इंडियन कुकिंग में ढेर सारी वैराइटी है। लेकिन इन वैराइटी में डाइजेशन और पेट का पूरा ख्याल रखा जाता है। अगर आप सही मसालों के साथ सब्जियों और दालों को मिलाकर खाते हैं तो ना केवल ये पूरे न्यूट्रिशन देता है बल्कि पाचन को भी खराब होने से बचाता है। जब भी कुकिंग कर रही हैं तो खाने को इन मसालों के साथ मिलाने के नियम जरूर जान लें। जिससे खाना आसानी से पच जाए।
जब भी राजमा पकाना हो तो उसमे तेज पत्ता जरूर डालें। एक से दो तेज पत्ते राजमा की मात्रा के अनुसार डालने से राजमा की वजह से बनने वाली गैस से छुटकारा मिलता है।
जब मूंग दाल का चीला बनाना है तो गैस और ब्लोटिंग से बचने के लिए मूंग दाल को इलायची, धनिया और काली मिर्च के दानों के साथ भिगो कर पीसें। ऐसा करने से मूंग दाल का चीला आसानी से डाइजेस्ट हो जाएगा।
काबुली चना खाकर पेट फूल जाता है और गैस बनने लगती है। तो इस समस्या से निपटने के लिए हमेशा छोले में जीरा और हींग डालें। ये चने के प्रोटीन को तोड़कर डाइजेशन को आसान बना देता है।
सांभर खाने से पेट में एसिडिटी बन जाती है तो सांभर में कद्दू जरूर डालें। कद्दू की सब्जी शरीर को ठंडक देती है और इसमे मौजूद एल्केलाइन पेट को शांत करता है।
जब भी अरबी, बंडा या आलू जैसी सब्जियों को बनाना हो तो उसमे अजवाइन जरूर डालें। अजवाइन इन जड़ों वाली सब्जी को पचाने में मदद करता है।
पालक बनाते वक्त इसमे नींबू का रस डालें। पालक शरीर में पित्त बढ़ाता है जिससे शरीर गर्म होता है और ब्लोटिंग होती है। नींबू का रस पित्त को बैलेंस कर पालक में मौजूद आयरन अब्जॉर्ब्शन को बढ़ा देता है।
जब भी पत्तागोभी को बनाना हो तो इसमे सरसों के दाने डालें। पत्तागोभी शरीर में वायु बढ़ाती है। इसलिए मस्टर्ड सीड्स ब्लॉटिंग को कम कर डाइजेशन को बढ़ाता है।