शक की बीमारी करा रही है पति-पत्नी के बीच विवाद
Ayodhya News - अयोध्या में शक की बीमारी दाम्पत्य जीवन को गंभीरता से प्रभावित कर रही है। जिला अस्पताल के मनोपरामर्शदाता डा. आलोक मनदर्शन के अनुसार, 70% दाम्पत्ति इस बीमारी का शिकार हैं, जिससे घरेलू हिंसा और परिवारों...

अयोध्या, संवाददाता। इस समय शक की बीमारी दाम्पत्य जीवन को खराब कर रही है। परिवार के टूटने का सबसे बड़ा कारण शक बताया जा रहा है। जिला अस्पताल के मनोपरामर्शदाता आलोक मनदर्शन के पास इलाज के लिए आने वाले 70 प्रतिशत दम्पत्ति को शक की बीमारी रहती है। जिससे उनका परिवार लगभग टूटने के कगार पर रहता है, लेकिन इलाज के बाद उन्हें अपनी गल्ती होने का अहसास होता है। जिला अस्पताल के मनोपरामर्शदाता डा. आलोक मनदर्शन ने बताया कि कई बार पति व पत्नी में एक व कई बार दोनो को शक की बीमारी रहती है। जिससे उनके घर में लगातार गृहक्लेश रहता है।
पति अपनी पत्नी के चरित्र व पत्नी अपने पति के चरित्र पर शक करती है। जिसका कोई आधार नहीं होता है। लेकिन शक करने वाला अपनी शक को हर हाल में सही बताता है। उसको कितना भी समझाने का प्रयास किया जाय, तब भी वह अपने शक के भ्रमजाल से निकल नहीं पाता है। नशा इस बीमारी को और बढ़ा देता है। उन्होंने बताया कि मनोविज्ञान में यह एक बीमारी है। इसे भ्रम विकार कहा जाता है। इसके कारण परिवारिक हिंसा काफी बढ़ जाती है। कई मामलों में यह हत्या या आत्महत्या तक पहुंच जाती है। जिसमें पत्नी अपने पति व पति अपनी पत्नी की हत्या तक कर देता है। अगर घर में गृह क्लेश मिले तो परिजनों को इसको लेकर सर्तक हो जाना चाहिए। तुरंत मनोपरामर्शदाता से सम्पर्क करे।
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