बलरामपुर-श्रावस्ती सबसे बड़े एक्सप्रेस वे से जुड़ेगा, गोरखपुर से पानीपत तक का रूट चार्ट हो रहा तैयार
- बलरामपुर-श्रावस्ती सबसे बड़े एक्सप्रेस वे से जुड़ेगा। गोरखपुर से पानीपत तक का रूट चार्ट तैयार हो रहा है। आसानी से धार्मिक नगरी हरिद्वार सहित अन्य जगहों की सुगम यात्रा कर सकेंगे।
आने वाले दिनों में बलरामपुर और श्रावस्ती देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस वे से जुड़ेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस एक्सप्रेस वे को लेकर बेहद संवेदनशील हैं। उन्होंने सर्वेक्षण की जिम्मेदारी विभिन्न एजेंसियों को दी है। यह एक्सप्रेस वे बलरामपुर के लिए नई जीवनरेखा साबित होगी बल्कि सामरिक एवं आर्थिक दृष्टिकोण से भी इसका विकास होगा।
यह एक्सप्रेस वे गोरखपुर से पानीपत तक बनेगा, जिसकी लम्बाई 750 किलोमीटर लम्बी होगी। 22 जिलों को जोड़ने वाला एक्सप्रेस वे गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच व शामली होते हुए हरियाणा के पानीपत तक जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने पूर्वी उत्तर प्रदेश को पश्चिम से जोड़ने वाले इस नए एक्सप्रेस वे की संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दी है। इसका निर्माण होने से जिले के लोग आसानी से धार्मिक नगरी हरिद्वार सहित अन्य जगहों की सुगम यात्रा कर सकेंगे।
एनएचएआई ने पहले गोरखपुर से बलरामपुर, श्रावस्ती होते हुए शामली तक एक्सप्रेस वे निर्माण की संभावनाओं को तलाशा था। जिसका डीपीआर तैयार कराकर तेजी से काम भी शुरू हुआ। अब नए सिरे से नेशनल हाइवे आथारिटी ऑफ इंडिया ने इस एक्सप्रेस वे की दूरी और भी बढ़ाने का निर्णय लिया है। अब यह गोरखपुर से शामली तक बनाया जाएगा, जिसका रूट चार्ट तैयार किया जा रहा है। जानकारों की मानें तो इस एक्सप्रेस वे निर्माण से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली के बीच निर्बाध कनेक्टिविटी हो जाएगी। यह एक्सप्रेस वे उत्तर प्रदेश के 22 जिलों से होकर करीब 750 किलोमीटर लम्बाई में बनेगा। यह यूपी का सबसे लम्बा एक्सप्रेस वे होगा।
जानकारी के अनुसार इस एक्सप्रेस वे के निर्माण में जो लागत आएगी उसका भुगतान केन्द्र व प्रदेश सरकार मिलकर करेगी। एनएचएआई के परियोजना निदेशक ललित प्रताप पाल ने बताया कि एनएचएआई के अधिकारी रूट का सर्वे कर रहे हैं। इसे लिंक एक्सप्रेस वे से जोड़ने के साथ अन्य विकल्पों की तलाश की जा रही है। उन्होंने बताया कि इससे पहले गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस वे बनने पर इसके कैम्पियरगंज और पीपीगंज के पास से प्रारम्भ करने की योजना थी। अब इसे गोरखपुर शहर के दक्षिण दिशा में बनाने की तैयारी है कि ताकि इसे सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे भी जोड़ा जा सके।
यूपी इन जिलों को एक्सप्रेस वे से जोड़ने की तैयारी
यूपी के 22 जिलों को इस एक्सप्रेस वे से जोड़ने की तैयारी है। इसमें प्रमुख रूप से गोरखपुर, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखनऊ, सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदांयू, रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, सम्भल, बिजनौर, अमरोहा, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर व शामली शामिल है। शामली से यह एक्सप्रेस वे पानीपत तक जाएगा। जानकार बताते हैं कि बलरामपुर, श्रावस्ती और बहराइच जैसे पिछड़े जिलों के लिए यह एक्सप्रेस वे किसी वरदान से कम नहीं होगा। इससे न सिर्फ यातायात सुगम होगा बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र से निकलने वाला यह पहला एक्सप्रेस वे होगा जो कई पिछड़े जिलों को सुगम परिवहन सेवा से जोड़ेगा।
जिले से छह घंटे में हरिद्वार पहुंच सकेंगे लोग
इस एक्सप्रेस वे के निर्माण से धार्मिक नगरी हरिद्वार की यात्रा जिले वासियों के लिए बेहद आसान हो जाएगी। सड़क मार्ग से महज छह घंटे के अंतराल में लोग बलरामपुर से हरिद्वार की दूरी तय कर सकेंगे। यहां यह बताना आवश्यक है कि प्रतिवर्ष जिले से भारी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार व उसके आसपास के तीर्थस्थानों के आसपास जाते हैं। अभी तक हरिद्वार जाने के लिए कोई सीधा सड़क मार्ग नहीं है। इस एक्सप्रेस वे का निर्माण होने से लोग बलरामपुर शामली होते हुए हरिद्वार पहुंच जाएंगे। साथ ही हरियाणा की यात्रा सुगम होगी।
एनएचएआई परियोजना निदेशक ललित प्रताप पाल ने बताया कि गोरखपुर से पानीपत तक एक्सप्रेस वे बनाने की योजना पर काम शुरू किया गया है। पहले गोरखपुर से शामली तक की डीपीआर बनाई गई थी। अब इसे बढ़ाकर पानीपत तक कर दिया गया है। इसका रूट चार्ट तैयार कराया जा रहा है।
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