यमुना सिटी का ट्रांसपोर्ट हब जमीन के अभाव में अटका
- ट्रांसपोर्ट नगर को विकसित करने के लिए प्राधिकरण के पास नहीं मिल रही समान

ग्रेटर नोएडा, वरिष्ठ संवाददाता। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के सेक्टर-33 में विकसित होने वाला ट्रांसपोर्ट नगर फाइलों में गुम हो गया है। कई वर्ष पूर्व तैयार हुई कार्य योजना अभी तक धरातल पर नहीं उतर सकी है। कारण, ट्रांसपोर्ट नगर को विकसित करने के लिए समान भूमि नहीं मिल रही है। टुकड़ों के कारण निर्माण कार्य शुरू ही नहीं हो पा रहा है। अब प्राधिकरण ट्रांसपोर्ट हब के लिए विकल्प तलाश रहा है। जानकारी के मुताबिक वर्ष 2022 में प्राधिकरण ने आबादी बसने और उद्योग शुरू होने से पहले पार्किंग के इंतजाम की तैयारी की थी। तीन सेक्टर में बड़े वाहनों की पार्किंग के साथ ट्रांसपोर्ट नगर व ट्रांसपोर्ट हब के लिए जमीन आवंटित करने की योजना तैयार की थी। साथ ही, यहां पर अंतरराज्जीय बस अड्डा विकसित करने की भी तैयारी थी। ट्रांसपोर्ट हब और ट्रांसपोर्ट नगर सेक्टर-21 में फिल्म सिटी के पास 178 एकड़, सेक्टर-33 में 62 एकड़ और सेक्टर-23 सी में 600 एकड़ में विकसित होने थे, लेकिन आज तक भी इनपर काम शुरू नहीं हो पाया है। दावा किया गया था कि फिल्म सिटी बनने के बाद यहां पर वाहनों का आवागमन तेज होगा। फिल्म की शूटिंग के लिए टीम आती है तो तमाम बड़ी गाड़ियां उनके साथ आती हैं। उनको खड़ा करने के लिए जगह भी चाहिए, जबकि सेक्टर-33 में ट्रक, लॉजिस्टिक समेत तमाम वाहन खड़े करने की सुविधा के दावे किए गए थे। इसके आसपास औद्योगिक सेक्टर हैं। यहां लगने वाली कंपनियों में वाहन आएंगे तो उनके खड़ा करने की दिक्कत नहीं आएगी, लेकिन यह योजना आज तक भी फाइल से बाहर नहीं निकल पाई है।
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गैराज खोलने की भी तैयारी
ट्रांसपोर्ट हब और ट्रांसपोर्ट नगर में कुछ सामान्य सुविधाएं विकसित होनी थी। वहां आने वाले वाहन खराब होंगे तो उनके ठीक करने के लिए मैकेनिक की जरूरत के लिए गैराज व मैकेनिक को भी जगह देने का प्लान तैयार हुआ था। साथ ही ट्रांसपोर्ट कंपनियों के दफ्तर भी वहीं पर बनाने की बात सामने आई थी, लेकिन करीब तीन वर्ष बाद तक भी अबतक प्राधिकरण न तो परियोजनाओं के भूमि उपलब्ध करा सका है और न ही इनका काम आगे बढ़ा है।
ट्रांसपोर्ट हब के लिए प्राधिकरण के पास टुकड़ों में जमीन है, कुछ लोगों की मांग की थी कि इसे सेक्टर-18 आवासीय सेक्टर में शिफ्ट कर दें, लेकिन यह संभव नहीं है। इसे औद्योगिक सेक्टर के पास ही बनाया जाएगा, प्राधिकरण भूमि की उपलब्धता को लेकर प्रयास कर रहा है।
- डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण
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