हार का डर या कोई गेम प्लान! क्यों बिना लड़े ही AAP ने छोड़ दी ‘छोटी सरकार’
- AAP Announcement On Mayor Election: आम आदमी पार्टी ने आज ऐलान कर दिया है कि 25 अप्रैल को होने वाले मेयर चुनावों में पार्टी अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। इसकी बड़ी वजह है बहुमत जो अब भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में है। पार्टी ने बिना लड़े ही अपनी हार मान ली है।

Delhi MCD Mayor Election: दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने नगर निगम के मेयर चुनाव से दूरी बना ली है। पार्टी ने बिना लड़े ही अपनी हार मान ली है। पार्टी ने ऐलान किया है कि इस महीने के आखिर में होने वाले मेयर चुनावों में पार्टी अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। इसकी बड़ी वजह है बहुमत जो अब भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में है। आम आदमी पार्टी का आरोप है कि साल 2022 के नगर निगम चुनाव हारने के बाद भी भाजपा उनके पार्षदों को तोड़ने का काम करती रही। नगर निगम चुनावों में भाजपा के 104 और आम आदमी पार्टी के 134 पार्षद जीते थे। हालांकि अब समीकरण बदल गए हैं। अब भाजपा के पास 117 पार्षद हैं और आम आदमी पार्टी के पास 113 पार्षद है। वहीं 117 पार्षदों के अलावा 11 विधायक और सात लोकसभा सांसदों को मिलाकर भाजपा के पास 135 वोट हैं जबकि आप के पास 113 पार्षदों के अलावा 3 विधायक और 3 राज्यसभा सांसदों को मिलाकर 119 वोट हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी भी समझ चुकी है कि 2022 में मिली जीत उनके हाथों से निकल गई है। हालांकि एक बड़ा सवाल ये भी है कि क्या केवल हार के डर से आम आदमी पार्टी ने बिना लड़े 'छोटी सरकार' छोड़ दी या फिर इसके पीछे भी कोई गेम प्लान है।
कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटने का डर
दिल्ली में इसी साल फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को मुंह की खानी पड़ी थी और भाजपा ने 27 साल बाद सत्ता में वापसी की थी। इस हार से आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा था क्योंकि खुद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया जैसे नेता तक अपनी सीट नहीं बचा पाए थे। ऐसे में अगर अब आम आदमी पार्टी नगर निगम का मेयर चुनाव भी हार जाती जो कि लगभग तय था, तो पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट जाता और पार्टी ऐसा बिल्कुल नहीं चाहती थी। इसके अलावा लगातार दो चुनाव हारने क बाद लोगों के सामने पार्टी की छवि हारी हुई पार्टी के रूप में बन जाती।
ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने का मौका देकर भाजपा को ही घेरने की तैयारी
साल 2022 में जब नगर निगम के चुनाव हुए थे तो माना जा रहा था कि कहीं ना कहीं भाजपा हार कर भी खुश थी क्योंकि राज्य के साथ एमसीडी में भी आप की सरकार थी और अब पार्टी कामों को लेकर भाजपा पर आरोप नहीं लगा सकती। अब ऐसा ही आम आदमी पार्टी चाहती है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि अब दिल्ली में भाजपा की ट्रिपल इंजन की सरकार होगी। ऐसे में अब भाजपा को बिना किसी बहाने के लोगों का काम पूरा करना होगा। दरअसल मेयर चुनाव से पीछे हटने के बाद आम आदमी पार्टी को भाजपा को घेरने का बड़ा मौका मिल गया है। किसी भी मुद्दे को लेकर पार्टी भाजपा को और मजबूती से घेरेगी क्योंकि अब तीनों ही जगह भाजपा की सरकार होगी, ऐसे में 'आप' के पास दिल्ली के लोगों के सामने कहने का ये मौका होगा अब कहीं कोई काम अटकने की कोई वजह ही नहीं है।
आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने भी कहा है कि अब भाजपा को बिना किसी बहाने के काम करना होगा क्योंकि केंद्र, एलजी, दिल्ली सरकार और एमसीडी में सरकार को मिलाकर ये चार इंजन की सरकार चलाएंगे। ऐसे में अब चाहें कूड़े के पहाड़ हों, मॉनसून में पानी जमा होने का मुद्दा हो, पलूशन का मुद्दा हो या जाम की समस्या हो या अपराध की घटनाएं, सारी चीजों से निपटने की जिम्मेदारी बीजेपीकी है। सौरभ भारद्वाज ने दावा भी किया है कि एक महीने के अंदर भाजपा लोगों के सामने एक्सपोज हो जाएगी। हालांकि एक बड़ा सवाल और है। अगर आम आदमी का प्लान ट्रिपल इंजर सरकार के जरिए भाजपा को एक्सपोज करने का है तो क्या 2027 में होने वाले चुनाव भी आम आदमी पार्टी नहीं लड़ेगी?
क्या अपने ही प्लान में फंस जाएगी AAP?
दिल्ली में अगला एमसीडी चुनाव 2027 में होना है। यानी चुनाव में केवल ढाई साल बाकी बचे हैं। अगर आम आदमी पार्टी ट्रिपल इंजर की सरकार बनाने का मौका देकर भाजपा को एक्सपोज करने का प्लान बना रही है तो क्या 2027 का चुनाव भी पार्टी नहीं लड़ेगी? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि पार्टी अगर चुनावल लड़ती है और जीत जाती है तो क बार फिर पार्टी एमसीडी में आ जाएगी जबकि राज्य सरकार भाजपा की होगी। ऐसे में पिछले ढाई सालों में भाजपा को घेरने के लिए की गई सारी मेहनत खराब हो सकती है।