Killing animals against culture sacrifice allowed Animal Husbandry Minister Zoraram Kumawat Bakri जीव हत्या हमारी संस्कृति के खिलाफ, बलि की इजाजत नहीं, बकरीद पर बोले पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत, Jaipur Hindi News - Hindustan
Hindi Newsराजस्थान न्यूज़जयपुरKilling animals against culture sacrifice allowed Animal Husbandry Minister Zoraram Kumawat Bakri

जीव हत्या हमारी संस्कृति के खिलाफ, बलि की इजाजत नहीं, बकरीद पर बोले पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत

बकरीद (ईद उल अजहा) से पहले राजस्थान में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। पहली बार प्रदेश से 9350 बकरे एयर कार्गो के जरिए खाड़ी देशों को एक्सपोर्ट किए गए हैं। शेखावाटी, सिरोही और बीकानेर नस्ल के इन बकरों को कुर्बानी के लिए भेजा गया है।

Sachin Sharma लाइव हिन्दुस्तानSat, 7 June 2025 11:30 AM
share Share
Follow Us on
जीव हत्या हमारी संस्कृति के खिलाफ, बलि की इजाजत नहीं, बकरीद पर बोले पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत

बकरीद (ईद उल अजहा) से पहले राजस्थान में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। पहली बार प्रदेश से 9350 बकरे एयर कार्गो के जरिए खाड़ी देशों को एक्सपोर्ट किए गए हैं। शेखावाटी, सिरोही और बीकानेर नस्ल के इन बकरों को कुर्बानी के लिए भेजा गया है। लेकिन इस पर अब सियासत गरमा गई है। राजस्थान के देवस्थान और पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने इस पूरे मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।

मंत्री जोराराम ने दो टूक कहा— “बकरा भी एक जीव है, और उसे काटना हमारी सनातन संस्कृति के खिलाफ है। यह वसुधैव कुटुंबकम् की भावना का उल्लंघन है। हमारी संस्कृति में किसी भी जीव की बलि को मंजूरी नहीं है।”

उन्होंने साफ तौर पर कहा कि चाहे त्योहार कोई भी हो, "जीव हत्या का समर्थन नहीं किया जा सकता।" मंत्री ने बकरे के एक्सपोर्ट को लेकर भी सवाल खड़े किए और कहा कि “अगर नियमों के खिलाफ कोई निर्यात हुआ है, तो निश्चित ही जांच होगी और कार्रवाई भी की जाएगी।”

पहली बार राजस्थान से बकरों का विदेश एक्सपोर्ट

इस बार खास बात यह है कि ईद उल अजहा के पहले राजस्थान से बड़ी संख्या में बकरे पहली बार हवाई मार्ग से विदेश भेजे गए हैं। इन्हें कुर्बानी के लिए खाड़ी देशों में एक्सपोर्ट किया गया है। यह जानकारी सामने आते ही सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई, वहीं धार्मिक संगठनों की भी तीखी प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं।

“बलि परंपरा नहीं, रोज़गार का साधन समझें”

मंत्री कुमावत ने यह भी जोड़ा कि "ये सभी जीव किसी न किसी पशुपालक की रोजी-रोटी का जरिया हैं। राजस्थान जैसे राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और जीडीपी में इनका अहम योगदान है।" उन्होंने कहा कि हमें जानवरों को सिर्फ कुर्बानी का माध्यम नहीं, बल्कि सहजीवन का साथी मानना चाहिए।

बकरीद पर रोक?

जब पत्रकारों ने मंत्री से यह पूछा कि क्या सरकार बकरीद पर बकरों की कुर्बानी पर कोई रोक लगाने जा रही है, तो उन्होंने कहा— “फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है, लेकिन हम स्पष्ट रूप से मानते हैं कि जीव हत्या गलत है।”

विपक्ष और धार्मिक संगठन सकते में

मंत्री के इस बयान के बाद सियासी और धार्मिक हलकों में खलबली मच गई है। मुस्लिम संगठनों ने इसे धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप बताया है, जबकि हिंदू संगठनों ने मंत्री के बयान का समर्थन करते हुए इसे "संस्कृति की रक्षा" बताया है।

क्या अब राजस्थान बनेगा कुर्बानी मुक्त राज्य?

मंत्री के बयान ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है— क्या अब राजस्थान में बकरीद पर कुर्बानी की परंपरा पर रोक लग सकती है? क्या सरकार इस दिशा में कोई कानूनी पहल करेगी? और क्या यह धार्मिक स्वतंत्रता पर असर डालेगा?

फिलहाल एक बात तय है— बकरीद से पहले बकरे की कुर्बानी पर उठे इस विवाद ने प्रदेश की राजनीति और समाज में नई बहस को जन्म दे दिया है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।