Residents of Durga Colony in Kasganj Struggle with Garbage and Waterlogging Issues बोले कासगंज: दुर्गा कॉलोनी की कहानी, दुर्गंध में जीने को मजबूर यहां के निवासी, Agra Hindi News - Hindustan
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बोले कासगंज: दुर्गा कॉलोनी की कहानी, दुर्गंध में जीने को मजबूर यहां के निवासी

Agra News - कासगंज के दुर्गा कॉलोनी में 650 से अधिक घरों में 3000 लोग निवास करते हैं। कॉलोनी में कचरे के ढेर और जलभराव से स्थिति खराब है। नगर पालिका के कर्मचारी कचरा डंप करते हैं, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ रहा...

Newswrap हिन्दुस्तान, आगराThu, 17 April 2025 12:32 AM
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बोले कासगंज: दुर्गा कॉलोनी की कहानी, दुर्गंध में जीने को मजबूर यहां के निवासी

कासगंज शहर के बिलराम गेट इलाके में अतरौली रोड पर स्थित दुर्गा कॉलोनी में 650 से ज्यादा घरों में करीब 3000 से अधिक लोग निवास करते हैं। कॉलोनी में सफाई व्यवस्था तो नियमित है, लेकिन कॉलोनी के पीछे प्लॉटों और पुरानी रेलवे लाइन के किनारे कूड़े के ढेर, दूषित जलभराव रहता हैं, जिससे फैलने वाली दुर्गंध और मक्खी-मच्छरों के प्रकोप ने कॉलोनी वासियों के जीवन को नरक समान बना दिया है। आपके अपने अखबार दैनिक हिन्दुस्तान के जन संवाद कार्यक्रम बोले कासगंज में इन समस्याओं को लेकर कॉलोनी वासियों का दर्द छलक उठा। कूड़ा प्लॉटों और रेलवे लाइन के किनारे फेंक जाते हैं

दुर्गा कॉलोनी के लोगों ने अपनी समस्या साझा करते हुए बताया कि कॉलोनी के पीछे प्लॉटों और पुरानी रेलवे लाइन के किनारे नगर पालिका के कर्मचारी कचरा डंप कर देते हैं। वहीं कॉलोनी की नालियों का ढलान सही न होने के कारण गंदा पानी भी इन्हीं प्लॉटों के गड्ढों में इकट्ठा हो जाता है। इससे वहां कीचड़, सड़ांध और बदबू आती रहती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन गड्ढों में आवारा पशु लोट लगाते हैं, जिससे न केवल गंदगी फैलती है, बल्कि बीमारियों का भी खतरा कई गुना बढ़ जाता है। कॉलोनी में कूड़ेदान की व्यवस्था न होने के कारण आसपास के लोग भी अपना कूड़ा इन्हीं प्लॉटों और रेलवे लाइन के किनारे फेंक जाते हैं। धीरे-धीरे यह इलाका एक अस्थायी डंपिंग ग्राउंड का रूप ले चुका है।

कॉलोनी में दम घुटने जैसी स्थिति उत्पन्न

कॉलोनीवासियों का कहना है कि मक्खी और मच्छरों की भरमार से कॉलोनी में मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड जैसी बीमारियों का खतरा लगातार बना रहता है। बच्चों और बुजुर्गों की हालत सबसे अधिक खराब रहती है। कॉलोनी में कई लोग नियमित रूप से खांसी, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। गंभीर बात यह है कि कभी-कभी कबाड़ी और कचरा बीनने वाले लोग इन कचरे के ढेर में आग लगा देते हैं, जिससे न केवल धुंआ उठता है, बल्कि वातावरण में जहरीली गैसें भी फैलती हैं। इससे कॉलोनी में दम घुटने जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। यह धुंआ गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों के लिए बहुत ही हानिकारक साबित हो रहा है।

गड्ढों में भरा पानी और कीचड़ रास्ता जाम कर देता

बारिश के मौसम में दुर्गा कॉलोनी की स्थिति और भयावह हो जाती है। कॉलोनी की नालियों का निकास पुरानी रेलवे लाइन और प्लॉटों की ओर होने के कारण बारिश का पानी इनमें भर जाता है। कई बार यह गंदा पानी कॉलोनी के घरों में भी घुस जाता है और बीमारी फैलने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। वर्षा ऋतु में जमा पानी और कचरे के कारण मच्छर पनपते हैं और संक्रामक बीमारियां तेजी से फैलती हैं। कॉलोनी के निवासियों का कहना है कि बरसात के दिनों में घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है, क्योंकि गड्ढों में भरा पानी और कीचड़ रास्ता जाम कर देता है।

कई बार बच्चों को स्कूल भेजने में भी परेशानी होती है। दुर्गा कॉलोनी के लोगों की मांग है कि कॉलोनी के पास कूड़ा डंपिंग को तुरंत रोका जाए, प्लॉटों को समतल किया जाए, नालियों की ढलान को दुरुस्त किया जाए और कॉलोनी में नियमित फॉगिंग तथा मच्छरनाशक दवाओं का छिड़काव हो। इसके अलावा हर मोहल्ले में कूड़ेदान लगाए जाएं और कचरे के निस्तारण की वैज्ञानिक व्यवस्था की जाए। दुर्गा कॉलोनी की जनता नगर पालिका एवं प्रशासन से ठोस और स्थायी समाधान की अपेक्षा कर रही है।

मन की बात सुनो सरकार

एक तरफ तो हम बच्चों को स्वच्छता एवं साफ-सफाई के प्रति जागरूक करते हैं। लेकिन हम स्वयं ऐसी स्थिति में रहने को मजबूर हैं, जहां हर तरफ बदबू एवं गंदगी फैली हुई है। यह दोहरापन बच्चों के मन में स्वच्छता एवं साफ सफाई के प्रति भ्रम की स्थिति पैदा करता है।

-अमित कुमार

हम काफी वर्षों से इस कॉलोनी में रह रहे हैं, लेकिन यहां सफाई व्यवस्था और कूड़ा निस्तारण की स्थिति बहुत ही खराब है। कॉलोनी के पीछे कचरा पड़ने से कॉलोनी में दुर्गंध रहती है। हम धुएं और सड़ांध में सांस लेने को मजबूर हैं। प्रशासन को जल्द कुछ करना चाहिए।

-विजय

हमारे घर के पास ही खाली प्लॉट पड़े हुए हैं। सफाई कर्मी इन प्लॉटस के गड्ढों में कूड़े को डंप कर जाते हैं। वहीं बारिश के दौरान इन गड्डों में पानी भर जाता है. जिससे कॉलोनी में मक्खी-मच्छरों का प्रकोप और भी बढ़ जाता है। कॉलोनी में आए दिन बच्चे बीमार पड़ जाते हैं।

-प्रेमवती

मेरा घर पुरानी रेलवे लाइन के पास ही है। इससे पूरे दिन कचरे के सड़ने से दुर्गंध आती रहती है। वहीं जब कचरे में आग लगा दी जाती है, तो धुआं सीधे हमारे घरों में भर जाता है। सांस लेना दूभर हो जाता है। दुर्गंध के कारण हमारे यहां रिश्तेदार भी आने से कतराते हैं।

-वीरपाल

पहले कॉलोनी में लोग सुबह-सुबह पुरानी रेलवे के किनारे टहलने जाते थे। लेकिन अब बदबू और कीचड़ के कारण वहां से निकलना दूभर हो गया है। कॉलोनी के पीछे प्लॉटों के गड्ढों में गंदा पानी जमा रहता है। इतने मच्छर हो गए हैं कि बाहर बैठना तक मुश्किल हो गया है।

-मुन्नी देवी

आसपास के घरों में मरीज भी रहते हैं। जिन्हें डॉक्टर साफ हवा में रहने की सलाह देते हैं, लेकिन उन्हें मजबूरन कूड़े की दुर्गंध तथा मक्खी मच्छरों के प्रकोप में रहना पड़ता है। कॉलोनी के हालत देखकर हम चिंतित रहते हैं कि इसका बच्चों के ऊपर क्या असर पड़ेगा।

-संतोष कुमार

स्कूल जाने के लिए बच्चों को भी पुरानी रेलवे लाइन के पास से गुजरना पड़ता है। जहां कूड़ा और गंदा पानी भरा होता है। जलभराव के कारण रास्ता भी फिसलन भरा और बदबूदार हो गया है। कई बार बच्चे गिर भी जाते हैं। उनके बीमार होने का डर भी सताता रहता है।

-सुनीता देवी

लोग रोज काम पर जाते हैं। शाम को लौटकर जब वे घर पहुंचते हैं। तो कॉलोनी में घुसते ही सबसे पहले नाक बंद करनी पड़ती है। जल भराव एवं कचरे से उठने वाला धुआं पूरे कॉलोनी में एवं घरों में भर जाता है। इससे बच्चों को आँखों में जलन तथा बुज़ुर्गों को खांसी की परेशानी रहती है।

-रामप्रकाश

कॉलोनी के पीछे जलभराव तथा गड्ढों में डंप होने वाले कचरे तथा उसमें आग लगने के संबंध में कई बार शिकायत कर चुके हैं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है। कचरे में जब आग लग जाती है। तो कॉलोनी में सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। धुआं ही धुआं फैल जाता है।

-प्रशांत

कॉलोनी के पास कूड़ा डंपिंग को तुरंत रोका जाए। प्लॉटों को समतल किया जाए। नालियों के ढलान को दुरुस्त किया जाए और कॉलोनी में नियमित फॉगिंग व मच्छरनाशक दवाओं का छिड़काव हो। प्रशासनिक अधिकारियों को यहां दौरे पर भी आना चाहिए।

-अभिषेक

बारिश के मौसम में कॉलोनी की स्थिति और भी भयावह हो जाती है। कॉलोनी की नालियों का निकास पुरानी रेलवे लाइन और प्लॉटों की ओर होने के कारण इनमें बारिश का पानी भर जाता है। कई बार यह गंदा पानी कॉलोनी के घरों में भी घुस जाता है।

-विमला देवी

यहां पड़ने वाले कूड़े तथा जलभराव की समस्याओं को लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को अवगत कराया है। लेकिन हमें आश्वासन के अलावा हमें कोई समाधान नहीं मिला। पालिका एवं प्रशासन को हमारी समस्या पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।

-सतेन्द्र

हमारी गली की नाली भी पीछे रेलवे लाइन के किनारे गड्ढों में खुलती हैं। गंदा पानी उन गड्ढों में भर जाता है। बारिश के दौरान तो स्थिति बहुत ही खराब हो जाती है। बच्चे घरों से बाहर खेलने तक नहीं जा पाते। पालिका एवं प्रशासन को यहां पड़ने वाले कूड़े पर तुरंत रोक लगानी चाहिए।

-संगीता

कॉलोनी में अस्थाई तौर पर डंप होने वाले कचरे पर प्रशासन एवं नगर पालिका को ठोस कदम उठाते हुए, तत्काल रोक लगानी चाहिए। इससे कॉलोनी के अधिकांश घर प्रभावित हो रहे हैं। यदि समय रहते इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया। तो यह एक बड़े संकट का सबब बन सकती है।

-धर्मेन्द्र

बारिश के मौसम में जमा होने वाले पानी और कचरे के कारण यहां मच्छर पनपते हैं। जिससे संक्रमक बीमारियों के फैलने के खतरा भी बढ़ जाता है। जल भराव एवं कीचड़ के कारण बरसात के दिनों में घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है।

-शनि

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