अचानक हंसते-खेलते इंसान का गिरकर मर जाना इन दिनों हर किसी की चिंता बढ़ा रहा है। अपनी ही मैरिज ऐनिवर्सरी में डांस करता शख्स हो या फेयरवेल स्पीच दे रही 20 साल की स्टूडेंट... ऐसे कई केसेज हैं जो लोगों के मन में खौफ पैदा कर रहे हैं। डॉक्टर ने बताया है कि ऐहतियात के तौर पर हम क्या कर सकते हैं, जानें डॉक्टर से।
सोशल मीडिया (X) पर न्यूरोसर्जन डॉक्टर विकास ने एक पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर अंशू से बात करक लोगों को जागरूक करने की कोशिश की है। उन्होंने 3 स्टेप स्क्रीनिंग टेस्ट बताए हैं जो अचानक दिल के दौरे के खतरे को कम कर सकते हैं। इससे आप पता कर सकते हैं कि आप में अचानक दिल के दौरे का रिस्क है या नहीं।
डॉक्टर ने 30 साल से ऊपर के सभी लोगों के लिए बेसिक स्क्रीनिंग बताई है जिसे बिना किसी रिस्क और लक्षण वाले लोगों को भी करवाना है। इसमें ईसीजी, ब्लड प्रेशर और कुछ ब्लड टेस्ट करवाने हैं। ये टेस्ट हैं- HbA1c (शुगर), Lipid Profile (कोलेस्ट्रॉल) और Lp (a) (अगर संभव हो तो)।
अगर आपकी हार्टबीट अनियमित है, ब्लड प्रेशर हाई है, या फिर शुगर, कोलेस्ट्रॉल बढ़े हैं तो आपमें अचानक मृत्यु का खतरा है।
अगर स्टेप 1 में आपको कोई रिस्क फैक्टर दिखे तो 2डी इको, टीएमटी या सीएसी स्कोर और धड़कन अनियमित है तो होल्टर मॉनिटरिंग टेस्ट करवाएं।
कमजोर हार्ट मसल, छुपा हुआ ब्लॉकेज, या एरिदमिया... ये सभी SCD (Sudden Cardiac Death) से जुड़े होते हैं। अगर स्टेप 2 में हार्ट रिस्क मिले तो आपको अडवांस्ड स्क्रीनिंग की जरूरत है।
अडवांस स्क्रीनिंग के लिए आपको कार्डिएक एमआरआई/ सीटी कोरोनरी एंजियोग्राफी (Cardiac MRI / CT Coronary Angiography) करवाना चाहिए। इसके अलावा जेनेटिक टेस्टिंग करवाएं कि परिवार में कोई मौत हार्ट अटैक से तो नहीं हुई। इसके साथ LVEF की जांच (Echo/MRI) से करवाएं। नोट: यह टेस्ट जागरूकता के लिए है। अपने डॉक्टर से बात करके ही ये टेस्ट करवाएं। डॉक्टर विकास सलाह देते हैं कि टेस्ट सरकारी संस्था में करवाएं।