तुम 'राम राम' की गूंज सुनाना चाहते हो, हम गले काटेंगे; पहलगाम हमले से पहले PoK में जुटे थे आतंकी
- आयोजन दो आतंकियों की याद में किया गया था। इनमें से अकीफ हलीम को भारतीय सेना की 21वीं राष्ट्रीय राइफल्स ने 17 मार्च को कुपवाड़ा में मुठभेड़ में मार गिराया था।

जम्मू-कश्मीर के पर्यटक स्थल पहलगाम में 26 पर्यटकों की दर्दनाक हत्या से कुछ दिन पहले, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकवादियों का जमावड़ा लगा था। यहां रावलकोट जिले के खाई गाला में एक 'श्रद्धांजलि सम्मेलन' के दौरान लश्कर-ए-तैयबा (LeT) कमांडर अबू मूसा ने खुलेआम भारत के खिलाफ जिहाद और हिंसा की अपील की थी।
यह सम्मेलन 18 अप्रैल को आयोजित हुआ था, जिसमें कई आतंकवादी संगठनों के शीर्ष चेहरे भी शामिल हुए। अबू मूसा कथित तौर पर 'जम्मू-कश्मीर यूनाइटेड मूवमेंट' (JKUM) का नेतृत्व करता है। उसने सभा को संबोधित करते हुए अनुच्छेद 370 और 35A की समाप्ति को 'कश्मीर की जनसांख्यिकी बदलने की साजिश' बताया और कश्मीर घाटी में नए सिरे से आतंकी हमलों का आह्वान किया।
वायरल वीडियो में दी गई धमकी
भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा वेरिफाई किए गए एक वायरल वीडियो में अबू मूसा कहता है, "भारत ने 370 और 35A हटाकर जनसंख्या संतुलन बिगाड़ने की कोशिश की। तुमने अपनी 10 लाख फौज भेजी। तुम 'राम राम' की गूंज पुलवामा, पुंछ और राजौरी में सुनाना चाहते हो। लश्कर-ए-तैयबा तुम्हारी चुनौती स्वीकार करता है। मोदी, तुमने अपने बंद कोर्टरूम में आदेश पास किए होंगे, लेकिन मैदान मुजाहिदीन का है। आजमा लो, इंशाल्लाह हम बंदूक लहराएंगे, गले काटेंगे और अपने शहीदों की कुर्बानी को सलाम करेंगे।"
किसकी याद में हुआ था सम्मेलन?
18 अप्रैल को हुआ यह आयोजन दो आतंकियों – अकीफ हलीम और अब्दुल वहाब – की याद में किया गया था। अकीफ हलीम को भारतीय सेना की 21वीं राष्ट्रीय राइफल्स ने 17 मार्च को कुपवाड़ा में मुठभेड़ में मार गिराया था। अब्दुल वहाब, लश्कर और उसके सहयोगी संगठन पीपुल्स एंटी-फासीस्ट फ्रंट (PAFF) से जुड़ा था, जिसे 24 अप्रैल को बारामुला के सोपोर इलाके में मारा गया। दोनों आतंकी एक ही परिवार से ताल्लुक रखते थे और PoK के निवासी थे।
पाकिस्तानी सरकार का समर्थन
इस सम्मेलन को लेकर खुफिया एजेंसियों ने आशंका जताई है कि इसमें पाकिस्तानी प्रशासन की ओर से जमीन पर सुरक्षा और लॉजिस्टिक समर्थन दिया गया था। हालांकि आवामी ऐक्शन कमेटी ने पहले दावा किया था कि इस कार्यक्रम में कोई आतंकी संगठन शामिल नहीं होगा, लेकिन मंच पर कई सक्रिय लश्कर आतंकियों की मौजूदगी और शहीदों की 'गौरवगाथा' ने इसे आतंकियों का शक्ति प्रदर्शन बना दिया।
हमलों की नई लहर की चेतावनी
अबू मूसा और अन्य आतंकी नेताओं की भड़काऊ भाषा और खुलेआम आतंक का महिमामंडन करने से गर्मी के मौसम में कश्मीर में घुसपैठ की नई लहर की आशंका जताई जा रही है। परंपरागत घुसपैठ मार्ग – कुपवाड़ा, पुंछ और राजौरी – गर्मियों में अधिक सक्रिय हो जाते हैं और इन्हीं मार्गों के जरिये आतंकी गतिविधियां तेज हो सकती हैं।
अबू मूसा का यह भाषण और उसके तुरंत बाद हुआ पहलगाम नरसंहर दर्शाता है कि PoK में बैठे आतंकी सरगना न केवल भारत विरोधी जहरीला प्रचार फैला रहे हैं, बल्कि आगामी समय में घाटी को फिर से अशांत करने की योजना पर भी काम कर रहे हैं। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इस पूरे घटनाक्रम को बेहद गंभीरता से देख रही हैं।
पहलगाम नरसंहार में 26 लोग मारे गए, जिनमें से अधिकतर देश के विभिन्न भाग से आए पर्यटक थे। आतंकवादियों ने उन पर्यटकों पर गोलियां चलाईं जो पहलगाम के बैसरन में भोजनालयों के आसपास घूम रहे थे, खच्चरों पर सवारी कर रहे थे या पिकनिक मना रहे थे। अपनी मनोरम सुंदरता के कारण इस जगह को ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहा जाता है।