Corruption in Water Tank Construction in Gasri Residents Demand Action बोले बलरामपुर- छह माह से बंद है पानी टंकी का निर्माण, Balrampur Hindi News - Hindustan
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बोले बलरामपुर- छह माह से बंद है पानी टंकी का निर्माण

Balrampur News - विडंबना गैसड़ी, संवाददाता। नगर पंचायत गैसड़ी के वार्ड नम्बर-एक में पानी टंकी निर्माण में जिम्मेदारों

Newswrap हिन्दुस्तान, बलरामपुरSun, 11 May 2025 04:48 PM
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बोले बलरामपुर- छह माह से बंद है पानी टंकी का निर्माण

विडंबना गैसड़ी, संवाददाता। नगर पंचायत गैसड़ी के वार्ड नम्बर-एक में पानी टंकी निर्माण में जिम्मेदारों ने जमकर धांधली की है। वार्डवासियों की मानें तो पानी टंकी निर्माण में अब तक मात्र बोरिंग करके चाहरदीवारी ही खड़ी की जा सकी है। कार्यदायी संस्था मेसर्स दारा इको प्रोटेशन (जेवी) ने वर्ष 2024 में ही काम पूरा होने का बोर्ड लगा दिया है। करीब छह माह से पानी टंकी निर्माण का कार्य बंद है। वार्डवासियों के लिए शुद्ध पेयजल का सपना, सपना ही रह गया। लोग दूषित पानी पीकर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। यही नहीं वार्ड में पाइप लाइन बिछाने के लिए खोदी गई सड़कें कार्यदायी संस्था ने क्षतिग्रस्त ही छोड़ दिया है, जिसके चलते वार्डवासियों को आवागम में भी दिक्कतें हो रही हैं।

वार्डवासियों ने पानी टंकी निर्माण कार्य को पूरा कराने के लिए जल निगम के अधिशासी अभियंता सहित अन्य उच्चाधिकारियों व मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजा है। गैसड़ी कस्बे को तीन साल पहले नगर पंचायत का दर्जा मिला है। हार्ड एरिया होने के कारण इस क्षेत्र में बोरिंग भी नहीं हो पा रही है। यहां के लोग बोरिंग के अभाव में अपनी खेती किसानी नहीं कर पा रहे हैं, साथ ही इन्हें शुद्ध पेयजल के लिए भी भटकना पड़ता है। गैसड़ी नगर पंचायत के वार्ड नम्बर-एक सुगांव मझौली में करीब तीन हजार की आवादी निवास करती है। यह कस्बा पिछड़ा व दलित वर्ग का बाहुल्य है। अधिकांश लोग मेहनत मजदूरी करके जीवन यापन करते हैं। क्षेत्र में बोरिंग न होने से वार्ड में सरकारी हैंडपंपों की संख्या भी कम है। लोग अपने घरों में छोटे हैंडपंप लगवाकर उसी के सहारे अपनी प्यास बुझाते हैं। छोटे हैंडपंप का पानी दूषित होने से लोग आए दिन बीमार होते रहते हैं। वार्ड के लगभग 40 प्रतिशत लोग दूषित पानी पीने से पेट के रोगी हो चुके हैं। वर्ष 2022-23 में पानी टंकी का निर्माण कार्य शुरू होने पर वार्डवासियों में शुद्ध पेयजल को लेकर आस जगी थी। कार्यदायी संस्था मेसर्स दारा ईको प्रोटेशन (जेवी) को पानी टंकी निर्माण का जिम्मेदारी मिली थी। शुरुआत में कार्यदायी संस्था ने बोरिंग कराकर चाहरदीवारी का निर्माण कराया। इसके बाद काम बंद कर दिया गया। संस्था ने वार्ड में पाइप लाइन बिछाने के लिए सड़कों की खोदाई शुरू कर दी। रास्ते के बीचोबीच खोदाई करके संस्था ने पाइप लाइन बिछा दी। खोदी गई सड़कों को आस पास की मिट्टी से पाटकर जिम्मेदारी पूरी कर ली गई। कुछ दिन बाद ही खोदी गई सड़क गड्ढों में धंस गई, जिससे वार्डवासियों को आवागमन में परेशानी उठानी पड़ रही है। वार्ड के तमाम लोग धंसी हुई सड़क में फंसकर चोटिल हो चुके हैं। तीन साल में बोरिंग व चाहरदीवारी का ही हो सका काम सुगांव मझौली के वार्डवासियों ने जल निगम के अधिशासी अभियंता सहित अन्य उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर कार्यदायी संस्था के कार्यों की जांच कराए जाने की मांग की है। ग्रामीणों का आरोप है कि जल जीवन मिशन नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की ओर से पानी टंकी निर्माण कराया जाना था। निर्माण स्थल पर बोरिंग के अलावा मात्र चाहरदीवारी खड़ी की गई है। वार्ड में पानी टंकी निर्माण का दस प्रतिशत कार्य भी पूरा नहीं किया गया है। वहीं संस्था ने कार्य पूर्ण होने का बोर्ड लगा दिया है, जिसमें प्रोजेक्ट लागत 179.64 लाख के साथ-साथ निर्माण पूर्ण होने की तिथि 17 सितंबर 2024 दर्शाया गया है। पिछले छह माह से निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप है। पानी टंकी निर्माण कार्य बंद होने एवं वार्ड में आधा अधूरा कार्य कराए जाने से लोगों में आक्रोश व्याप्त है। खोदी गई सड़क की मरम्मत से संस्था झाड़ रही पल्ला सुगांव मझौली वार्ड में पाइप लाइन बिछाने के लिए एक साल पहले खोदे गए रास्ते जस के तस पड़े हुए हैं। वार्डवासी आए दिन उसमें गिरकर चोटिल होते रहते हैं। समस्या को लेकर वार्डवासियों ने कई बार कार्यदायी संस्था व जिम्मेदार अधिकारियों से वार्ता की। वार्डवासियों की मानें तो जिम्मेदारों ने रास्ते को दुरुस्त कराने से साफ मना कर दिया। कहा कि पाइप लाइन बिछाने एवं टोटी लगाने का काम उन्हें मिला है। वार्ड के लगभग सभी स्थानों पर पाइप लाइन बिछाने के साथ-साथ टोटी का काम पूरा कर दिया गया है। संस्था के लोगों का कहना है कि रास्ते को दुरुस्त कराने की जिम्मेदारी उनकी नहीं है। जल जीवन मिशन का कार्य अधूरा होने से वार्ड में बिछाई गई पाइप लाइन धीरे-धीरे चोरी होने लगे हैं। लोगों के घरों में लगी टोटियां खराब होने के कगार पर पहुंच गई हैं।

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