Annual Majlis in Najibabad Honors Martyrs of Karbala and Promotes Knowledge मौला अली की बारगाह में गूंज रही करबला के शहीदों की सदाएं, Bijnor Hindi News - Hindustan
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मौला अली की बारगाह में गूंज रही करबला के शहीदों की सदाएं

Bijnor News - नजीबाबाद में सालाना मजलिस के तीसरे दिन, मौलाना ने करबला के शहीदों को याद किया। उन्होंने इमाम हुसैन की कुर्बानी और इंसानियत के लिए उनके योगदान पर जोर दिया। मौलाना ने युवाओं को ज्ञान की ओर बढ़ने और नेक...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिजनौरSat, 24 May 2025 11:27 PM
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मौला अली की बारगाह में गूंज रही करबला के शहीदों की सदाएं

नजीबाबाद। सालाना मजलिसों के तीसरे दिन भी दूर दराज से आये मौलाना ने करबला के शहीदो को याद करते हुए खिताब किया। उन्होने कहा कि यजीद के सामने इमाम हुसैन नहीं झुके उन्होंने इंसानियत की मिसाल कायम कर दुनिया को मोहब्बत का पैगाम दिया। जोगीरम्पुरी स्थित विश्व प्रसिद्ध दरगाहे आलिया नज्फे हिन्द पर तीसरे दिन भी मजलिसों का सिलसिला जारी रहा। मौलाना कमाल ताहिर बिजनौरी, दिल्ली से मौलाना हसन कुमेली, मौलाना अज़ादार हुसैन, मौलाना कलबे अब्बास इस्तेहादी मस्कत, मौलाना शबाब नक़वी सिरसी, मौलाना अथर अब्बास मुज़फ्फरनगर, मौलाना रज़ा हुसैन रिज़वी लखनऊ, मौलाना गुलाम रसूल कश्मीर, मौलाना शब्बीर वारसी कलकत्ता ने खिताब किया।

नौजवान इल्म कै मैदान मे ऊंचे मुकाम पर पहुचे मौलाना हसन कुमैलीं दिल्ली ने कहा कि ये दौर है जो कौम इल्म कै मैदान मे आगे बढ़ेगी वही तरक्की करेगी, वही आगे बढ़ेगी। पूरी दुनियां मे मुसलमानो की पस्ती का एक यही सबब है की उन्होंने इलम से अपना रिश्ता तोड़ दिया, मै कोम के जवानों से यही कहना चाहुँगा की वो सूखी रोटी खाये और वो बोसीदा लिबास पहने और इल्म के मैदान मे ऊंचे मुकाम पर पहुचे, दुनियां की कोई ताकत नहीं जो इसे शिकस्त दे सके। नेक काम करने वाले नहीं मरते, वे अमर हैं मौलाना कमाल ताहिर बिजनौरी ने खिताब करते हुए कहा कि इमाम हुसैन ने कुरआन के एतबार से यह साबित कर दिया कि नेक काम करने वाले का कत्ल भी कर दिया जाए तो वह मरता नहीं बल्कि अमर हो जाता है। इमाम हुसैन ने दहशतगर्दी के खिलाफ कदम उठाया। और कत्ल हो गए। हिन्दु मंस्लिम सिख इसाई सभी इमाम हुसैन का सम्मान करते हैं। खुदा के रास्ते में नेक काम करने वाले का कत्ल हो जाए तो भी वो इंसानियत के रूप में जिन्दा रहता है। ...हर कौम पुकारेगी हमारे है हुसैन मौलाना अज़ादार हुसैन दिल्ली ने ख़िताब करते हुए फ़रमाया कि नजफे हिन्द जोगीपुरा मे हर मकतबे फ़िक्र के लोग तशरीफ़ लाते हैं और हज़रत के रोज़े से सब की परेशानियां दूर होती है। इसकी वजह ये है की आप किसी की मदद उसका मज़हब देख कर बल्कि इंसानियत पहले है। इंसान को बेदार तो होने लेने दो हर कौम पुकारेगी हमारे है हुसैन। इमाम हुसैन ने कुर्बानी देकर पूरी कायनात को बचाया मौलाना कलबे अब्बास इस्तेहादी मस्कत ने इमाम हुसैन की जिन्दगी पर रोशनी डालते हुए कहा कि इमाम हुसैन हजरत के नवासे और अली के बेटे थे। अगर वे करबला की जंग में अपनी कुर्बानी न देते तो आज न कोई इंसान इंसानियत को पहचान पाता और ना ही कुरआन व इस्लाम बाकी रह जाता। अपनी कुर्बानी देकर उन्होंने इंसानियत और कुरआन को बचाने का काम किया और पूरी कायनात को जुल्म से बचाया। --------------- दरगाह परिसर में निकाला मातमी जुलूस नजीबाबाद। दरगाह-ए-आलिया नज्फे हिंद जोगीरम्पुरी में सालाना मजलिस के तीसरे दिन अंजुमनों ने मातमी जुलूस निकाले। इन जुलूसों में दुलदुल घोड़ा मुख्य रहा। वहीं जायरीनों ने कर्बला की जंग के अलावा कई अन्य घटनाओं के मंजर पेश किए। दरगाह प्रबंध कमेटी के आसपास के खाली स्थानों पर कर्बला की जंग के अलावा कई अन्य घटनाओं के मंजर पेश किए। कई स्थानों से आई विभिन्न अंजुमनों ने मौला अली की याद में मातमी जुलूस निकाले। इस दौरान जायरीन सीनाजनी और छुरियों से कर मातम करते हुए चल रहे थे।

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