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यूपी के मुरादाबाद में पांच तेंदुओं ने मचा रखा है आतंक, लोगों में फैली दहशत

  • वन विभाग के आंकड़ों को मानें तो मुरादाबाद में महज पांच ही तेंदुए हैं। लेकिन बीते कुछ समय से तेंदुओं का मूवमेंट बढ़ने से ग्रामीणों में दहशत है। स्थानीय निवासी घरों में कैद होने के लिए मजबूर हैं।

Srishti Kunj कार्यालय संवाददाता, मुरादाबादThu, 10 April 2025 07:36 AM
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यूपी के मुरादाबाद में पांच तेंदुओं ने मचा रखा है आतंक, लोगों में फैली दहशत

वन विभाग के आंकड़ों को मानें तो मुरादाबाद में महज पांच ही तेंदुए हैं। लेकिन बीते कुछ समय से तेंदुओं का मूवमेंट बढ़ने से ग्रामीणों में दहशत है। स्थानीय निवासी घरों में कैद होने के लिए मजबूर हैं। जिले में कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां लगभग सप्ताहभर में एक-दो बार तेंदुआ स्पॉट हो ही जाता है। इससे ग्रामीणों में तेंदुओं का खौफ बढ़ रहा है। इतना ही नहीं आबादी वाले क्षेत्र में घुसकर भी तेंदुए शिकार भी कर रहे हैं। खेत पर काम करने जाते वक्त भी किसान समूह में जाते हैं और अंधेरा होने से पहले ही घर पर लौट जाते हैं।

ग्रामीणों की मानें तो जिले में तेंदुओं की संख्या बढ़ रही है। लेकिन वन विभाग की वन्य पशु गणना के अनुसार जिले में सिर्फ पांच ही तेंदुए हैं। बीते कुछ समय में तेंदुए काफी हमलावर भी हुए हैं। उन्होंने दो तीन गांवों में ग्रामीणों पर हमला भी किया, जिसमें ग्रामीण जख्मी भी हुए हैं। दस से अधिक पालतु पशुओं को भी अपना निवाला बनाया है।

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कांठ और ठाकुरद्वारा क्षेत्र में अधिक मूवमेंट

उत्तराखंड के बॉर्डर से जुड़े क्षेत्रों में तेंदुओं को मूवमेंट अधिक है। कांठ और ठाकुरद्वारा क्षेत्र में स्थित गांवों में तेंदुओं आसानी से नजर आ जाते हैं। खेतों पर काम करने जा रहे किसानों को अकसर तेंदुओं की मौजूदगी दिखाई दे जाती है। सिरसा ठाठ गांव निवासी बलवीर को सप्ताहभर पहले ही मादा तेंदुआ दिखाई दी थी। इसी तरह शुक्रवार की रात भटावली गांव में तेंदुए ने दो बकरियों को निवाला बना लिया था। बीते महीने कांठ क्षेत्र के गांव बगिया सागर निवासी मलखान सिंह पर भी तेंदुए ने हमला किया था।

पिंजरा लगाने की क्या है प्रक्रिया

तेंदुआ दिखाई देने के बाद ग्रामीण वन विभाग को मामले की सूचना देते हैं। जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर तेंदुए से जुड़ साक्ष्य जुटाने का प्रयास करती है। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार बार-बार तेंदुए के बार बार स्पॉट होने पर क्षेत्र में पिंजरा लगाने की अनुमति दी जाती है। साथ ही लखनऊ से अनुमति मिलने के बाद ही पिंजरा लगाया जा सकता है।

डीएफओ, सूरज ने इस बारे में कहा कि जिले में बीते कुछ समय से तेंदुओं का मूवमेंट बढ़ा है। इसके पीछे का कारण शिकार भी है और पानी की तलाश भी हो सकती है। साथ ही कुछ स्थान ऐसे हैं जहां, तेंदुओं का मूवमेंट अधिक है। ऐसे स्थानों पर आसानी से शिकार मिलना ही मूवमेंट बढ़ने का कारण है।