Sharjeel Imam tells Delhi High Court Completely disconnected with Umar Khalid मेरा उमर खालिद से बिल्कुल कोई संबंध नहीं, HC में बोला दिल्ली दंगों का आरोपी शरजील इमाम, Ncr Hindi News - Hindustan
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मेरा उमर खालिद से बिल्कुल कोई संबंध नहीं, HC में बोला दिल्ली दंगों का आरोपी शरजील इमाम

दिल्ली दंगों के आरोपी शरजील इमाम ने गुरुवार को हाईकोर्ट में दलील दी कि उसका उस स्थान, समय और उमर खालिद सहित अन्य आरोपियों से ‘बिल्कुल कोई संबंध नहीं’ था। शरजील इमाम के वकील ने कोर्ट से उसकी जमानत याचिका पर निर्णय करते समय ‘करुणा’ दिखाने का आग्रह किया।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। भाषाFri, 9 May 2025 11:07 AM
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मेरा उमर खालिद से बिल्कुल कोई संबंध नहीं, HC में बोला दिल्ली दंगों का आरोपी शरजील इमाम

दिल्ली दंगे 2020 के एक आरोपी शरजील इमाम ने दिल्ली हाईकोर्ट में दंगों के वक्त उमर खालिद से उसका कोई संबंध नहीं होने की बात कही है। शरजील इमाम ने गुरुवार को हाईकोर्ट में दलील दी कि उसका उस स्थान, समय और उमर खालिद सहित अन्य आरोपियों से ‘बिल्कुल कोई संबंध नहीं’ था। शरजील इमाम के वकील ने जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शालिन्दर कौर की बेंच से उसकी जमानत याचिका पर निर्णय करते समय ‘करुणा’ दिखाने का आग्रह किया।

वकील ने कहा कि उसके भाषणों और वॉट्सऐप पर की गई बातचीत में कभी भी किसी अशांति की बात नहीं की गई। इमाम के वकील ने कहा, "इस लड़के ने लगातार पांच साल से ज्यादा वक्त हिरासत में बिताया है। वह (परिवार का) इकलौता कमाने वाला है। उसकी बूढ़ी मां बीमार है और उसके पिता भी नहीं हैं।"

वकील ने दोहराया कि वह 15 जनवरी 2020 के बाद दिल्ली में नहीं था और उसे पुलिस ने 28 जनवरी, 2020 को बिहार में उसके होम टाउन से एक अलग मामले में गिरफ्तार किया था। उन्होंने दलील दी कि इस वजह से इमाम ने दूसरों के साथ किसी भी ‘षड्यंत्रकारी’ बैठक में भाग नहीं लिया।

अभियोजन पक्ष का षड्यंत्र का मामला आरोपियों के बीच आदान-प्रदान किए गए मैसेज पर आधारित है। इमाम के वकील ने उनके साथ बातचीत से इनकार करते हुए कहा कि वह कथित मुख्य वॉट्सऐप ग्रुप में नहीं था, जहां चक्का जाम पर चर्चा की गई थी।

वकील ने कहा कि इमाम जिस वॉट्सऐप ग्रुप का हिस्सा था, उसमें कोई भी ऐसा मैसेज नहीं था जो ‘दूर से भी हिंसा भड़काने वाला’ हो।

वकील ने कहा, "ऐसा एक भी मैसेज नहीं दिखाया गया, जिससे पता चले कि एक समुदाय को दूसरे समुदाय के खिलाफ खड़ा किया गया हो... हिंसा का एक सबूत बनाम अहिंसा के 40 सबूत अभियोजन पक्ष के मामले को ध्वस्त कर देते हैं।"

वकील ने तर्क दिया कि एक गवाह ने आरोप लगाया था कि वह "उमर खालिद और कुछ अन्य आरोपियों से संबंधित है", लेकिन इमाम का ऐसा कोई संबंध नहीं है।

शरजील इमाम के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ पहले से ही राजद्रोह और घृणास्पद भाषण से संबंधित मामलों में मुकदमा चल रहा है, जिसमें उसे जमानत मिल गई है। उन्होंने कहा कि न्यायिक निर्णयों में पाया गया है कि उनके भाषणों के बाद कोई हिंसा नहीं हुई।

पुलिस के उस मामले के संदर्भ में जिसमें कहा गया है कि उसने शाहीन बाग प्रदर्शन स्थल को खड़ा किया, वकील ने दलील दी कि इमाम ने 2 जनवरी 2020 को यह आशंका जताते हुए खुद को उस स्थल से अलग कर लिया था कि वहां कुछ शरारती तत्व शामिल हो सकते हैं।

वकील का कहना है कि इस मामले को दिसंबर 2019 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हुई हिंसा के साथ नहीं मिलाया जाना चाहिए।

उमर खालिद,शरजील इमाम और कई अन्य पर फरवरी 2020 के दंगों के कथित ‘मास्टरमाइंड’ होने के आरोप में यूएपीए और आईसीपी के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से ज्यादा घायल हो गए थे। इस मामले पर 21 मई को सुनवाई नहीं होगी।