भूमि अधिग्रहण पर किसानों को एक वर्ष में आबादी भूखंड मिलेगा
- अब जमीन खरीद पर बैनामे के साथ ही सात प्रतिशत आबादी भूखंड का आरक्षण

ग्रेटर नोएडा, वरिष्ठ संवाददाता। यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र में अब किसानों को सात प्रतिशत आबादी भूखंड के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। किसानों को बैनामे के साथ ही प्लॉट का आरक्षण पत्र दिया जाएगा। भूखंड का क्षेत्रफल और लोकेशन के बारे में ही उसी समय पता चल सकेगा। जमीन लेने के बाद 90 दिन के अंदर भूखंड का आवंटन पत्र मिलेगा और आठ माह में प्राधिकरण यहां विकास कार्य करा कर कब्जा देगा। प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में विकास परियोजनाओं के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण होता है। अधिग्रहण व जमीन खरीद पर किसानों को 64.7 प्रतिशत मुआवजा व सात प्रतिशत आबादी भूखंड का प्रावधान है। अभी तक आबादी भूखंड आवंटन की प्रक्रिया काफी कठिन और लंबी थी, जिसके चलते अधिकांश किसानों को दस वर्षों के बाद भी भूखंड नहीं मिल पाया है। प्रक्रिया के तहत पूरे गांव की जमीन का अधिग्रहण होने के बाद ही किसानों की सूची तैयार होती थी। इसके बाद सूची का प्रकाशन, फिर विस्तृत सूची तैयार कर प्रकाशन किया जाता था और तीसरी बाद में सूची पुन: प्रकाशित की जाती थी। इसके बाद सूची का सत्यापन, जांच के बाद आपत्ति का क्रम शुरू होता था और उसके बाद भी कागजों की जांच समेत अन्य औपचारिकताओं के बाद आबादी भूखंड देने की प्रक्रिया शुरू होती थी। आबादी भूखंड क्षेत्र के किसानों की सबसे बड़ी समस्या है, जिसे लेकर आए दिन किसान धरना व प्रदर्शन भी करते रहते हैं, ऐसे में किसानों को जमीन अधिग्रहण के बाद बैनामे के वक्त ही आबादी भूखंड का आरक्षण पत्र देने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद 90 दिन में किसानों को आवंटन पत्र जारी होगा और 8 माह में प्राधिकरण यहां विकास कार्य पूरे करेगा। सूची का एक ही बार में सत्यापन होगा, जिसके लिए डिप्टी कलेक्टर, प्रबंधक परियोजना, विधि अधिकारी, संबंधित ओएसडी व तहसीलदार की कमेटी बनाई गई है। कुल मिलकर अब एक वर्ष से पहले ही किसानों को भूखंड पर कब्जा दे दिया जाएगा।
आठ गांवों के किसानों को भी मिले भूखंड
यमुना विकास प्राधिकरण ने 29 गांवों में 12 गांव के किसानों को सात प्रतिशत आबादी भूखंड का आवंटन कर दिया है। छह गांव में प्रारंभिक प्रकाशन जारी है। तीन में दूसरा बार प्रकाशन की तैयारी और आठ गांव ऐसे है, जिनमें अभी तक कोई प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी है। इनमें अच्छेजा बुजुर्ग, धनौरी, उस्मानपुर, भट्टा, रुस्तपुर अन्य गांव शामिल है। इन आठ गांव में 1700 किसानों के भूखंड अटके हुए हैं, इन्हें एक वर्ष में भूखंड देने की तैयारी है।
मनचाही लोकेशन का खेल खत्म
अक्सर प्राधिकरण में किसान मनचाही लोकेशन के लिए प्रक्रिया में अड़ंगा डालते हैं, नए नियम में यह खेल पूरी तरह से खत्म हो गया है। अब किसानों को बैनामे के समय ही प्लॉट के क्षेत्र फल और लोकेशन की जानकारी दे दी जाएगी। प्राधिकरण सात प्रतिशत आबादी भूखंड के तहत न्यूनतम 120 वर्गमीटर और अधिकतम 2500 वर्गमीटर का भूखंड आवंटित करता है। पहले छोटे भूखंड का क्षेत्रफल 40 वर्गमीटर था, जिसे विगत बोर्ड बैठक में 120 वर्गमीटर करने का निर्णय लिया गया था।
अब जमीन के बैनामे के साथ ही किसानों को भूखंड का आरक्षण पत्र लगाकर दिया जाएगा, प्राधिकरण ने नियमों में बदलाव कर एक वर्ष के अंदर भूखंड देने की योजना तैयार कर लागू कर दी है।
- डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण
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