मरूधरा में कौन करा रहा है जाट,राजपूत! बेनीवाल के क्षत्रिय वाले बयान से क्यों गरमाई सियासत ?
हनुमान बेनीवाल के एक बयान से राजपूत और जाट समाज के बीच संघर्ष पैदा हो गया है। सांसद हनुमान बेनीवाल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वो कह रहे है कि जाट सबसे बड़ा क्षत्रिय है उसके बाद यादव है फिर गुर्जर है।

हनुमान बेनीवाल के एक बयान से राजपूत और जाट समाज के बीच संघर्ष पैदा हो गया है। सांसद हनुमान बेनीवाल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वो कह रहे है कि जाट सबसे बड़ा क्षत्रिय है उसके बाद यादव है फिर गुर्जर है। बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान में लड़ाके नहीं रहे राजस्थान का इतिहास बताता है कि लोगों को लड़ने की आदत नहीं रही बेनीवाल का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी की आईटी सेल दोनों समाज के बीच दूरियां पैदा कर रहा है आप सभी को याद होगा कि जब पद्मावती फिल्म का विषय आया तब मैं ही था जो राजपूत समाज के साथ खड़ा था।
दरअसल, बेनीवाल ने हाल ही में कहा था कि राजस्थान में हमेशा से सेटलमेंट होता रहा है और जब मुगलों की सेना आती थी तो यहां के लोग अपनी बेटियां के रिश्ते पहले ही 70 किलोमीटर दूर लेकर पहुंच जाते थे। इस बयान से आहत होकर राजपूत समाज ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। खांगटा ने कहा कि अगर वे योद्धा मुगलों से नहीं लड़े होते तो आज की सांस्कृतिक परंपरा जीवित नहीं होती। उन्होंने बेनीवाल पर "लाशों के सौदागर" होने और जातियों में जहर घोलने का आरोप भी लगाया।
मामले को लेकर जब लाइव हिंदुस्तान ने सांसद हनुमान बेनीवाल से बात की तो उन्होंने बताया कि क्षत्रिय कोई एक समाज के लिए नहीं है जो लड़ा है वो क्षत्रिय है,क्षत्रिय कोई शब्द नहीं है वर्ण है। मैनें किसी एक समाज को टारगेट करते हुए कोई बात नहीं कही है।
मारवाड़ राजपूत सभा भवन के सचिव केवी सिंह चांदरख ने भी बेनीवाल की आलोचना करते हुए कहा कि वे राजनीति में पिछड़ रहे हैं, इसलिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब वह समय नहीं रहा जब दो जातियों को आपस में लड़ाकर राजनीतिक लाभ उठाया जा सके। उन्होंने चेतावनी दी कि सर्व समाज की बैठक बुलाकर इस पर आगे की रणनीति तय की जाएगी।
शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने भी बेनीवाल के बयान की निंदा करते हुए कहा कि राजस्थान की धरती वीरों की है और ऐसे शब्द इस धरती के गौरव का अपमान हैं। उन्होंने कहा कि जनता ने पहले भी ऐसे नेताओं को जवाब दिया है और आगे भी देगी।
राजपूत समाज का कहना है कि बप्पा रावल से लेकर महाराणा प्रताप, वीर दुर्गादास और महाराजा अजीत सिंह जैसे योद्धाओं ने राजस्थान की अस्मिता की रक्षा की है। अगर वे शूरवीर नहीं होते, तो राजस्थान की पहचान कुछ और होती। समाज ने इस बयान को न सिर्फ राजपूत बल्कि समस्त वीर समाज का अपमान बताया है।