अम्बेडकरनगर-नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले अन्तर्जनपदीय गिरोह का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार
Ambedkar-nagar News - टांडा पुलिस ने नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले अंतर्जनपदीय गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया। आरोपी 16 युवतियों से फर्जी नियुक्ति पत्र के जरिए पैसे वसूलते थे। पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया और...

विद्युतनगर, संवाददाता। नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र देकर ठगी करने वाले अन्तर्जनपदीय गैंग के तीन सदस्यों को टांडा पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार किया। ये आरोपी मैक्स अस्पताल में नौकरी दिलाने के नाम पर 16 युवतियों व किशोरियों से रुपए वसूल किए थे। पुलिस ने जरूरी प्रक्रिया के बाद तीनों को जेल भेज दिया। प्रकरण का फर्दाफाश करते हुए सीओ शुभम कुमार ने बताया कि आरोपियों ने ठगी करने के लिए गैंग बना रखा था। स्कूल कॉलेज में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं से मिलकर गैंग के सदस्य नौकरी का लालच देकर उनका शैक्षिक प्रपत्र लेकर फर्जी ट्रेनिंग कराते थे और हजारों रुपए वसूल करते थे। सीओ ने बताया कि विट्स आईटीआई में जाकर आरोपी रणविजय ने खुद को अराइज कन्सटेंसी कम्पनी का कर्मचारी बताकर सेमिनार का आयोजन किया। इसके बाद मैक्स अस्पताल लखनऊ में नौकरी दिलाने के नाम पर 16 बालिकाओं से प्रति बालिका 4500 रुपए वसूल किया। जब बालिकाएं संबंधित अस्तपाल पहुंची तो नियुक्ति फर्जी होने के साथ वेकेंसी न होने की बात कहकर वापस कर दिया गया। जब बालिकाओं को ठगी होने का एहसास हुआ तो उन सब ने बीते वर्ष टांडा कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कराया। इस बीच बुधवार को निरीक्षक अनिरुद्ध प्रताप सिंह की अगुवाई में टीम में हेड कांस्टेबल अवध नारायण, कांस्टेबल आशीष शुक्ला, प्रवीण कुमार यादव, मोहित कुमार एवं कांस्टेबल सुनील कुमार ने धोखाधड़ी के आरोपी सुल्तापुर जिले के हलियापुर थाना क्षेत्र के जरईकलां निवासी रणविजय पुत्र सत्यकुमार, बाराबंकी जिले के मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र के दान का पुरवा निवासी मोहित कुमार वर्मा पुत्र जयनारायन वर्मा एवं बस्ती जिले के कलवारी थाना क्षेत्र के पाकरडाह निवासी पंकज मौर्य पुत्र जगदीश मौर्य को राजकीय बालिका इंटर कालेज इनामीपुर के पास से गिरफ्तार किया। आरोपियों के पास से पुलिस ने कई फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए।
पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को बनाते थे निशाना
ठगी करने वाले गैंग के सदस्यों का ज्यादा फोकस छात्र छात्राओं व बेरोजगार युवकों पर होता था। ऐसे छात्र छात्राएं नौकरी पाने के चक्कर में आसानी से इनकी जाल में फंस जाते थे। इसके बाद गैंग के सदस्य बाकायदा इन छात्र छात्राओं को ट्रेनिंग आदि कराकर उनसे पैसे की वसूली करते थे। इसके बाद फर्जी नियुक्ति पत्र देकर उन्हें संबंधित अस्पताल या कंपनी भेज देते थे।
बिरला, ॲडानी जैसी कंपनियों में नौकरी का देते थे झांसा
सीओ शुभम कुमार ने बताया कि गैंग के सदस्य पहले छात्र छात्राओं व बेरोजगार युवकों को बिरला, अडानी व मैक्स हॉस्पिटल में नौकरी देने का झांसा देते थे। जब युवा इनकी बातों में आ जाते थे तो यह लोग बड़े बड़े इंस्टीट्यूट में उनकी ट्रेनिंग कराते थे। इसके बाद उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र देकर संबंधित कंपनी में भेज देते थे।
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