Sumitranandan Pant The Nature Poet s Literary Journey in Kalakankar जयंती पर कालाकांकर में याद किए गए सुमित्रानंदन पंत, Pratapgarh-kunda Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsPratapgarh-kunda NewsSumitranandan Pant The Nature Poet s Literary Journey in Kalakankar

जयंती पर कालाकांकर में याद किए गए सुमित्रानंदन पंत

Pratapgarh-kunda News - कुंडा, संवाददाता। प्रकृति के कवि सुमित्रानंदन पंत सुरेश सिंह के आमंत्रण पर कालाकांकर आए। उन्होंने 10 वर्षों तक नक्षत कुटिया में रहकर कई साहित्यिक पुस्तकें लिखीं। प्राचार्य डॉ. शिवम श्रीवास्तव ने इस...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रतापगढ़ - कुंडाTue, 20 May 2025 11:22 PM
share Share
Follow Us on
जयंती पर कालाकांकर में याद किए गए सुमित्रानंदन पंत

कुंडा, संवाददाता। प्रकृति के सुकुमार कवि कहे जाने वाले सुमित्रानंदन पंत सुरेश सिंह के आमंत्रण पर कालाकांकर आए। 10 वर्षों तक नक्षत कुटिया में रहकर कई साहित्यिक पुस्तकें लिखी। यह बातें पीजी कॉलेज कालाकंकर में सुमित्रा नंदन पंत की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर मार्ल्यापण करते हुए प्राचार्य डॉ.शिवम श्रीवास्तव ने कहीं। उन्होंने कहा कि सुमित्रानंदन पंत का जन्म अल्मोड़ा में हुआ था। कालाकांकर के राजा अवधेश सिंह के छोटे भाई सुरेश सिंह से एक मुलाकात में उनके आमंत्रण पर सुमित्रानंदन पंत 1931 में कालाकांकर आए। नक्षत्र नामक कुटिया में 1940 तक रहे। इस बीच कई साहित्यिक ग्रंथों की रचना की।

प्राचार्य ने कहा आज भी कालाकांकर में बनी नक्षत्र कुटिया में उनकी साहित्यिक यादें बनी हुई हैं। इस मौके पर प्रो. उग्रसेन सिंह, प्रो. राम करन, डॉ.सृष्टि, ड़ॉ.ज्योति, डॉ.डालचंद आनंद, सर्वेश सिंह, भूपेश सिंह, डॉ.अर्चना शुक्ला, डॉ.आशुलता, सूरज सिंह, उदय, अफसार अहमद आदि मौजूद रहे।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।