मुफ्त की ड्रेस और खाना भी नहीं बढ़ा पा रहा छात्रों की उपस्थिति
Bareily News - परिषदीय स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, जैसे मुफ्त यूनिफॉर्म, किताबें और मिड डे मील। फिर भी, मथुरा, मेरठ, और बदायूं जैसे जिलों में उपस्थिति 75 फीसदी से कम है।...

परिषदीय स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाने के लिए छात्रों को मुफ्त यूनिफॉर्म, किताबों आदि के साथ ही मिड डे मील भी दिया जाता है। उसके बाद भी छात्रों की उपस्थिति में विशेष सुधार नहीं हो रहा है। हाल में ही जारी मुख्यमंत्री डैशबोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार मथुरा, मेरठ, बदायूं, इटावा और बहराइच में छात्रों की उपस्थिति 75 फीसदी से कम है। मार्च के महीने में 75.33 फीसदी औसत उपस्थिति के साथ बरेली को प्रदेश में 25वां स्थान मिला है। बेसिक स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। लगातार इस विषय में आदेश भी जारी होते हैं। शिक्षकों को संकुल बैठकों में भी बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए प्रयास करने को कहा जाता है। हर हाल में 75 फीसदी उपस्थिति सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया जाता है। ऐसा नहीं होने की स्थिति में न केवल प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण मांगा जाता है, बल्कि कई बार उनका वेतन भी रोका जाता है। बीते सत्र में बरेली में भी बड़ी संख्या में शिक्षकों का वेतन रोका गया था। शासन स्तर पर बच्चों को यूनिफॉर्म, जूता-मोजा, स्वेटर, स्कूल बैग आदि खरीदने के लिए डीबीटी के माध्यम से 1200-1200 रुपये दिए जाते हैं। निशुल्क पाठ्य-पुस्तकों के साथ ही रोजाना फ्री मिड डे मील भी खिलाया जाता है। उसके बाद भी बड़ी संख्या में ऐसे जिले हैं, जहां छात्रों की उपस्थिति 60 से 65 फीसदी के बीच में है। हालांकि बरेली की स्थिति कुछ बेहतर है। मार्च के महीने में बरेली में 75.35 फीसदी छात्र उपस्थित रहे। बरेली को प्रदेश में 25वां स्थान मिला है।
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