हाईवे पर कई जगह खड़े थे लोग, बाइकें भी पीछे दौड़ाईं, पुलिस को नहीं लगी भनक
Aligarh News - फोटो: गभाना व मडराक टोल पर पुलिस की मौजूदगी के बावजूद करणी सेना

फोटो: गभाना व मडराक टोल पर पुलिस की मौजूदगी के बावजूद करणी सेना का हमला नहीं रोक पाए
करणी सेना ने पहले ही दी थी सांसद के विरोध की चेतावनी, फिर भी स्थानीय प्रशासन नहीं जागा
बुलंदशहर जिले की पुलिस बॉर्डर पर बड़ी संख्या में थी तैनात, गभाना का फोर्स रहा वहां मौजूद
खुफिया एजेंसियां पूरी तरह हो गईं फेल, लापरवाही बरतने वाले पर दो पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज
अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। कई दिन से सपा सांसद के विरोध को लेकर पनप रहा ज्वार रविवार को आखिरकार फूट पड़ा। लेकिन, इसके पीछे पुलिस व खुफिया तंत्र पूरी तरह फेल नजर आया। सांसद के आने की जानकारी पर करणी सेना व क्षत्रीय संगठनों ने विरोध व घेराव की चेतावनी दी थी। फिर भी पुलिस उन्हें रोकने में नाकाम रही। हाईवे पर कई जगहों पर लोग खड़े थे। काफिले की पीछे बाइकें भी दौड़ाईं। लेकिन, पुलिस को भनक नहीं लगी। इसी के चलते टोल से पहले लोगों ने हमला किया और आसानी से फरार भी हो गए। पुलिस अब वीडियो के आधार पर आरोपियों को चिह्नित कर रही है।
सांसद के आगरा जाने की सूचना शनिवार रात को ही कार्यकर्ताओं को मिल गई थी। उन्होंने रात में ही उनके घेराव की तैयारी कर ली। लोगों को केवल ये सूचना थी कि काफिला हाईवे से निकलेगा, मगर समय की जानकारी नहीं थी। इसके चलते सुबह से ही कार्यकर्ता मडराक टोल प्लाजा, आगरा पुल के नीचे, खेरेश्वर चौराहा, महरावल कट, गभाना टोल प्लाजा समेत बीच-बीच में भी कई स्थानों पर खड़े हो गए। चूंकि अचानक काफिला मडराक से निकला तो वहां मौजूद कार्यकर्ता कुछ समझ नहीं पाए। कुछ ही देर में काफिला आगरा कट से क्रॉस हो गया। इसी बीच कुछ लोग बाइकों से पीछे लग गए। साथ ही आगे खड़े लोगों को सूचना दे दी कि काफिला पहुंचने वाला है। इससे गभाना टोल से पहले मौजूद लोग तैयार हो गए। वहां काले झंडे दिखाने की तैयारी थी। लेकिन, आनन-फानन वहां सड़क किनारे लगी दुकान के बाहर टायरों को फेंकने लगे। इसमें कुछ गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हो गईं। काफिले को रोकने का प्रयास किया। जमकर नारे भी लगाए। जैसे तैसे तेज रफ्तार में काफिला को निकाला गया। लेकिन, पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। वीडियो सामने आने के बाद पुलिस की लापरवाही सामने आई। तब जाकर पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हुई।
बुलंदशहर जाने पर अड़े सांसद से नोकझोंक
गभाना टोल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था, जिसने सांसद को रोका। करीब एक घंटा सांसद से बातचीत हुईं। वे बुलंदशहर जाने पर अड़े थे। लेकिन, पुलिस ने संवेदनशीलता का हवाला देकर उन्हें जाने नहीं दिया। इस दौरान नोकझोंक भी हुईं। आखिरकार सुमन को लौटना पड़ा।
पहले भी पुलिस को चकमा देकर गए थे आगरा
12 अप्रैल को भी क्षत्रीय संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ता पुलिस को चकमा देकर आगरा पहुंचे थे। इनमें करीब डेढ़ हजार से अधिक कार्यकर्ता शामिल थे। वहां राणा सांगा की जयंती पर रक्त स्वाभिमान महासम्मेलन में शामिल हुए थे। इसकी भी पुलिस के पास पहले से सूचना थी। लेकिन, पुलिस उन्हें रोकने में असफल रही।
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