Ayodhya Temple Development Millions of Pilgrims Face Neglect at Gahanag Dev Temple बोले अयोध्या :आस्था को आहत कर रही अव्यवस्था और अतिक्रमण , Ayodhya Hindi News - Hindustan
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बोले अयोध्या :आस्था को आहत कर रही अव्यवस्था और अतिक्रमण

Ayodhya News - अयोध्या में सरकार ने मंदिरों के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। गहनाग देव मंदिर, जो 75 साल पुराना है, सुविधाओं की कमी और अतिक्रमण के कारण उपेक्षित है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु...

Newswrap हिन्दुस्तान, अयोध्याMon, 19 May 2025 05:35 PM
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बोले अयोध्या :आस्था को आहत कर रही अव्यवस्था और अतिक्रमण

अयोध्या। राज्य एवं केंद्र सरकार अयोध्या को विश्व पटल पर लाने के लिए मंदिरों के माध्यम से ही पर्यटन के रूप में विकसित करने का बेड़ा उठाया है। निश्चित रूप से केंद्र सरकार व राज्य सरकार अपने मकसद में कामयाब भी दिखाई पड़ रही है। बीते 6 माह के अंदर ही जनपद अयोध्या में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु राम मंदिर सहित अन्य मंदिरों का दर्शन पूजन किया। फैजाबाद से जनपद का नाम बदलकर अयोध्या किए जाने के बाद से ही नगरीय क्षेत्र के मंदिरों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के मंदिरों को सजाने संवारने के लिए राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं।

तहसील मिल्कीपुर क्षेत्र स्थित आस्तिक मुनि आश्रम व देवरिया ग्राम पंचायत स्थित पवित्र अंधी अंधा आश्रम,खंडासा थाना क्षेत्र स्थित महर्षि बाम देव आश्रम इसके मजबूत के उदाहरण हैं। लेकिन इन्हीं कार्यों के बीच अयोध्या मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दक्षिण अयोध्या रायबरेली राजमार्ग के किनारे स्थित गहनाग मंदिर आज भी उपेक्षा का शिकार बना हुआ है। श्रावण मास में लगने के बाद तक चलने वाले मेले में जनपद अयोध्या के सीमावर्तीजिलों सुल्तानपुर,अमेठी,बाराबंकी,गोंडा,बस्ती,अंबेडकर नगर सहित अन्य जनपदों के श्रद्धालु लाखों की संख्या मे यहां आकर शुक्रवार व सोमवार को आकर कड़ाही देते हैं साथ ही फूल माला चढ़ाकर गहनाग देव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इतना सब होने के बावजूद आज तक यह मंदिर शासन व प्रशासन की उपेक्षा का दंश झेल रहा है। गहनाग धाम की स्थापना के 75 वर्ष बीत जाने के आज भी यह मंदिर शौचालय,प्रसाधन सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। लोगों का कहना है कि इतना महत्वपूर्ण स्थल होते हुए भी न जाने क्यों उपेक्षा का शिकार बना हुआ है। मिल्कीपुर तहसील के अमानीगंज ब्लाक मुख्यालय से लगभग 15 किलो मीटर की दूरी पर स्थित पौराणिक स्थल गहनाग देव मंदिर हजारों वर्ष पुराना बताया जाता है l रायपट्टी गांव निवासी प्रेम नाथ पांडे बताते हैं कि नबाबों के समय यहां पवांर लोग निवास करते थे l पवांर लोगों के जाने के बाद मंदिर के प्रथम पुजारी बाबा दामोदर दास थे। बाबा दामोदर दास की मृत्यु के बाद उनके पुत्र, उनके बाद उनके पौत्र मंदिर के पुजारी हैं। बाबा राम बिहारी दास ने बताया कि पुराने समय में बाबा बघौड़ा दास द्वारा 101 श्रीमद् भागवत कथा यज्ञ के बाद विशाल भंडारा का आयोजन भी हुआ था जिसमें क्षेत्र के लाखों श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था l आज यह मंदिर विकास की दृष्टि से कोसों दूर है मंदिर परिसर में तीन इंडिया हैंड पंप व करीब तीन नल प्राइवेट होने के साथ मंदिर के ठीक सामने हजारों वर्ष पुराना कुआं स्थित है l मंदिर के पूर्व दिशा मे ब्लॉक प्रमुख अमानीगंज श्रीदेवी की ओर से श्रद्धालुओं के पेयजल के लिए वाटर कूलर लगाया गया है जो काफी दिन से खराब पड़ा हुआ है l यहां पर सांप डंसने के बाद जो भी व्यक्ति मंदिर पहुंच जाता है उसे मंदिर के पुजारी बाबा राम बिहारी दास गहनाग देव की कृपा से झाड़ फूंक कर मंदिर के सामने बने हजारों वर्ष पुराने कुएं के जल से सांप काटने वाले व्यक्ति को नहलाकर,पानी पिला दिए जाने की मान्यता है l सोमवार व शुक्रवार को बाबा गहनाग देव का बहुत बड़ा मेला लगता है। वहीं सावन के महीने में नाग पंचमी के दिन बहुत बड़ा मेला लगता है। लोगों का कहना है कि नाग पंचमी मेले के दिन बाबा गहनाग देव स्वयं लोगों को दर्शन देते हैं l हजारों की सख्या में श्रद्धालु नाग पंचमी के दिन बाबा गहनाग देव का दर्शन कर अपने को धन्य मानते हैं l मंदिर के ठीक पश्चिम दिशा मे बाबा गहनाग देव का हरि सागर कुंड स्थित था जिसमें अथाह पानी रहता था। लोगों का मानना है कि जो इस कुंड में स्नान कर लेता था शरीर में विभिन्न प्रकार के रोग नष्ट हो जाते थे लेकिन वह भी अब गड्ढे में तब्दील हो गया l प्रतिवर्ष आते हैं लाखों श्रद्धालु पर सुविधाएं सिफर:स्थानीय लोगों के अनुसार यह मेला श्रावण माह से शुरू होकर दो माह तक चलता है। मंदिर की वजह से लगने वाले इस मेले मे जनपद अयोध्या ही नहीं जनपद अयोध्या के सीमावर्ती जिलों से भी लाखों की संख्या मे श्रद्धालु गहनाग बाबा के दर्शन पूजन करने आते हैं। लेकिन उन्हें कई समस्याओं को झेलने के बाद ही मंदिर पर प्रसाद चढ़ाने में सफलता मिलती है। मेले के आसपास जगह कम होने के कारण लोग इधर-उधर खाली पड़े बागों व खेतों में प्रसाद बनाकर गहनाग बाबा मंदिर पर चढ़ाते हैं। श्रद्धालुओं के लिए आज भी इस मंदिर पर सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। एक अनुमान के मुताबिक प्रतिवर्ष 12 से 15 लाख श्रद्धालु मंदिर में दर्शन व पूजन के लिए आते हैं फिर भी आज तक यह धार्मिक स्थल शौचालय,स्नान घर,बैठने के लिए स्थल सहित अन्य मूलभूत समस्याओं से वंचित है। अतिक्रमण से कराह रहा इनायत नगर में गहनाग देव मंदिर: मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर दक्षिण दिशा में थाना इनायत नगर क्षेत्र मे अयोध्या-रायबरेली राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित 75 वर्षीय पुराना गहनाग देव मंदिर अतिक्रमण से कराह रहा है। मंदिर के पुजारी मंसाराम दास ने बताया कि मंदिर परिसर के अंदर कई लोग छप्पर आदि रखकर अतिक्रमण बनाए हुए हैं जिससे श्रद्धालुओं के लिए जगह कम पड़ जाती है। अतिक्रमण करने वाले लोगों से जब अतिक्रमण हटाए जाने की बात की जाती है तो वह मारपीट व गाली गलौज पर उतारू हो जाते हैं। मंशाराम दास ने बताया कि अब तक 50 से अधिक बार अतिक्रमण व अन्य समस्याओं को लेकर शिकायत की है लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा आज तक अतिक्रमण को हटवाया नहीं गया है। अगर यही स्थिति रही तो आने वाले कुछ वर्षों में 75 वर्ष पुराना यह धार्मिक स्थल अपनी पहचान को देगा। अतिक्रमण की वजह से आए दिन राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही भीड़ जमा रहती है जिससे कभी भी कोई बड़ी घटना घट सकती है। बोले जिम्मेदार: मिल्कीपुर के एसडीएम सुधीर कुमार का कहना है कि अतिक्रमण की सूचना अभी नहीं मिली है। यदि शिकायत मिलती है कि मंदिर परिसर मे अतिक्रमण किया गया है तो जांच कर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी साथ ही अवैध अतिक्रमण भी हटवाए जाएंगे।

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