सबसे पहले नीतीश सरकार ने देश में जाति जनगणना की पहल की
(पेज चार) घोषणा करने के लिए मजबूर किया। जबकि सत्य और तथ्य यह है कि 10 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद यूपीए ने कभी जाति जनगणना

सासाराम, नगर संवाददाता। जनता दल यूनाइटेड के जिला कार्यालय में सोमवार को एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। प्रेसवार्ता में जदयू के जिलाध्यक्ष अजय सिंह कुशवाहा ने जातिगत जनगणना से संबंधित विपक्ष के नेताओं के दावों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी दावा करते हैं कि उन्होंने संसद में दबाव बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जातिगत जनगणना की घोषणा करने के लिए मजबूर किया। जबकि सत्य और तथ्य यह है कि 10 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद यूपीए ने कभी जाति जनगणना की पहल नहीं की। राहुल गांधी ने संसद में केवल भाषण दिया जबकि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने सबसे पहले आधारित सर्वेक्षण कराया।
सच्चाई यह है कि कांग्रेस शासित राज्यों में आज तक निजी संस्थानों में आरक्षण लागू नहीं किया गया है। बिहार में तकनीकी संस्थानों मेडिकल कॉलेज और शिक्षण संस्थानों में ओबीसी, ईबीसी, एससी, एसटी के लिए पूर्ण आरक्षण की नीति पहले से लागू है। मोदी सरकार ने ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा दिया। क्रीमी लेयर की सीमा में बढ़ोतरी की व आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए आरक्षण लागू किया जो पिछले 70 सालों में पहली बार हुआ है। कहा कांग्रेस और लालू राज में परीक्षाएं ही नहीं होती थी घोटाले होते थे। आज एनडीए सरकार ने सभी भर्ती परीक्षाओं को ऑनलाइन पारदर्शी और समयबद्ध बनाया है। बिहार में रिकॉर्ड संख्या में शिक्षक नियुक्ति, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, विश्वविद्यालय खोले गए हैं। पुनः बिहार में यूपीए का शासन आना बिहार और बिहार वासियों को गर्त में धकेलना के बराबर होगा। प्रेसवार्ता में जिला संगठन प्रभारी अशोक प्रजापति, प्रवक्ता अलख निरंजन, आईटी सेल के जिलाध्यक्ष शशिरंजन सहित अन्य मौजूद थे।
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