अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट सहायक की मौत, परिजनों का हंगामा
नोएडा के सेक्टर-62 स्थित एक निजी अस्पताल के शौचालय में मंगलवार को रेडियोलॉजिस्ट सहायक संजीव कुमार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए हंगामा किया। पुलिस ने शव को...

नोएडा, संवाददाता। सेक्टर-62 स्थित निजी अस्पताल के शौचालय में मंगलवार को संदिग्ध हालात में रेडियोलॉजिस्ट सहायक की मौत हो गई। परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए हंगामा किया। सेक्टर-58 पुलिस ने शव पोस्टमार्टम को भेज दिया। गाजियाबाद के विजय नगर निवासी 28 वर्षीय संजीव कुमार फॉर्टिस अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट सहायक के रूप में काम करते थे। वह सोमवार रात अस्पताल गए थे। मंगलवार सुबह आठ बजे तक उनकी ड्यूटी थी। वह सुबह करीब छह से सात बजे अस्पताल के शौचालय में गए। काफी देर तक जब वह शौचालय से बाहर नहीं आए तो वहां तैनात कर्मचारियों ने सुबह करीब 9:15 बजे किसी तरह दरवाजा खोला। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक संजीव शौचालय में अचेत पड़े थे। उन्हें फौरन ही उपचार के लिए ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने सुबह 9:40 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक संजीव की ड्यूटी सुबह आठ बजे ही समाप्त हो गई थी। इसके चलते अंदाजा लगाया जा रहा है कि संजीव सुबह छह या सात बजे शौचालय गए और वहां पैर फिसलकर गिर गए और कुछ देर में ही मौत हो गई। डीसीपी रामबदन सिंह के मुताबिक मंगलवार दोपहर करीब डेढ़ बजे मामले की सूचना मिली थी। इसके बाद थाना सेक्टर-58 पुलिस फॉरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंची। घटनास्थल का निरीक्षण किया। पैनल के माध्यम से शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। मौत के कारण का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही चलेगा। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली
पुलिस के मुताबिक संजीव सोमवार रात अस्पताल आए थे। वहां लगे सीसीटीवी कैमरों को चेक करने पर सामने आया है कि वह सुबह करीब छह बजे शौचालय की तरफ जा रहे हैं। इसे बाद वह बाहर नहीं आए। कुछ देर बाद उनके कुछ परिचित ने कॉल किया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई। सुबह करीब 9:30 बजे दूसरी शिफ्ट के लोग आए तो मोबाइल की घंटी सुनकर उन्हें इस बारे में जानकारी हुई। इसके बाद गेट को खोला गया तो संजीव अंदर बेहोश मिले।
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परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाए
संजीव के भाई संदीप ने बताया कि वह पांच भाई और एक बहन हैं। संजीव दूसरे नंबर पर थे। उनका आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने पहले तो उन्हें सही जानकारी नहीं दी। परिवार के लोगों को कॉल कर करीब 10:15 बजे तबीयत खराब होने की जानकारी दी गई। उसकी मौत होने की जानकारी काफी देरी से दी गई। साथ ही, उन्हें शव भी दोपहर दो बजे के बाद देखने को मिला। संदीप के मुताबिक, संजीव ने उन्हें बताया कि था कि स्टाफ के कुछ लोग उन्हें परेशान करते थे। उन्होंने दो लोगों पर संदेह जताया है। संजीव के पिता भगवानदास ने हत्या का अंदेशा जताया है।
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अस्पताल प्रबंधन ने संवेदना जताई
इस मामले में फॉर्टिस अस्पताल प्रबंधन की ओर से बयान जारी किया गया है। प्रबंधन का कहना है कि संजीव एक कंपनी के माध्यम से संविदा कर्मचारी थे। सुबह आठ बजे उनकी ड्यूटी पूरी हो गई थी। प्रॉटोकॉल का पालन करने के लिए शव पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। जांच एजेंसियों का सहयोग किया जा रहा है। इस कठिन समय में परिवार के सदस्यों के प्रति उनकी गहरी संवेदनाएं हैं।
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