सत्तर हजार घरों को नहीं मिला कनेक्शन
Azamgarh News - जल जीवन मिशन के तहत आजमगढ़ में 70 हजार से अधिक घरों को नल से जल कनेक्शन नहीं मिला है। 800 गांवों में जलापूर्ति की स्वीकृति के बावजूद कई परियोजनाएं अधूरी हैं। 2024 तक 6 लाख 23 हजार घरों में जल पहुंचाने...

आजमगढ़, संवाददाता। जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर तक नल से जल पहुंचाने का सपना अभी अधूरा है। अभी 70 हजार से अधिक घरों को योजना के तहत कनेक्शन नहीं दिया जा सका है। कई गांवों में पानी टंकी का निर्माण अधूरा है। जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की महात्वाकांक्षी योजना है। वर्ष 2019-20 में जिले के 800 गांवों में नल से जल पहुंचाने की स्वीकृति मिली थी। इसके बाद वर्ष 2023 में 2700 गांवों में पाइप लाइन बिछाकर घरों में जलापूर्ति की योजना को स्वीकृति प्रदान की गई। इस प्रकार से जिले के 3500 गांवों में करीब 6 लाख 23 हजार घरों में नल से जल पहुंचाने के लिए दिसंबर 2024 तक का लक्ष्य शासन स्तर से निर्धारित किया गया था। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से 43 सौ करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट पास किया गया था। इसके तहत सात एजेसिंयों को कार्यदायी संस्था के रूप में नामित किया गया था। जल जीवन मिशन योजना के तहत जिले में निर्धारित 3500 गांवों में करीब 6 लाख 23 हजार घरों में नल से जल पहुंचाने के लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक अभी तक 5 लाख 18 हजार घरों को कनेक्शन दिया गया है। जबकि 2 लाख 53 हजार घरों में नल से जल पहुंच रहा है। 70 हजार घरों को पेयजल योजना से नहीं जोड़ा जा सका है।
949 ग्राम पंचायतों में नहीं बनी पानी टंकी
कार्यदायी संस्था को 1462 ग्राम पंचायतों में पानी की टंकी का निर्माण कर 19369 किमी तक पाइप लाइन बिछाना है। 1462 के सापेक्ष अभी तक सिर्फ 513 ग्राम पंचायतों में ही पानी की टंकियों का निर्माण पूरा हुआ है। जबकि शेष 949 स्थानों पर पानी की टंकियां अभी अर्द्धनिर्मित हैं।
21 नलकूप का निर्माण कार्य अधूरा
जल जीवन मिशन के तहत जिले में 1501 स्थानों पर नलकूप की बोरिंग के साथ ही पंप हाउस का निर्माण कार्य कराया जाना था। शासन स्तर से निर्धारित 1501 के सापेक्ष अभी तक सिर्फ 1480 स्थानों पर ही ट्यूबवेल की बोरिंग कर पंप हाउस का निर्माण पूरा किया गया है। जबकि 21 स्थानों पर नलकूप की बोरिंग के साथ ही पंप हाउस का निर्माण अधूरा है।
वर्ष 2028 तक बढ़ाई गई समय सीमा
जल जीवन मिशन योजना के तहत जिले में परियोजना को पूर्ण करने के लिए 43 सौ करोड़ रुपये की आगणन रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी गई थी। शासन से मंजूरी मिलने के बाद अभी तक विभाग को इस मद में सिर्फ 2242 करोड़ रुपये की ही धनराशि अवमुक्त हो सकी है। 2058 करोड़ की धनराशि न मिलने से परियोजना को पूर्ण करने में बाधा आ रही है। हालांकि शासन ने इस परियोजना को पूर्ण करने का लक्ष्य बढ़ाकर वर्ष 2028 तक कर दिया है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।