राहुल गांधी की नागरिकता पर हाईकोर्ट का सख्त रुख, केंद्र सरकार से दस दिन में स्पष्ट रिपोर्ट मांगी
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सोमवार को राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर सख्त रुख अख्तियार कर लिया। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्ट रिपोर्ट दस दिन में देने का आदेश दिया है।

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सोमवार को सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को दस दिन में अपना रुख स्पष्ट करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या नहीं। जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव प्रथम की खंडपीठ के सामने सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने एक स्टेटस रिपोर्ट भी पेश की। इस पर कोर्ट ने कहा कि वह सिर्फ यह जानना चाहते हैं कि राहुल गांधी नागरिक हैं या नहीं। केंद्र सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट देने के लिए अतिरिक्त समय मांगा।
यह मामला एस विग्नेश शिशिर की ओर से दायर जनहित याचिका पर आधारित है। मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी। इससे पहले हाईकोर्ट ने सरकार को चार सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। सरकार ने 8 सप्ताह का समय मांगा था। इस पर 21 अप्रैल सुनवाई की तारीख तय हुई थी। 19 दिसंबर 2024 को जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की बेंच ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सूर्यभान पांडेय को केंद्रीय गृह मंत्रालय से जानकारी हासिल करने का निर्देश दिया था।
गृह मंत्रालय ने हाईकोर्ट में बताया था कि उन्होंने यूके सरकार को लेटर लिखा है। यूनियन ऑफ इंडिया की ओर से पेश वकील ने कहा कि समय दिया जाए। पूरे मामले में क्या जांच हो रही है। इसकी पूरी रिपोर्ट 8 सप्ताह में हम तैयार करके पेश करेंगे। इसके बाद कोर्ट ने समय दिया था।