मौसम की मार: बढ़ते तापमान ने किसानों की उड़ाई नींद
Bagpat News - इस बार मार्च में गर्मी का पारा 35 डिग्री से ऊपर पहुंच गया है, जिससे गेहूं की फसल पर बुरा असर हो रहा है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे उत्पादन 20 से 25 फीसदी प्रभावित हो सकता है। गेहूं की बाली...

इस बार समय से पहले ही गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया। मार्च माह में ही पारा 35 डिग्री के पार होने का फसलों पर व्यापक असर दिख रहा है। गेहूं की फसल में दाना अभी बाली में विकसित हो रहा था, लेकिन ज्यादा गर्मी में उसका विकास रुक गया और फसल में पकाव शुरू हो गया। ऐसे में किसानों को गेहूं का जीरा दाना रहने का डर सता रहा है। बढ़ी गर्मी से उत्पादन भी प्रभावित होगा। कृषि वैज्ञानिकों की मानें, तो समय से पहले पड़ रही गर्मी से गेहूं की फसल का उत्पादन 20 से 25 फीसदी तक प्रभावित होने वाला है। गेहूं की पछेती फसल का उत्पादन और ज्यादा प्रभावित हो सकता है। इस बार गेहूं की बुआई के समय से ही किसानों के लिए मौसम का रूख विपरीत रहा। इस बार ठंड़ कम पड़ी और बारिश भी न के बराबर हुई, जिसके चलते पछेती गेहूं फसल प्रभावित हुई है। किसानों को उम्मीद थी कि अब मौसम अनुकूल रहेगा, लेकिन मार्च के महीने में रही सही कसर भी पूरी हो गई। मार्च में शुरू से ही तापमान बढ़ना शुरू हो गया। इस समय पारा 35 के पार पहुंच रहा है। रात में भी तापमान तेजी से बढ़ रहा है। इसी के चलते गेहूं में समय से पहले ही पकाव शुरू हो गया। कृषि वैज्ञानिक डा. संदीप चौधरी ने बताया कि अभी गेहूं की फसल की बाली में दाना विकसित हो रहा था। दाने को पूरा विकसित होने में शुरू अप्रैल तक तापमान 25 के आसपास रहना चाहिए था, लेकिन गर्मी बढ़ने से पकाव प्रभावित हो गया। इस समय बढी यह गर्मी गेहूं का उत्पादन 20 से 25 फीसदी तक प्रभावित करेगी। दाना जीरा रहने की पूरी-पूरी संभावना है।
-------
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।