Indian Authorities on High Alert for Infiltration of Bangladeshi and Pakistani Terrorists सीमा से लगे गांवों में ढूंढ़े जा रहे रोहिंग्या व बांग्लादेशी, Bahraich Hindi News - Hindustan
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सीमा से लगे गांवों में ढूंढ़े जा रहे रोहिंग्या व बांग्लादेशी

Bahraich News - बहराइच,संवाददाता। खुली सीमा के रास्ते भारतीय क्षेत्र में बांग्लादेशी व पाकिस्तानी दहशतगर्दों

Newswrap हिन्दुस्तान, बहराइचFri, 23 May 2025 06:06 PM
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सीमा से लगे गांवों में ढूंढ़े जा रहे रोहिंग्या व बांग्लादेशी

बहराइच,संवाददाता। खुली सीमा के रास्ते भारतीय क्षेत्र में बांग्लादेशी व पाकिस्तानी दहशतगर्दों के घुसपैठ की इनपुट पर खूफिया विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है।सीमा से लगी पगडंडियों पर अतिरिक्त पुलिस टीमें मुस्तैद की गई हैं, तो सीमा से लगे गांवों में ठौर लेने वाले रोहिंग्यों की तलाश भी तेजी से हो रही है। पुलिस व एसएसबी की संयुक्त टीमें सत्यापन कर रही हैं। मुखबिरों के जरिए भी पांच सालों के अंदर गांव में बसने वालों की भी कुंडली तैयार कराई जा रही है। नेपाल के समानांतर 101 किलोमीटर सीमा बहराइच की लग रही है। यह सीमा पूरी तरह से खुली है।

इसी का फायदा उठाकर पाकिस्तान दहशतगर्दों को भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की मंशा पाले हुए हैं। इसको लेकर पूरी सीमा पर खूफिया, एसएसबी संग वन व पुलिस टीमों की नजरें संदिग्ध लोगों पर टिकी हुई हैं। हर मंसूबों को नाकाम करने के लिए तकनीक व मुखबिरों की भी मदद ली जा रही है, ताकि समय रहते उनको पकड़ा जा सके। अब गृहमंत्रालय के इनपुट के आधार पर सीमा से लगे गांवों में रोहिंग्यों व बांग्लादेशी लोगों के भी होने की आशंका पर सत्यापन किया जा रहा है। उनकी कद-काठी, बोलचाल की भाषा समेत कई बिंदुओं के आधार पर उनकी पहचान हो रही है। एसएसबी अधिकारियों का कहना है कि हर स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है। ताकि देश के बाहर व देश के अंदर दोनों तरह के विदेशी लोगों की पहचान कर जरूरी कदम उठाए जा सके। पांच-पांच गांवों का हो रहा सत्यापन सीमावर्ती पांच-पांच गांवों में बांग्लादेशी व रोहिंग्या की पहचान को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। ताकि असहज की स्थिति का सामना न करना पड़े। इसके अलावा उन लोगों को भी चिंहित किया जा रहा है, जिनके यहां रहने वाले लोग सत्यापन के दौरान घर से निकल गए हैं, जो अभी तक नहीं आए हैं। इसके अलावा खूफिया विभाग भी अलग से नजर रख रही है। जंगल से लगे रास्ते संवेदनशील भारत-नेपाल सीमा से लगभग 47 किलोमीटर जंगल क्षेत्र लग रहा है। सीमा से लगे इन जंगलों से होकर भी कई रास्ते हैं, जिन पर नेपाल व भारत दोनों ओर से लोग आवागमन करते हैं। इन पगडंड़ियों को चिंहित किया गया है, क्योंकि घुसपैठ के लिहाए से ये अतिसंवेदनशील हैं। सीमा से लगे गांवों में बांग्लादेशी व रोहिंग्या की तलाश की जा रही है। टीमें सत्यापन कर रही हैं। कई बिंदुओं पर जांच हो रही है। बार्डर पर भी सतर्कता बढ़ाई गई है। दुर्गाप्रसाद, तिवारी, एएसपी, ग्रामीण

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