अगर आप भी डिलीवरी के बाद होने वाले हेयर फॉल से परेशान हो चुकी हैं और जल्दी इस समस्या से निजात पाने का कोई असरदार तरीका खोज रही हैं तो ये खबर आपके बहुत काम आने वाली है। इस खबर में यह जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर प्रेग्नेंसी के बाद एक महिला को हेयर लॉस की शिकायत क्यों होती है और कैसे इस समस्या से निजात पाई जा सकती है। Pic Credit: Shutterstock
प्रसव के बाद हेयर फॉल की समस्या एक सामान्य स्थिति है, जो अधिकांश नई माताओं को प्रभावित करती है। यह समस्या हार्मोनल परिवर्तनों के कारण प्रसव के 3-6 महीने बाद शुरू हो जाती है। Pic Credit: Shutterstock
गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ता है,जिससे बाल घने और मजबूत दिखते हैं। लेकिन प्रसव के बाद एस्ट्रोजन का स्तर तेजी से गिरने लगता है, जिससे बाल 'रेस्टिंग फेज' (Telogen Phase) में चले जाते हैं और 3-6 महीने बाद झड़ने लगते हैं। यह स्थिति टेलोजेन एफ्लुवियम (Telogen Effluvium) कहलाती है।
गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान महिला के शरीर को आयरन, प्रोटीन, विटामिन D, और जिंक जैसे अतिरिक्त पोषक तत्वों की जरूरत होती है। यह कमी पूरी नहीं होने की वजह से भी बाल झड़ने लगते हैं।
प्रसव के बाद नींद की कमी, नई जिम्मेदारियां, और शारीरिक थकान तनाव बढ़ने से शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ने लगता है। जो बालों के झड़ने का कारण बनता है।
प्रसव के बाद कुछ महिलाओं में पोस्टपार्टम थायरॉइडाइटिस की समस्या देखी जा सकती है, जिसके कारण भी हेयर फॉल होने लगता है। हाइपोथायरॉइडिज्म या हाइपरथायरॉइडिज्म बालों को कमजोर करता है।
प्रसव के बाद बालों की देखभाल में कमी, पसीना, या हार्मोनल बदलाव स्कैल्प को रूखा या तैलीय बना सकते हैं, जिससे बाल कमजोर होकर झड़ने लगते हैं।
अच्छी डाइट लें और हेयर ऑयल मसाज करवाएं- बालों को झड़ने से रोकने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लें। अपनी डाइट में प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, बायोटिन और आयरन रिच चीजें शामिल करें। इसके अलावा नारियल तेल, बादाम तेल, या अरंडी तेल को हल्का गर्म करके सप्ताह में 2-3 बार स्कैल्प की मालिश करें। Pic Credit: Shutterstock
योग, मेडिटेशन, प्राणायाम या डीप ब्रीदिंग की मदद से तनाव को कम करने की कोशिश करें। इसके अलावा पर्याप्त नींद लेने से भी कोर्टिसोल का स्तर नियंत्रित होता है, जिससे बालों का झड़ना कम होता है।