Plantation Campaign Fails in Barabanki 85 Saplings Dried Up Despite Crores Spent सूख गए रोपे गए 85 फीसद पौधे, जमीन हुई बंजर, Barabanki Hindi News - Hindustan
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सूख गए रोपे गए 85 फीसद पौधे, जमीन हुई बंजर

Barabanki News - बाराबंकी में पिछले तीन वर्षों में करोड़ों रुपये खर्च कर पौधरोपण अभियान चलाया गया, लेकिन देखभाल के अभाव में 85% पौधे सूख गए हैं। 2022 से 2024 के बीच लगभग 1.80 करोड़ पौधे लगाए गए, लेकिन हरियाली में कमी...

Newswrap हिन्दुस्तान, बाराबंकीSat, 24 May 2025 04:14 PM
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 सूख गए रोपे गए 85 फीसद पौधे, जमीन हुई बंजर

बाराबंकी। पर्यावरण संरक्षण और हरियाली बढ़ाने के उद्देश्य से जिले में बीते तीन वर्षों में करोड़ों रुपये खर्च कर पौधरोपण अभियान चलाया गया, लेकिन देखरेख के अभाव में यह अभियान विफल होता दिख रहा है। वर्ष 2022 से 2024 के बीच जिले में लगभग 1.80 करोड़ पौधे रोपे गए, मगर 85 प्रतिशत से अधिक पौधे सूख गए। इससे न केवल हरियाली का सपना अधूरा रह गया, बल्कि भारी राजस्व क्षति भी हुई है। हर साल रोपे जाते हैं लाखों पौधे: हर साल जिला प्रशासन और वन विभाग द्वारा लाखों पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया जाता है। वर्ष 2022 में 64 लाख, 2023 में 59 लाख और 2024 में 57 लाख पौधे लगाए गए।

वर्ष 2025 के लिए 58 लाख पौधों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बावजूद इसके, ज़मीनी हकीकत यह है कि जिले में हरियाली बढ़ने की बजाय घटती जा रही है। पौधरोपण के नाम पर विभागों को दिए गए लक्ष्य के अंतर्गत स्कूल परिसरों, सड़कों के किनारे और बंजर जमीनों पर पौधे लगाए गए, लेकिन समय पर सिंचाई, गुड़ाई, और दवा के छिड़काव न होने से अधिकांश पौधे नष्ट हो गए। सूख गए लाखों पौधें: फतेहपुर संवाद के अनुसार फतेहपुर रेंज में बीते दो वर्षों के दौरान रोपे गए अधिकांश पौधे सूख कर नष्ट हो गए। वर्ष 2023 में रेंज के 200 हेक्टेयर क्षेत्रफल में चार लाख 28 हजार पौधे लगाए गए जबकि 2024 में फतेहपुर वन रेंज के 185 हेक्टेयर क्षेत्रफल में चार लाख 35 हजार पौधे रोपे गए। बताते है कि इसमे करीब 80 प्रतिशत पौधरोपण सिर्फ बसारा सेक्टर में किया गया। लेकिन इस क्षेत्र में अधिकांश पौधे लगाने के साथ ही सूख गए। जमीन बंजर पड़ी है। पौधों की होती सिंचाई न देखभाल: रामनगर संवाद के अनुसार पिछले साल वन विभाग रामनगर ने हाइवे किनारे, पूरे जबर माइनर, चौकाघाट, पुरानी रेल लाइन सहित कई स्थानों पर आठ हेक्टेयर क्षेत्र में पौध रोपण कराया था मगर उनकी सही से देख भाल नहीं की गई और सिंचाई भी नही हुई। लिहाजा हजारों पौधे सूख गए। सरकार ने पौध रोपण अभियान पर लाखो खर्च किया मगर विभाग अपने सभी पौधों को बचा नहीं सका। पौधों को बचाने के लिए सीमेंटेड खम्भे व तार लगवाए गए थे।

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