नूंह के लिए जरूरी खबर! 74 गांवों में बिजली का जिम्मा निजी कंपनी को सौंपने की तैयारी; क्या है वजह
हरियाणा के नूंह में 74 गांवों की बिजली आपूर्ति की जिम्मा निजी कंपनी के हवाले करने का निर्णय लिया गया है। बिजली विभाग ने घाटे से उबरने को यह फैसला लिया है। निजी कंपनी के पास बिजली फाल्ट ठीक करने से लेकर बिजली बिल की वसूली का काम होगा।

दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने नूंह में 74 गांवों में बिजली आपूर्ति की जिम्मेदारी निजी कंपनी के हवाले करने का निर्णय लिया है। बिजली विभाग ने घाटे से उबरने के लिए यह कार्य योजना तैयार की है। निजी कंपनी के पास बिजली फाल्ट ठीक करने से लेकर बिजली बिल की वसूली का काम होगा। अगले माह के प्रथम सप्ताह तक विभाग कंपनी का चयन कर उसके साथ अनुबंध कर सकता है।
नूंह के नगीना और पुन्हाना के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण एरिया में बिजली चोरी और बिल न भरने की वजह से बिजली निगम घाटे में है। विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक, यहां के 15 ग्रामीण फीडर 65 प्रतिशत से लेकर 81 प्रतिशत तक घाटे में चल रहे हैं। इन 15 फीडर के अंतर्गत 74 गांव आते हैं। बिजली निगम प्रबंधन ने यहां लगातार हो रहे घाटे को दूर करने के लिए घाटे वाले 15 फीडर की पहचान कर उन्हें निजी कंपनी के हवाले करने की योजना तैयार की है। निजी कंपनी पर इन फीडर के अंतर्गत आने वाले गांवों में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए मरम्मत करने से लेकर फाल्ट ठीक करने की जिम्मेदारी होगी। मरम्मत के अलावा नए कनेक्शन जारी करने, मीटर रीडिंग लेने और बिल भुगतान के लिए ऑनलाइन बिल जमा करवाने का भी प्रबंध करना होगा।
कंपनी को उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए शिकायत केंद्र भी चलाने होंगे । ये शिकायत केंद्र 24 घंटे खुले रखने होंगे। ताकि, उपभोक्ताओं की शिकायत मिलते ही बिजली फाल्ट ठीक किए जा सकें। कंपनी को एफआरटी (फॉल्ट रिपेयर टीम) भी तैयार करनी होंगी। कंपनी को विभाग द्वारा निर्धारित शैक्षणिक योग्यता वाले अधिकारी और कर्मचारी रखने होंगे। कंपनी को सेफ्टी इंजीनियर के तौर पर पांच वर्ष का अनुभव रखने वाला बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, डिप्लोमा धारक सुपरवाइजर और आईटीआई पास लाइनमैन रखने होंगे।
मरम्मत के लिए सामान और उपकरण बिजली निगम देगा
बिजली निगम प्रबंधन कंपनी को मरम्मत करने का सामान और उपकरण उपलब्ध करवाएगा। यह सामान प्रत्येक महीने दिया जाएगा। प्रयोग में न आने पर विभाग को सामान वापस किया जाएगा। इसके बाद अगले महीने फिर नए सिरे से सामान लेना होगा। कंपनी को बिजली निगम की तरह ही विभागीय योजनाओं को भी लागू करना होगा। इसमें म्हारा गांव जगमग गांव जैसी योजना के लिए निर्धारित मानकों का भी पालन करना होगा।
गुरुग्राम में सिर्फ मरम्मत का है जिम्मा
बिजली निगम ने गुरुग्राम कुछ उपमंडलों में मरम्मत का काम सौंपा हुआ है। हालांकि, वहां मीटर रीडिंग और बिल वसूलने का काम बिजली निगम खुद करता है। विभाग ने वर्ष 2023 में फरीदाबाद में भी पांच उपमंडल में मरम्मत का कार्य निजी कंपनी को सौंपने की योजना बनाई थी, लेकिन, कर्मचारी यूनियन के विरोध के कारण विभाग को निर्णय वापस लेना पड़ा था।
ग्रेटर फरीदाबाद मंडल में है सबसे ज्यादा घाटा
फरीदाबाद सर्कल में गत वर्ष नवंबर माह तक 7.80 प्रतिशत तक वित्तीय घाटा रहा था। सर्कल के ग्रेटर फरीदाबाद मंडल में सबसे ज्यादा घाटा है। यहां पर वित्तीय वर्ष 2023-24 में घाटा 16.34 प्रतिशत और मौजूदा वित्तीय वर्ष 14.58 प्रतिशत घाटा रहा था। यह रिपोर्ट बीते नवंबर माह तक की है। बल्लभगढ़ मंडल में वित्तीय वर्ष 2023-24 में घाटा 8.40 प्रतिशत और मौजूदा वित्तीय वर्ष 7.78 प्रतिशत है। ओल्ड फरीदाबाद मंडल में वित्तीय वर्ष 2023-24 में घाटा 6.51 प्रतिशत और मौजूदा वित्तीय वर्ष 5.66 प्रतिशत तो एनआईटी मंडल में वित्तीय वर्ष 2023-24 में घाटा 4.50 और मौजूदा वित्तीय वर्ष में मात्र 2.13 प्रतिशत है।