तिब्बत में मंगलवार सुबह आए 7.1 तीव्रता के भूकंप के पैटर्न में वैज्ञानिकों ने बड़ा बदलाव पाया। आमतौर पर भूकंप की तरंगें पूर्व से पश्चिम की ओर जाती हैं, लेकिन इसमें उत्तर से दक्षिण की ओर गईं। हिमालयी रीजन में दक्षिण की ओर आबादी ज्यादा होने के कारण इस पैटर्न के भूकंप ज्यादा नुकसान करेंगे।
देश के जाने माने भू-वैज्ञानिक डॉ. परमेश बनर्जी का मानना है कि देहरादून से लेकर काठमांडू के बीच 8 की तीव्रता के भूकंप का खतरा है। उन्होंने कहा कि 500 साल की एनर्जी अंदर जमा हो चुकी है।
उत्तरकाशी में आधी रात को भूकंप के झटके महसूस किए गए। जिस समय झटके आए तब लोग गहरी नींद में सोए हुए थे। अचानक धरती के हिलने से कुछ लोग डर गए और घर से बाहर निकल गए। रिक्चर स्केल पर तीव्रता 3.1 रही।
उत्तराखंड में एक बार फिर धरती डोली है। उत्तराखंड में 24 घंटे के अंदर दूसरी बार भूकंप के झटके आए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी वेबसाइट के अनुसार, उत्तरकाशी में भूकंप सुबह 3.49 बजे करीब आया।
भूकंप कब, कहां और कितनी तीव्रता का आएगा, इसके पूर्वानुमान की तकनीक अभी तक उपलब्ध नहीं है। भू-वैज्ञानिकों ने भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों की शिनाख्त अवश्य की है।
उत्तराखंड में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, नैनीताल, रुद्रपुर, काशीपुर, ऋषिकेश, पौड़ी , बीरोंखाल, धुमाकोट आदि शहरों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए।
उत्तराखंड में एक बार फिर धरती डोली है। सोमवार सुबह भूकंप के झटकों के बाद लोग दहशत में आए गए थे। भूकंप के झटकों के बाद लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थान पर चले गए।
उत्तराखंड में एकबार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। पिथौरागढ़ में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। विभाग मिली जानकारी के अनुसार, आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.1 मापी गई है।
उत्तराखंड में आज 04 मई को भूकंप के झटके महसूस किए गए है। गुरुवार को बदरीनाथ,और केदारनाथ वाले जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटकों के बाद लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए।
यूरोपियन जियोसाइंसेज यूनियन नैचुरल हैजार्ड्स एंड अर्थ सिस्टम साइंसेज में पिछले महीने प्रकाशित एक शोध पत्र में यह दावा किया गया है कि जोशीमठ की पहाड़ी ढलानों में विस्थापन 20-25 मीटर तक पहुंच सकता है।