Yamuna Authority Issues Tender for 10-Hectare Animal Rescue and Rehabilitation Center near Noida Airport एयरपोर्ट के पास पशु बचाव एवं पुनर्वास केंद्र बनने का रास्ता साफ, Noida Hindi News - Hindustan
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एयरपोर्ट के पास पशु बचाव एवं पुनर्वास केंद्र बनने का रास्ता साफ

यमुना विकास प्राधिकरण ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास 10 हेक्टेयर में स्थायी पशु बचाव एवं पुनर्वास केंद्र के निर्माण के लिए 341.93 लाख की निविदा जारी की है। केंद्र में पशुओं के इलाज के लिए मेडिकल...

Newswrap हिन्दुस्तान, नोएडाMon, 14 April 2025 08:42 PM
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एयरपोर्ट के पास पशु बचाव एवं पुनर्वास केंद्र बनने का रास्ता साफ

- यमुना विकास प्राधिकरण ने 10 हेक्टेयर में बनने वाले पुनर्वास केंद्र बनाने के लिए 341.93 लाख की निविदा जारी की ग्रेटर नोएडा। वरिष्ठ संवाददाता

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास 10 हेक्टेयर में स्थायी पशु बचाव एवं पुनर्वास केंद्र के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। यमुना प्राधिकरण ने जू ऑथोरिटी ऑफ इंडिया की मंजूरी के बाद अब निर्माण कराने के लिए भी 341.93 लाख का टेंडर जारी कर दिया है। केंद्र का निर्माण हॉर्टिकल्चर विभाग कराएगा। यहां पर पशुओं के इलाज के लिए मेडिकल सेंटर, कमरे, शेड और डॉक्टर की टीम तैनात की जाएगी।

हॉर्टिकल्चर विभाग के निदेशक आनंद मोहन ने बताया कि टेंडर के तहत आवेदन की प्रक्रिया 15 से 21 अप्रैल तक चलेगी। 23 अप्रैल को सुबह 11 बजे टेक्नीकल बिड खोली जाएगी। इस टेक्नीकल बिड में, जो फर्म प्री क्वालिफाई करेंगी, उन्हें ही फाइनेंशियल बिड के लिए आगे बढ़ाया जाएगा। बताया जा रहा है कि मई से इसका काम शुरू हो जाएगा। वन्य जीव संस्थान देहरादून से जेवर में एयरपोर्ट के आसपास क्षेत्र में अध्ययन करवाया गया था। अध्ययन के तहत एयरपोर्ट के 10 किलोमीटर क्षेत्र में आने वाले जीव-जंतुओं के संरक्षण पर रिपोर्ट मांगी गई थी। क्षेत्र के वन्य जीवों के संरक्षण की योजना और उनकी संख्या को भी जाना गया था।

रिपोर्ट में बताया गया था कि जेवर में 258 काले हिरण और 176 सारस हैं। एयरपोर्ट के निर्माण के चलते इनका पारिस्थितिकी तंत्र बिगड़ेगा। इसके चलते इनके संरक्षण की जरूरत है। ऐसे में सेक्टर-17ए में धनौरी वेटलैंड के पास वन्य जीव संरक्षण केंद्र बनाने की योजना बनी थी। पहले इसे पांच वर्ष के लिए अस्थायी तौर पर विकसित किया जाना था। इसके बाद वन्य जीवों का दूसरी जगह पर विस्थापन किया जाता, लेकिन अगस्त में जमीन की लीज को 30 वर्ष तक बढ़ाकर स्थायी पशु बचाव एवं पुनर्वास केंद्र बनाने पर सहमति बनी। अब प्राधिकरण की ओर से इसका निर्माण शुरू करने के लिए भी टेंडर जारी कर दिया गया है।

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पहले वन विभाग को मिली थी जिम्मेदारी

पशु बचाव एवं पुनर्वास केंद्र बनाने के लिए पहले वन विभाग को जिम्मेदारी मिली थी, लेकिन अब इसे हॉर्टिकल्चर विभाग से बनवाने का फैसला लिया गया है। बताया गया कि वन विभाग ने केंद्र को बनाने के लिए करीब आठ करोड़ का एस्टीमेट तैयार किया था। हालांकि, अब हॉर्टिक्लचर इसे 341.93 लाख में तैयार करेगा। दावा है कि केंद्र में जानवरों के ठहरने से लेकर इलाज तक की सभी सुविधा होगी।

--कोट---

पशु बचाव एवं पुनर्वास केंद्र के लिए टेंडर जारी किया गया है। इसके लिए अनुभवी फर्म का चयन किया जाएगा। शर्तों के आधार पर ही इसका निर्माण कराया जाएगा, ताकि क्षेत्र के पशुओं का संरक्षण किया जा सके।

-डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ, यमुना प्राधिकरण

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