मशहूर यूट्यूबर ध्रुव राठी एक बार फिर विवादों में फंस गए हैं। इस बार उन पर सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप हैं। हरियाणा निवासी ध्रुव राठी ने 'द राइज ऑफ सिख' शीर्षक से AI जेनरेटेड एक वीडियो बनाया है और सोशल मीडिया पर उसे अपलोड किया है, जिस पर लोगों में भारी रोष है। पंजाब में इसका भारी विरोध हो रहा है। सिख समुदाय इसे सिख धर्मगुरु का अपमान बता रहे हैं। लोगों ने इस कृत्य के लिए ध्रुव राठी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
दूसरी तरफ, दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक लंबा पोस्ट लिखकर इसकी निंदा की है। उन्होंने लिखा है, "मैं ध्रुव राठी के हालिया वीडियो "सिख योद्धा जिसने मुगलों को भयभीत कर दिया" की निंदा करता हूँ, जो न केवल तथ्यात्मक रूप से त्रुटिपूर्ण है, बल्कि सिख इतिहास और भावनाओं का घोर अपमान भी करता है। साहस और दिव्यता के अवतार श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को एक बच्चे के रूप में रोते हुए दिखाना सिख धर्म की मूल भावना का अपमान है, जो निडरता, लचीलापन और चढ़दी कला का प्रतीक है।"
पवित्र इतिहास के साथ छेड़छाड़ कभी बर्दाश्त नहीं
सिरसा ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, " डीएसजीएमसी ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की है और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाले बार-बार अपराधों के लिए उनके यूट्यूब अकाउंट की समीक्षा करने को कहा है। दिल्ली पुलिस को धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्यों के लिए धारा 295 ए के तहत ध्रुव राठी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी चाहिए। सिख समुदाय कांग्रेस के एक पिट्ठू द्वारा अपने पवित्र इतिहास के साथ छेड़छाड़ को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा!"
कृत्य सांस्कृतिक रूप से असंवेदनशील: DSGMC
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने भी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है,"DSGMC यूट्यूबर ध्रुव राठी के "द सिख वॉरियर हू टेररिफाइड द मुगल्स" नामक वीडियो की कड़ी निंदा करता है, जिसमें उन्होंने श्रद्धेय सिख गुरुओं को चित्रित करने के लिए गैर-जिम्मेदाराना तरीके से AI-जनरेटेड विजुअल का इस्तेमाल किया है। यह कृत्य न केवल सांस्कृतिक रूप से असंवेदनशील है, बल्कि सिख भावनाओं और परंपराओं के लिए भी बेहद अपमानजनक है।"
बालक गुरु गोबिंद सिंह जी को रोता दिखाया
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के सदस्य गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने भी सिख इतिहास को विकृत करने के लिए ध्रुव राठी की घोर आलोचना की है और कहा कि राठी को सिख इतिहास को विकृत करने के लिए एआई का उपयोग करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि सिख इतिहास और गुरुओं के साथ अत्यंत सम्मानपूर्वक किया जाना चाहिए, और इसे व्यावसायीकरण से दूर रखा जाना चाहिए। बता दें कि इस वीडियो में गुरु गोबिंद सिंह जी को एक बच्चे (बाल गोविंद राय) के रूप में चित्रित किया गया है, जो अपने पिता, गुरु तेग बहादुर की शहादत को देखने के बाद रो रहे हैं। सिख समुदाय के लोगों के मुताबिक यह एक बहुत ही संवेदनशील मसला है और राठी ने ऐसा दिखाकर सिख धर्म का अपमान किया है।
क्या बोले ध्रुव राठी
विवाद बढ़ने पर ध्रुव राठी ने वीडियो जारी कर अपनी सफाई दी है और कहा है कि इस पर वह लोगों की राय लेंगे और उसके बाद फैसला करेंगे। ध्रुव राठी ने वीडियो जारी कर कहा कि बहुत लोगों को यह वीडियो पसंद भी आया, लेकिन सिख समुदाय के कुछ लोगों का मानना है कि एनिमेशन के जरिए सिख गुरुओं को दिखाना गलत है। गुरु गोबिंद सिंह जी को ऐसे दिखाना सही नहीं है। किसी भी सिख गुरु की कहानी पर बिना फोटो के वीडियो बनाना संभव नहीं है। लोग सोशल मीडिया पर मुझे राय दे सकते हैं। इसके बाद मैं वीडियो डिलीट करूंगा या दूसरा एक्शन लूंगा। आप लोग कमेंट्स में लिखकर बता सकते हैं। मूलरूप से हरियाणा के रोहतक के रहने वाले यूट्यूबर ध्रुव राठी अब जर्मनी में रहते हैं।
सिख धर्म के गुरुओं की शहादत और मुगलों के जुल्म की कहानी
ध्रुव राठी ने अपने यूट्यूब चैनल पर वीडियो अपलोड किया है, जिसका टाइटल द सिख वॉरियर हू टेरीफाइड द मुगल्स, लीजेंड ऑफ बंदा सिंह बहादुर है। वीडियो में ध्रुव ने सिख धर्म के गुरुओं की शहादत, मुगलों के जुल्म और उनके साथ हुए युद्धों की जानकारी दी है। गुरु तेग बहादुर जी की शहादत, गुरु गोबिंद सिंह के खालसा पंथ सजाने, पंज प्यारे चुनने और उनके बच्चों की शहादत की घटना को शामिल किया गया। ध्रुव राठी ने वीडियो बनाने में एआई का इस्तेमाल किया है, जिसका पंजाब में बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है क्योंकि किसी भी वीडियो में सिख गुरुओं के सिर्फ स्टिल फोटोज ही इस्तेमाल किए जा सकते हैं। साथ ही बंदा सिंह बहादुर को रॉबिन हुड भी बताया गया है।
(रिपोर्ट: मोनी देवी)