क्या आपको पता है कि आप जेब में ड्राइविंग लाइसेंस रखे बिना भी ड्राइविंग कर सकते हैं और आपका चालान नहीं होगा? इसके लिए आपके फोन में कुछ ऐप्स और DL की डिजिटल कॉपी होनी चाहिए।
ऐसे प्रस्ताव पर सरकार इसलिए विचार कर रही है क्योंकि करीब 40 फीसदी ई-चालान का ही लोग भुगतान करते हैं। ऐसे में चालान की रिकवरी बढ़ाने के लिए नियमों को सख्त करने की तैयारी है। इसके अलावा लाइसेंस पर ही खतरा दिखेगा तो लोगों में ड्राइविंग को लेकर कुछ गंभीरता भी देखने को मिल सकती है।
अब लर्निंग डीएल के लिए आरटीओ कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे। लर्निंग लाइसेंस व कई अन्य सुविधाओं के लॉनलाइन आवेदन कर कर सकते हैं इसके लिए सिर्फ 30 रुपये शुल्क इन केन्द्रों पर देना होगा।
यूपी के बिजनौर में एक हजार रुपए फाइन लगने के बाद कार में भी हेलमेट लगाकर ड्राइविंग का वीडियो वायरल हो रहा है। एएसपी ने फाइन लगाने की जांच का आदेश दिया है।
यूपी में अब डीएल के लिए जुगाड़ तकनीक नहीं चल सकेगी। अभी तक बिना गाड़ी चलाकर दिखाए लाइसेंस बन जाते थे। अब नई व्यवस्था में ऐसा नहीं हो सकेगा। गाड़ी चलाकर दिखाना होगा। इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी होगी। सभी आरटीओ में जल्द ही यह नई व्यवस्था लागू हो जाएगी।
पटना और औरंगाबाद के बाद एक मार्च से पूरे बिहार में ड्राइविंग टेस्ट के नियम बदल जाएंगे। जिसमें ऑटोमैटिक टेस्टिंग ट्रैक ट्रायल अनिवार्य होगा। सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में आवेदकों को टेस्ट देना होगा। नई व्यवस्था से ड्राइविंग लाइसेंस में पारदर्शिता बढ़ेगी।
एडीजी ट्रैफिक सुधांशु कुमार ने बताया कि नियमानुसार तीन बार यातायात नियम तोड़ने पर ड्राइविंग लाइसेंस तीन महीने के लिए रद्द किया जा सकता है। इसके बाद भी ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने से बाज नहीं आने वालों का ड्राइविंग लाइसेंस हमेशा के लिए रद्द किया जा सकते हैं या सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
पुलिस अब ट्रैफिक नियम तोड़ने का रिकॉर्ड बनाने वाले ड्राइवरों का सिर्फ ड्राइविंग लाइसेंस ही नहीं रद्द करेगी बल्कि उन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन भी कैंसिल करवाएगी। गोरखपुर में 21 वाहनों का आरसी कैंसिल करने के लिए पुलिस ने आरटीओ को चिट्ठी लिखी है।
पुलिस का कहना है कि रात के समय नशे में वाहन चलाने वालों को पकड़ने के लिए चौराहों पर एल्कोमीटर से जांच होती है। बीते सोमवार की देर रात कार हादसे के बाद अफसरों ने एल्कोमीटर से जांच पर सख्ती की है।
लोग पड़ोसी राज्य में जाकर मामूली कागजात की व्यवस्था कर काफी आसानी से ड्राइविंग लाइसेंस बनवा कर चले आ रहे हैं। इससे राजस्व की तो क्षति हो ही रही है। साथ ही संसाधन का भी दुरुपयोग हो रहा है।