फिलीपींस उन देशों की सूची में पहला देश है जहां तलाक लेना अवैध है। फिलीपींस में तलाक को कैथोलिक चर्च की परंपराओं के विरुद्ध माना जाता है। विदेश में रहने वाले फिलिपिन लोगों को भी इस कानून का पालन करना होता है। अगर कानूनी रूप से विवाहित यहां के लोग विदेश में रहते हुए तलाक लेते हैं तब भी उनके तलाक को फिलीपींस में कभी मान्यता नहीं मिलती।
इस धार्मिक देश में कैथोलिक सिद्धांत और कानून लागू हैं और इसीलिए वेटिकन सिटी में तलाक को कानूनी कार्यवाही के रूप में मान्यता नहीं दी जाती है। कैथोलिक चर्च विवाह को आजीवन प्रतिबद्धता के रूप में देखता है और इसीलिए तलाक को प्रतिबंधित करता है। वेटिकन में तलाक के लिए कोई कानूनी आधार नहीं है। जोड़े सिर्फ अपनी शादी को रद्द करने का विकल्प चुन सकते हैं।
माल्टा में तलाक को कानून द्वारा मान्यता नहीं दी गई है। यह यूरोप का एकमात्र देश है जो तलाक को मान्यता नहीं देता है। हालांकि यहां कुछ खास स्थितियों में विवाह को रद्द करने की अनुमति मिल सकती है।
कैथोलिक चर्च के प्रभाव के कारण हैती में विवाह को एक पवित्र संबंध के रूप में देखा जाता है जिसे आसानी से नष्ट नहीं किया जाना चाहिए और इसीलिए यहां तलाक की अनुमति नहीं दी जाती है। हालांकि धोखाधड़ी, जबरदस्ती या स्वास्थ्य संबंधी जैसे कुछ मामलों में विवाह को रद्द करने की अनुमति दी जाती है।
डोमिनिकन गणराज्य में विवाह को खत्म करने का एकमात्र तरीका विवाह को रद्द करना है। देश की कानूनी प्रणाली शादी को भंग करने के साधन के रूप में तलाक को मान्यता नहीं देती है।
धार्मिक प्रतिबंधों के कारण लेबनान में तलाक प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण है। तलाक को अक्सर अंतिम उपाय के रूप में देखा जाता है।
ग्वाटेमाला में तलाक अवैध है और तलाक लेना बेहद कठिन है। यहां की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराएं विवाह को बहुत महत्व देती हैं और तलाक लेने को अच्छा नहीं माना जाता हैं।
देश की कानूनी प्रणाली पर इस्लामी कानून के प्रभाव के कारण सूडान में केवल कुछ स्थितियों में तलाक की मान्यता मिलती है। यहां विवाह, तलाक और विरासत जैसे मुद्दे इस्लामी कानून द्वारा नियंत्रित होते हैं। इस्लामी कानून के मुताबिक तलाक एक अंतिम उपाय है और इसे केवल कुछ परिस्थितियों में ही अनुमति दी जाती है।