तब अमेरिकी राष्ट्रपति, अब उपराष्ट्रपति; 25 साल पहले आतंकियों ने लाइन में खड़ा कर मारी थी गोली
मंगलवार को हुआ पहलगाम हमला चित्तिसिंहपुरा नरसंहार की याद दिलाता है जिसमें 20 मार्च 2000 को अनंतनाग जिले के चित्तिसिंहपुरा गांव में हथियारबंद आतंकवादियों ने 36 सिखों की हत्या कर दी थी।

Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल) को आतंकियों ने 28 पर्यटकों को गोलियों से छलनी कर दिया। इस आतंकी हमले में 20 के करीब लोग घायल हुए हैं। इससे पूरा देश आक्रोशित है। मृतकों में कोई सेना का अधिकारी तो कोई IB का अधिकारी है। बड़ी बात यह है कि आतंकियों ने धर्म पूछकर हिन्दुओं को गोली मारी है और ये हमला ऐसे वक्त किया गया है, जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेन्स भारत के दौरे पर हैं और प्रधानमंत्री मोदी सऊदी के दौरे पर थे। इसी तरह का एक और हमला आतंकियों ने साल 2000 में किया था, जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन अपने भारत दौरे पर लैंड करने वाले थे।
2000 का चित्तीसिंहपुरा नरसंहार
साल 2000 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत दौरे पर आने वाले थे। उनका राजकीय दौरा 21 से 25 मार्च 2000 तक के लिए फिक्स था लेकिन उनके भारत पहुंचने से कुछ ही घंटे पहले, जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले के एक गांव में भयानक और दर्दनाक आतंकी हमला हुआ था, जिसमें दहशतगर्दों ने लाइन में खड़ा कर 36 सिखों को गोलियों से भून दिया था।
20 मार्च की शाम इस वारदात को अनंतनाग जिले के सुदूरवर्ती गांव चित्तीसिंहपुरा में हथियारबंद आतंकियों के एक समूह ने अंजाम दिया था। वहां भी आतंकियों ने पहलगाम के हमलावरों की ही तरह भारतीय सेना की वर्दी पहन रखी थी। 20 मार्च, 2000 को शाम करीब 7:20 बजे आतंकी समूह सिखों के गांव में घुस आए थे। तब आतंकियों ने मुख्य पहाड़ी सड़कों से बचते-बचाते और अंधेरे की आड़ में सेब के बागों और चावल के खेतों से होते हुए चुपचाप गांव में प्रवेश किया था।
कट गई थी बिजली, रेडियो पर लोग सुन रहे थे क्लिंटन का समाचार
जिस वक्त आतंकी समूह गांव में घुसा था, उस वक्त बिजली कट गई थी। इसके बाद ग्रामीण सिख लालटेन जलाकर रेडियो पर समाचार सुन रहे थे, जिसमें बिल क्लिंटन के भारत दौरे की खबर आ रही थी। कुछ लोग गुरुद्वारा से अरदास कर लौट रहे थे। तभी हथियारों से लैस आतंकी गांव में अलग-अलग हिस्सों में बंट गए। इन आतंकियों ने तब सिखों को घरों, दुकानों से बाहर निकालकर और जो रास्ते में थे, उन सभी को एक जगह एक लाइन में खड़ा करा दिया था और उन पर अंधाधुंध गोलियों की बौछार कर दी थी। इस कायराना हमले में 36 लोगों की मौत हो गई थी। दो लोग इस हमले में बच गए थे।
पहलगाम में आतंकी हमला
पहलगाम में भी सेना की वर्दी पहनकर आए चार से छह आतंकियों ने मंगलवार को दोपहर 2.50 बजे के करीब धर्म पूछकर पर्यटकों को गोली मार दी, जिसमें 28 लोगों की मौत हो गई है। इन आतंकियों ने पर्यटकों को गोली मारने से पहले कलमा पढ़ने को कहा और जिसने कलमा नहीं पढ़ा या जिसने खुद अपनी पहचान हिन्दू के रूप में बताई, उसे गोली मार दी गई। गोली मारकर आतंकियों ने कहा जाओ मोदी को बता देना।