जुस्को यूनियन चुनाव : सत्ता पक्ष ने विपक्ष को दस्तावेजों के साथ दिया जवाब
जुस्को श्रमिक यूनियन चुनाव की तैयारी चल रही है। विपक्ष ने चुनाव पदाधिकारी की नियुक्ति और मीटिंग के कोरम पर सवाल उठाए। सत्ता पक्ष ने दस्तावेजों के साथ अपनी स्थिति स्पष्ट की। यूनियन के नेताओं ने कहा कि...

जुस्को श्रमिक यूनियन चुनाव का बिगुल बज चुका है। जहां एक ओर चुनाव की तैयारी चल रही है, वहीं विपक्ष ने कमेटी मीटिंग के कोरम और चुनाव पदाधिकारी की नियुक्ति को लेकर सवाल उठाए हैं। इसके जवाब में गुरुवार को सत्ता पक्ष ने यूनियन सभागार में संवाददाता सम्मेलन कर दस्तावेजों के साथ अपनी स्थिति स्पष्ट की। यूनियन के महामंत्री सीडीएस कृष्णा और कार्यकारी अध्यक्ष अमरनाथ तिवारी ने कहा कि यूनियन के संविधान में यह कहीं नहीं लिखा है कि कोई व्यक्ति कितनी बार चुनाव पदाधिकारी बन सकता है। उन्होंने बताया कि आर्टिकल 10-ए के तहत कार्यकारिणी समिति को चुनाव पदाधिकारी व चुनाव समिति चुनने का अधिकार है और इसी के तहत सीएस झा को फिर से चुनाव पदाधिकारी नियुक्त किया गया है।
साथ ही अश्विनी मथान और सरोज पांडेय को सह चुनाव पदाधिकारी बनाया गया है। कोरम भी था पूरा, आरोप बेबुनियाद: पदाधिकारी यूनियन नेताओं ने स्पष्ट किया कि कार्यकारिणी समिति में कुल 34 सदस्य हैं और संविधान के अनुसार कोरम के लिए एक तिहाई यानी 12 सदस्यों की उपस्थिति पर्याप्त होती है। इस बार मीटिंग में 22 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए, जो कोरम से कहीं अधिक है। पदाधिकारी द्वय ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कोई विपक्ष है ही नहीं। अगर था तो दस दिन पहले तक कहां था? तब क्यों कोई सवाल नहीं उठाया? दरअसल, वे चुनाव से डरते हैं और जानते हैं कि उनका कोई काम नहीं दिखता, इसलिए अब चुनाव रोकवाने की कोशिश कर रहे हैं और झूठे आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव समिति अब जिम्मेदारी संभाल चुकी है और 26 मई को एजीएम का आयोजन उनकी निगरानी में ही होगा।
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