कागजों में कानून का राज,जमीन पर माफिया राज! जानिए ऐसा क्यों बोले नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली?
राजस्थान में अवैध बजरी खनन के खिलाफ कार्रवाई करने गई पुलिस टीम को गुरुवार देर रात चौथ का बरवाड़ा क्षेत्र में भारी विरोध का सामना करना पड़ा। मौके पर पहुंचे डीएसपी लाभूराम विश्नोई की निजी बोलेरो को खनन माफिया ने आग के हवाले कर दिया, जबकि पुलिस टीम जान बचाकर बनास नदी की ओर भागी।

राजस्थान में अवैध बजरी खनन के खिलाफ कार्रवाई करने गई पुलिस टीम को गुरुवार देर रात चौथ का बरवाड़ा क्षेत्र में भारी विरोध का सामना करना पड़ा। मौके पर पहुंचे डीएसपी लाभूराम विश्नोई की निजी बोलेरो को खनन माफिया ने आग के हवाले कर दिया, जबकि पुलिस टीम जान बचाकर बनास नदी की ओर भागी। घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है।
पुलिस पहुंची डंडे लेकर, माफिया उतरे लाठी,आग लेकर
जानकारी के अनुसार, डीएसपी लाभूराम विश्नोई सरकारी गाड़ी थाने में छोड़कर निजी बोलेरो से कार्रवाई के लिए रवाना हुए थे। बनास नदी किनारे खनन रोकने की कोशिश की गई, लेकिन पुलिस की मौजूदगी के बाद माफियाओं ने लाठियों, पत्थरों और आग से जवाब दिया। इस दौरान बोलेरो में आग लगा दी गई। पुलिस कर्मी जान बचाने के लिए खेतों और नदी की ओर भागे।
अफरा-तफरी में ट्रैक्टर चालक की मौत, पुलिस पर गंभीर आरोप
घटना के दौरान भगदड़ मच गई और एक ट्रैक्टर चालक, सुरज्ञान मीणा, की मौके पर मौत हो गई। मृतक के परिजनों का आरोप है कि डीएसपी ने लोहे की सरिया से हमला किया, जिससे उसकी जान गई। परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि बिना सूचना के शव को सीधा मॉर्च्युरी भेज दिया गया।
थाने पर भीड़, सड़कों पर आक्रोश
घटना के बाद शुक्रवार सुबह चौथ का बरवाड़ा थाने के बाहर भारी संख्या में ग्रामीण एकत्र हो गए। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि जब तक डीएसपी पर हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं होता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। स्थानीय नेताओं ने भी प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया है।
प्रशासन की सफाई
एसपी ममता गुप्ता का कहना है कि मामले की जांच जारी है और जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, सवाल उठ रहा है कि खनिज विभाग की टीम मौके पर क्यों नहीं थी और क्या कार्रवाई पूर्व नियोजित थी?
क्या राजस्थान में कानून का राज बचा है?
मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का कहना है कि जब पुलिस को अवैध खनन माफिया के आगे पीछे हटना पड़ा हो। पूरे प्रदेश में लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जहां माफिया बेखौफ हैं और पुलिस बल असहाय। सवाल ये भी उठ रहा है कि डीएसपी की जो बोलेरो जली, वह निजी क्यों थी और क्या इस कार्रवाई को लेकर प्रशासन की कोई स्पष्ट रणनीति थी?
नेता प्रतिपक्ष ने मांगा जवाब
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने घटना की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री से तत्काल जवाब मांगा है। उन्होंने कहा कि यह घटना राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
कागज़ों में कानून का राज है, ज़मीन पर माफिया का"—सवाई माधोपुर की यह रात इस कहावत को हकीकत में बदलती नजर आई है। अब वक्त है जवाबदेही का, वरना सवाल सड़कों पर उतरेंगे।
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