यूपी के एक हजार से कम आबादी वाले गांवों को लेकर योगी सरकार करने जा रही ये काम, जानें क्या है प्लान
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अगले वर्ष अप्रैल तक कराए जाने की तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं। तमाम ग्राम पंचायतों व राजस्व गांवों के शहरी क्षेत्रों में शामिल होने के बाद अब नए सिरे से पुनर्गठन किया जाएगा।

यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अगले वर्ष अप्रैल तक कराए जाने की तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं। तमाम ग्राम पंचायतों व राजस्व गांवों के शहरी क्षेत्रों में शामिल होने के बाद अब नए सिरे से पुनर्गठन किया जाएगा। वर्ष 2021 में हुए पंचायत चुनाव के बाद कई जिलों में नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत व नगर निगम बनने के कारण सीमा विस्तार हुआ है और तमाम गांव शहरी क्षेत्र में चले गए हैं। ऐसे में योगी सरकार अब एक हजार से कम आबादी वाले गांवों को बगल की ग्राम पंचायतों में शामिल कराए जाने को लेकर तैयारी कर रही है।
पंचायतीराज विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार ने बताया कि एक हजार की आबादी पर एक ग्राम पंचायत होगी। ऐसी ग्राम पंचायत जिसका केवल एक राजस्व गांव नगरीय निकाय में समाहित हो गया है और केवल एक ही राजस्व गांव बचा है और वह ग्राम पंचायत बनाने के मानक को पूरा नहीं करता तो उसे बगल की ग्राम पंचायत में सम्मिलित कर दिया जाएगा। वहीं यदि कोई ग्राम पंचायत नगरीय क्षेत्र में सम्मिलित हो जाती है और उसका सम्मिलित राजस्व ग्राम अगर ग्राम पंचायत बनाने का मानक पूर्ण करता है तो उस दशा में राजस्व गांव को ग्राम पंचायत बनाया जा सकता है।
ऐसे ही एकल राजस्व ग्राम के नाम से गठित ग्राम पंचायत यदि आंशिक रूप से प्रभावित हुई है और उसकी जनसंख्या एक हजार है तो उस दशा में ग्राम पंचायत यथावत शेष बनी रहेगी। उसके लिए सभी जिलों में जिलाधकारी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जाएगा। जिसमें जिला पंचायतीराज अधिकारी सदस्य सचिव होंगे और मुख्य विकास अधिकारी व जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी को इस कमेटी का सदस्य बनाया गया है।
पंचायतीराज विभाग के प्रमुख सचिव की ओर से उक्त प्रभावित विकास खंड की ग्राम पंचायतों, राजस्व ग्रावों को संशोधित अधिसूचना के माध्यम से हटाए जाने एवं अवशेष ग्रामों को आवश्यकतानुसार निकटस्थ ग्राम पंचायत में सम्मिलित किए जाने का प्रस्ताव पांच जून तक मांगा है। यह प्रस्ताव जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बनाई गई चार सदस्यीय कमेटी से अनुमोदन कराकर भेजा जाएगा। फिलहाल ग्राम पंचायतों व राजस्व गांवों के आंशिक पुर्नगठन के बाद ग्राम पंचायतों की असल तस्वीर सामने आएगी।
अभी 57691 ग्राम पंचायतें हैं यूपी में
प्रदेश में अभी 57,691 ग्राम पंचायतें हैं। वहीं 826 क्षेत्र पंचायत व 75 जिला पंचायत हैं। फिलहाल त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज कर दी गई हैं। ग्राम पंचायतों के आंशिक पुनर्गठन के साथ ही आरक्षण से संबंधित निर्धारण भी किया जाएगा। अगले वर्ष अप्रैल में चुनाव कराए जाने की तैयारी की जा रही है।
1,27,863 मतपेटियों के लिए टेंडर जारी
वहीं राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2026 के लिए 1,27,863 मतपेटिकाओं की चार महीने में आपूर्ति किए जाने का टेंडर भी जारी कर दिया है। उप निर्वाचन आयुक्त संत कुमार की ओर से सीआर शीट ग्रेड सीआर-वन से निर्मित मतपेटिकाओं की आपूर्ति चार महीने के अंदर किए जाने टेंडर जारी किया गया है। ऐसी संस्था जिन्होंने सीआर शीट ग्रेड सीआर-वन से निर्मित उत्पादों का पिछले पांच वर्षों में कुल 15 करोड़ की आपूर्ति का अनुभव हो तथा जिसका वार्षिक टर्नओवर तीन करोड़ रुपये हो वह प्रतिभाग कर सकेंगे। वहीं निविदादाता द्वारा निविदा प्रपत्र का शुल्क 35400 रुपये व धरोहर राशि 30 लाख जमा करना होगा।