दिव्यांग बेटी के इलाज में रास्ते की दुश्वारियों से जंग लड़ रहा फौजी
Maharajganj News - परतावल, हिन्दुस्तान संवाद। सरहद की सुरक्षा के लिए जान की बाजी लगाने वाले एसएसबी

परतावल, हिन्दुस्तान संवाद। सरहद की सुरक्षा के लिए जान की बाजी लगाने वाले एसएसबी जवान को अपने ही जिले में जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन से गांव की कच्ची सड़क को पक्की करने की मांग पर मायूसी मिल रही है। एसएसबी जवान का कहना है कि उसकी तीन साल की दिव्यांग बच्ची है। उसे इलाज के लिए परिजन अस्पताल ले जाते हैं। बारिश से कच्ची सड़क कीचड़ से सन जाने से परिजनों की परेशानी देख एसएसबी जवान आईजीआरएस पर कई बार अपनी पीड़ा दर्ज करा चुका है, लेकिन घर की सड़क की सूरत कीचड़ से अभी भी सनी हुई है। परतावल क्षेत्र के ग्राम सभा बड़हरा बरईपार निवासी नरेंद्र चौरसिया सशस्त्र सीमा बल में पिछले 12 वर्ष से तैनात हैं।
शिकायती पत्र को दिखाते हुए एसएसबी जवान बताया कि गांव से घर को जोड़ने वाली सड़क कच्ची है। बरसात में कीचड़ के बीच से गुजरना पड़ता है। नरेन्द्र चौरसिया के मुताबिक वह कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर कच्ची सड़क को पक्की बनाने के लिए मांग कर चुके हैं, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है। उन्होंने बताया कि मेरी एक तीन साल की बेटी है जो दिव्यांग है, हर हफ्ते उसे इलाज के लिए ले जाना पड़ता है। बरसात के मौसम में वाहन तो दूर पैदल भी घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। प्रशासन की उदासीनता पर ग्रामीणों में आक्रोश: गांव में सड़क की समस्या को लेकर ग्रामीण भी प्रशासन की उदासीनता पर नाराजगी जता रहे हैं। ग्रामीण राम अशीष ने बताया कि अगर एक सैनिक को अपने गांव की सड़क बनवाने के लिए चक्कर काटना पड़ रहा है तो आम आदमी की सुनवाई की उम्मीद क्या करें। ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन इस विषय को गंभीरता से लेकर जल्द से जल्द सड़क निर्माण का कार्य शुरू करे।
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