Ayodhya s Street Food Revolution Rise of Fast Food and Modern Vending Zones बोले अयोध्या: रोज कमाकर खाना है साहब स्थाई ठिकाना तो दिलवाइए , Ayodhya Hindi News - Hindustan
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बोले अयोध्या: रोज कमाकर खाना है साहब स्थाई ठिकाना तो दिलवाइए

Ayodhya News - अयोध्या में पाश्चात्य खान-पान के प्रभाव से युवा पीढ़ी में फास्ट फूड का रुझान बढ़ा है। रामपथ पर स्ट्रीट फूड पार्क की स्थापना की गई है, जिससे फुटपाथ के दुकानदारों को आधुनिक ठेले और लाइसेंस मिले हैं।...

Newswrap हिन्दुस्तान, अयोध्याTue, 20 May 2025 07:22 PM
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बोले अयोध्या: रोज कमाकर खाना है साहब स्थाई ठिकाना तो दिलवाइए

अयोध्या। बदलते दौर में पाश्चात्य खान-पान के प्रभाव के चलते खासकर युवा पीढ़ी और बच्चों में फास्ट फूड के प्रति रुझान बढ़ा है। साथ ही परंपरा के विपरीत परिवार भी अब नाश्ते और भोजन के लिए बाहर निकलने लगे हैं। जिसका प्रभाव बाजार पर साफ-साफ देखा जा रहा है। कुछ वर्षों में इडली, डोसा, पिज्जा, बर्गर, मोमोज, चाउमीन, फ्रूट चाट, टिकिया और समोसा आदि की मांग तेजी से बढ़ी है। इसी का परिणाम है कि बीते एक दशक में रामपथ स्थित राजकीय आईटीआई और उदया चौराहे के बीच का इलाका डोसा जोन के रूप में चर्चित हो गया है और दुकानों की तादात एक-दो से कई हो गई है।

इतना ही छोटे-बड़े चौक-चौराहों से लेकर गलियों के नुक्क्ड़ तक पर फास्ट फूड के ठेले लगने लगे हैं। बाजार की उठापटक में परंपरागत बाटी-चोखा, पराठा, छोला-चावल आदि की डिमांड भी बढ़ी है। वहीं फल और जूस के ठेले भी ज्यादा हो गए हैं। आर्थिक कारोबार में फुटपाथ के दुकानों की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है। तमाम लोग इसी कारोबार से अपना और अपने परिवार का जीवन-यापन कर रहे हैं। रामजन्मभूमि के सुप्रीम फैसले के बाद अयोध्या में हजारों करोड़ रूपये की योजनाओं की घोषणा हुई और इनको धरताल पर उतारने की कवायद हुई तो ईट टू राइट अभियान के तहत खाद्य सुरक्षा विभाग के सहयोग से अयोध्या नगर निगम की ओर से रामनगरी अयोध्या के धर्मपथ पर स्ट्रीट फूड पार्क की स्थापना की गई और पहले से निगम में पंजीकृत पटरी दुकानदारों में से कुछ को आधुनिक ठेला प्रदान किया गया तथा पार्क में दुकान संचालित करने के लिए लाइसेंस जारी किया गया। हालांकि योजना भीड़-भाड़ वाले मुख्य मार्ग से अलग होने के कारण ज्यादा सफल नहीं हो पाई और तमाम लोगों ने अपने पैर पीछे खींच लिए। वहीं शहर क्षेत्र में सिविल लाइन इलाके में जिला कारागार के पास धर्मपथ की तर्ज पर ही स्ट्रीट फूड पार्क का संचालन शुरू कराया गया। शहर में उचित स्थान पर योजना के संचालन के कारण योजना सफल साबित हो रही है और रोज शाम को यहां खाने-पीने के शौकीनों की भीड़ उमड़ती है। पहले चरण की सफलता के बाद यहां पार्क के विस्तार के लिए दूसरे चरण पर काम शुरू कराया गया है और शेड बन गया है तथा आवंटन के ठेले बनकर आ गए हैं। उधर, नाका क्षेत्र में भी स्ट्रीट फ़ूड पार्क की योजना का संचालन किया जा रहा है और योजना सफलता की ओर है। मुद्रा ऋण और स्वनिधि योजना बनी सहारा पर स्थान का है अभाव : पटरी दुकानदारों के व्यावसाय में मदद के लिए शासन-प्रशासन की ओर से तमाम योजनाओं पर काम शुरू किया गया है। मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और स्वनिधि योजना आदि के माध्यम से वित्तीय पोषण की व्यवस्था की गई है तो स्ट्रीट फूड पार्क योजना के तहत स्थान, मूलभूत सुविधाएं और व्यवस्था उपलब्ध कराने का खाका तैयार किया गया है। इसके तहत कुछ स्थानों पर स्ट्रीट फूड पार्क स्थापित किया गया है तथा कई स्थान इसके लिए चिन्हित किये गए हैं, जहां भविष्य में स्ट्रीट फ़ूड पार्क बनाया अथवा विकसित किया जाना है। हालांकि उपयुक्त स्थान पर जमीन की उपलब्धता न होना तथा योजना में विलंब पटरी कारोबारियों के लिए मुसीबत बना हुआ है। पटरी दुकानदारों का कहना है कि फूड पार्क चौक-चौराहा अथवा मुख्य मार्ग पर स्थापित कराया जाए,क्योंकि अब ग्राहक दूर नहीं जाना चाहता है। साथ ही दुकान आवंटन और वित्त पोषण में पारदर्शिता बरती जाए और नाजायज परेशान करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाई जाए। सिमटता ही जा रहा साप्ताहिक बाजार :कभी गांव से शहर तक अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहा साप्ताहिक बाजार धीरे-धीरे सिमटने लगा है। विकास के दौर में साप्ताहिक बाजार के समक्ष सबसे बड़ा संकट स्थान का है। जिला मुख्यालय पर गुरुवार को गुलाबबाड़ी मैदान में लगने वाली साप्ताहिक बाजार की अपनी पहचान रही है तो महोबरा बाजार में प्रत्येक बुधवार और शनिवार तथा शंकरगढ़ में गुरवार और रविवार को लगने वाली साप्ताहिक बाजार की अपनी। गुलाबबाड़ी बाजार में शहर के आर्थिक रूप से कमजोर लोग कपड़ा, बर्तन, खिलौना से लेकर रोजमर्रा की अन्य जरूरत की चीजें खरीदने के उमड़ते हैं। हाल यह हो जाता है कि मैदान के दोनों तरफ जाम के हालात रहते हैं। कई वर्षों से इस साप्ताहिक बाजार के लिए जमीन और जरूरी सुविधाओं की मांग उठाई जा रही है तथा पूर्व में इस साप्ताहिक बाजार को आचार्य नरेन्द्रदेव रेलवे स्टेशन के बगल रीडगंज ओवरब्रिज के नीचे स्थापित किये जाने की चर्चा भी चली और अधिकारियों ने मौका-मुआयना भी किया, लेकिन कवायद आगे नहीं बढ़ सकी। स्थाई रोजगार का संकट:रामनगरी में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने के साथ फुटपाथ पर व्यवसाय करने वालों की संख्या भी कई गुना बढ़ी है। श्रद्धालुओं का अधिकतर आवागमन सरयू के घाट से प्रमुख मठ-मंदिरों रामजन्मभूमि, हनुमानगढ़ी और कनकभवन अदि के बीच होता है, ऐसे में यहां कारोबार भी इसी क्षेत्र में सड़क किनारे सबसे ज्यादा है। विशेष अवसरों पर भीड़ अधिक होने या वीआईपी के आवागमन पर सुरक्षा तथा अतिक्रमण के नाम पर पटरी दुकानदारों और इनके ठेलों को हटा दिया जाता है। जिसको लेकर रामनगरी में पटरी दुकानदार व्यवसाय को लेकर अनिश्चितता के शिकार है। बाजार के फार्मूले के तहत अयोध्याधाम में सरयू के घाट,लता मंगेशकर चौराहा,राम की पैड़ी,चौधरी चरण सिंह घाट,प्रमुख मठ-मंदिरों तथा श्री राम अस्पताल के व रेलवे स्टेशन मार्ग पर कतारबद्ध ठेला दिखते हैं। क्योंकि इन क्षेत्रों में श्रद्धालुओं और पर्यटकों का आवागमन ज्यादा होता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि दो वर्षों से इनकी संख्या में कई गुना बढ़ोत्तरी हुई है। जिसमे गैर जनपद और प्रान्त के व्यवसायी की संख्या अधिक है। बोले जिम्मेदार: अपर नगर आयुक्त वागीश शुक्ला का इस बारे में कहना है कि स्ट्रीट वेंडर्स की सुविधाओं के लिए अभी शहर में तीन स्थानों पर सिविल लाइंस, धर्मपथ और नाका में स्ट्रीट फूड स्थल बनाया गया है। रोड के आसपास के जमीनों का चिन्हीकरण का प्रयास किया जारहा है जिससे सड़क पर ठेले लगाने वालों को उन स्थलों पर व्यवस्थित किया जा सके। नगर निगम द्वारा 17 स्थानों पर वेंडिंग जोन बनाने के लिए जगह चिन्हित की गई है। शीघ्र ही उनकी समस्याओं का समाधान कराया जाएगा।

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