फल-सब्जी मंडी में बदइंतजामी का राज, कारोबारी हैं निराश
Agra News - Bole agra, Mismanagement prevails in the fruit and vegetable market, traders are disappointed
आगरा। शहर की नवीन फल एवं सब्जी मंडी सिकंदरा के कारोबारी गंदगी की परेशानी से जूझ रहे हैं। कई एकड़ में फैले मंडी परिसर में जगह-जगह सीवर के ढक्कन खुले हुए हैं। इसके चलते मंडी में हादसे हो जाते हैं। यहां आने वाले कारोबारी, कर्मचारी और किसान सीवर के खुले गड्ढ़ों में गिरकर घायल हो जाते हैं। आरोप है कि मंडी में बनी कई दुकानों पर लोगों ने कब्जा कर लिया है। लेकिन संबंधित द्वारा उस पर कार्रवाई नहीं की गई। फल और सब्जी मंडी के कारोबारियों ने संवाद कार्यक्रम में अपनी परेशानियां बयान की। आरोप लगाया कि मंडी के अधिकारी विकास कार्यों में लापरवाही बरत रहे हैं।
आगरा दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित नवीन फल एवं सब्जी मंडी सिकंदरा से हजारों परिवारों की रोजी रोटी चलती है। मंडी में सब्जी के लिए अलग, फल के लिए अलग दुकानों का आवंटन किया गया है। मंडी के कारोबारी कश्मीर से कन्याकुमारी तक व्यापार करते हैं। सरकार को करोड़ों की राशि यूजर चार्ज के तौर पर देते हैं। इसके बावजूद मंडी में सुविधाओं का अभाव खलता है। सबसे ज्यादा दिक्कत पीने के पानी की है। मंडी प्रशासन के रिकार्ड में कई जगह आरओ लगे हुए हैं। यह अलग बात है कि इनमें से कोई कार्यरत नहीं। सार्वजनिक शौचालय की स्थिति भी खराब है। यहां देश के कोने कोने से कारोबारी व्यापार के सिलसिले में आते हैं। मंडी की हालत देखकर वो दंग रह जाते हैं। मंडी में कदम कदम पर गंदगी का अंबार नजर आता है। संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा बना रहता है। परेशान कारोबारियों का कहना है कि दिक्कतें लगातार बढ़ती जा रही है। गंदगी और दुर्गंध की वजह से सांस लेना तक मुश्किल हो गया है। व्यापारियों ने मंडी में व्यापक सफाई अभियान चलाए जाने की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि अधिकारियों को सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए इंतजाम करने होंगे। तभी मंडी का विकास हो पाएगा। कारोबारियों और किसानों को राहत मिल पाएगी। बताया जाता है कि मंडी का निर्माण वर्ष 2000-2001 में हुआ था। इसके बाद व्यापारियों के दुकानों का आवंटन किया गया था। मंडी निर्माण के पीछे उद्देश्य था कि व्यापारियों को राहत मिले। उनकी सुविधाओं में इजाफा हो। सिकंदरा सब्जी और फल मंडी को दो भागों में बांटा गया है। इनमें एक हिस्सा फल मंडी का है। यहां करीब 150 दुकाने फल का व्यापार करने वाले कारोबारियों को आवंटित की गई हैं। सब्जी मंडी में करीब 131 दुकाने हैं। फल मंडी के दुकानदारों को एक दिक्कत ये भी है कि यहां वर्ष 2005 से चुनाव नहीं हुआ है। कारोबारियों ने बताया कि पुराने पदाधिकारी उनकी बात अधिकारियों तक नहीं पहुंचाते हैं। ना ही चुनाव होने देते हैं। कारोबारियों ने मंडी में चुनाव कराए जाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि मंडी के गेट पर हर समय जाम के हालात रहते हैं। सब्जी मंडी के दुकानदार अपनी दुकानों के सामने फड़ लगवा देते हैं। इससे लोडिंग वाहनों का आवागमन प्रभावित होता है। सुबह के वक्त मंडी में दो पहिया वाहन लेकर या पैदल चलना तक मुश्किल हो जाता है। इसके साथ ही मंडी में चोरी की कई वारदातें भी सामने आई हैं। परिसर के अंदर से लोगों के वाहन चोरी हो चुके हैं। कारोबारियों ने मंडी में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता किए जाने की मांग भी उठाई है। मंडी में चुनाव कराए जाने की उठाई मांग मंडी के फल कारोबारियों ने परिसर में चुनाव कराए जाने की मांग उठाई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2005 में मंडी के चुनाव हुए थे। इसके बाद से प्रक्रिया ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है। दोबारा चुनाव नहीं कराए गए हैं। मंडी कारोबारियों ने बताया कि दोबारा चुनाव न पाने की वजह से व्यापारियों का प्रतिनिधित्व सही से नहीं हो पा रहा है। पदाधिकारी उनकी समस्याओं को सुनकर अनसुना कर देते हैं। कारोबारियों का कहना है कि मंडी में चुनाव कराया जाना बहुत जरूरी है। नई कार्यकारिणी का गठन होना चाहिए। फड़ ने बढ़ाई सब्जी कारोबारियों की परेशानी मंडी में सड़क पर लगने वाली फड़ कारोबारियों के लिए बड़ी परेशानी बनी हुई हैं। कारोबारियों ने बताया कि सुबह मंडी खुलने के साथ ही परिसर में जगह जगह जमीन पर फड़ सज जाती है। हालात ये बन जाते हैं कि वाहन नहीं निकल पाते। परिसर में बाइक लेकर निकलना या पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। फड़ के चलते मंडी में जाम के हालात बने रहते हैं। कारोबारियों का कहना है कि अधिकारियों को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। मंडी में फड़ सजाने वालों के लिए अलग से इंतजाम होना चाहिए। लोगों ने दुकानों पर कर लिया अवैध कब्जा फल एवं सब्जी मंडी में शिकायतों की लंबी फेहरिस्त है। इनमें कारोबारियों की एक शिकायत ये भी है कि मंडी में कई लोगों ने अवैध तरीके से खाली पड़ी दुकानों पर कब्जा जमा लिया है। कई ने दुकानों के अंदर अनाधिकृत गोदाम बना लिए हैं। कई ऐसे भी हैं जो इन दुकानों से अपना कारोबार चला रहे हैं। कारोबारियों ने बताया कि वो कई बार मंडी अधिकारियों से इस बारे में शिकायत भी कर चुके हैं। अब तक कब्जा करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। सभी ने दुकानों से कब्जा हटाने की मांग की। मंडी के गेट पर हर समय रहता है जाम मंडी कारोबारियों और किसानों के लिए जाम भी बड़ी समस्या बना हुआ है। मंडी खुलते ही मुख्य गेट पर जाम के हालात बन जाते हैं। मंडी के अंदर वाहन लेकर आना। वाहन लेकर मंडी से बाहर जाना। मुश्किल हो जाता है। जाम की वजह से एक मिनट का सफर तय करने में काफी समय लग जाता है। मंडी कारोबारियों ने प्रशासन से मंडी के आसपास बेहतर ट्रैफिक प्लान बनाए जाने की मांग की है। उनका कहना है कि ट्रैफिक पुलिस मुस्तैदी से ड्यूटी करे तो जाम की समस्या का समाधान हो जाएगा। यहां देश के कई राज्यों से चलता है व्यापार सिकंदरा सब्जी मंडी की गिनती उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी मंडियों में होती है। यहां कश्मीर और शिमला से सेब आता है। महेलाबाद, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, सहारनपुर, बुलंदशहर, एटा, मालेगांव महाराष्ट्र, हरिद्वार और उत्तराखंड से आम आता है। तेलंगाना आंध्रप्रदेश से सफेदा आम आता है। नासिक से अंगूर आता है। सिलिगुड़ी से अन्ननास, तमिलनाडू से नारियल और गुजरात से चीकू आता है। अलवर से प्याज आती है, चेन्नै से नींबू आता है। आगरा की मंडी से मध्यप्रदेश, राजस्थान और यूपी के कई जिलों में फल और सब्जी की सप्लाई की जाती है। वर्जन फोटो - मंडी में वर्ष 2005 में कार्यकारिणी के चुनाव हुए थे। इसके बाद से मंडी में अब तक चुनाव नहीं हुए हैं। मंडी में चुनाव कराया जाना बहुत जरूरी है। तभी हमारी शिकायतों और समस्याओं पर सही से सुनवाई हो पाएगी। मौहम्मद जीशान, मंडी कारोबारी मंडी के अंदर, बाहर हर समय जाम के हालात बने रहते हैं। इससे कर्मचारियों के साथ किसानों को भी परेशानी उठानी पड़ती है। किसानों को मंडी के अंदर वाहन लाने में काफी दिक्कत होती है। इसका समाधान होना चाहिए। देवेंद्र सिंह सिसोदिया, मंडी कारोबारी मंडी में गंदगी की विकराल समस्या है। परिसर में जहां तक नजर जाती है। वहां केवल गंदगी ही नजर आती है। परिसर में सफाई व्यवस्था की हालत खराब है। यहां नियमित रूप से सफाई अभियान चलाए जाने की जरूरत है। हेमंत कुमार, मंडी कारोबारी मंडी की मेंटिनेंस के लिए कारोबारियों से यूजर चार्ज लिया जाता है। लेकिन परिसर में सुविधाओं का अभाव ही नजर आता है। मंडी में यूजर चार्ज से विकास कराया जाना चाहिए। किसानों के लिए मंडी में पर्याप्त सुविधाएं नहीं है। गजेंद्र सिंह सिसोदिया, मंडी कारोबारी सब्जी मंडी में कारोबारियों के लिए फड़ बड़ी परेशानी बने हुए हैं। लोग परिसर में कही भी फड़ सजाकर फल और सब्जी बेचने लगते हैं। इससे आवागमन प्रभावित होता है। परिसर में आने जाने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है। मौहम्मद अजीम , मंडी कारोबारी मंडी परिसर में कई स्थानों पर सड़कें उबड़ खाबड़ हैं। इस वजह से परिसर के अंदर रिक्शा ले जाने में काफी दिक्कत होती है। कई स्थानों पर चढ़ान है। जब रिक्शा में माल लोड होता है। तब रिक्शा चलाने में बहुत दिक्कत होती है। पांडे - रिक्शा चालक मंडी में पेयजल का कोई इंतजाम नहीं है। सभी को पानी खरीदकर पीना पड़ता है। काफी समय पहले परिसर में आरओ प्लांट लगाए गए थे। जो तीन-चार दिन चलने के बाद खराब हो गए। गर्मी के मौसम में दिक्कत बढ़ जाती है। मौहम्मद अखलाक, मंडी कारोबारी मंडी में कई कई दिन तक सफाई नहीं होती। कूड़ा निस्तारण का कोई इंतजाम नहीं है। कई बार जब कूड़ा ज्यादा हो जाता है। तो कारोबारी मजबूरी में उसका निस्तारण करने के लिए आग लगा देते हैं। अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए। रिंकू , मंडी कारोबारी परिसर में ऑनलाइन नीलामी चबूतरे पर भी सुविधाओं का अभाव है। यहां रात के वक्त लाइटें नहीं जलती हैं। अंधेरा रहता है। इससे कारोबारियों को काफी दिक्कत होती है। कुछ लोगों ने अवैध रूप से दुकानों पर कब्जा जमा रखा है। सोनू, मंडी कारोबारी मंडी परिसर में सुबह से शाम तक आवारा पशुओं का जमावड़ा रहता है। पशुओं को पीने का पानी नहीं मिलता है। भूखे प्यासे होने पर पशु मंडी में इधर-उधर भागते हैं। आवारा पशुओं की वजह से मंडी में कई बार हादसे हो चुके हैं। चेतन कुमार , मंडी कारोबारी मंडी परिसर में कारोबारियों को सप्लाई का जो पानी मिलता है। वह बहुत ही खारा है। केवल बर्तन धोने के काम आ पाता है। मंडी परिसर में कारोबारियों के लिए स्वच्छ पेयजल का इंतजाम किया जाना चाहिए। इससे सभी को राहत मिलेगी। नवीन कुमार , मंडी कारोबारी परिसर में सीवर की विकराल समस्या है। काफी समय से सीवर की सफाई नहीं हुई है। जगह जगह सीवर लाइन के ढक्कन खुले पड़े हैं। रात के वक्त कई बार हादसे हो चुके हैं। रोजाना वाहन फंस जाते हैं। समस्या का जल्दी समाधान हो। दौलत राम, मंडी कारोबारी मंडी में देश के कई राज्यों से कारोबार व्यवसाय के सिलसिले में आते हैं। मंडी की हालत देखकर उन्हें हैरत होती है। हमें भी व्यापारियों के सामने शर्मिंदगी उठानी पड़ती है। मंडी में सुविधाओं का विकास होना चाहिए। दिक्कतें खत्म होनी चाहिए। जितेंद्र कुमार, मंडी कारोबारी मंडी में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम नहीं है। परिसर में कई बार वाहनों की चोरी हो चुकी है। इसके अलावा भी घटनाए हुई हैं। मंडी में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाने की जरूरत है। इससे व्यापारियों को राहत मिलेगी। घटनाएं रुकेंगी। निष्कर्ष, मंडी कारोबारी मंडी परिसर में जगह जगह सीवर के ढक्कन खुले हुए हैं। इसके चलते मंडी में हर दिन हादसे होते हैं। कारोबारी, कर्मचारी और किसान घायल हो जाते हैं। सीवर लाइन की नियमित सफाई होनी चाहिए। सीवर के ढ़क्कन लगने चाहिए। शिव कुमार, मंडी कारोबारी किसानों के लिए जाम भी बड़ी समस्या बना हुआ है। मंडी खुलते ही मुख्य गेट पर जाम के हालात बन जाते हैं। मंडी के अंदर वाहन लेकर आना। वाहन लेकर मंडी से बाहर जाना। मुश्किल हो जाता है। जाम की समस्या का समाधान हो। राजू तौलानी, मंडी कारोबारी मंडी परिसर में न तो पीने के लिए पानी का इंतजाम है। ना ही निशुल्क सार्वजनिक शौचालय का। हालातों से मंडी के कारोबारी परेशान हैं। मंडी में देश के कोने कोने से कारोबारी व्यापार के सिलसिले में आते हैं। फिर भी दिक्कतें बनी हुई हैं। कपिल, मंडी कारोबारी
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