रिटायर इंस्पेक्टर की काली कमाई का राज पत्नी ने ही खोल दिया,अकूत संपत्तियों के खुलासे के बाद ऐक्शन
रिटायर इंस्पेक्टर की काली कमाई का राज पत्नी ने ही खोल दिया। शिकायत के बाद विजिलेंस ने गोपनीय जांच की तो अकूत संपत्तियों का खुलासा हुआ। खुलासे के बाद ऐक्शन हुआ है। मामले में मुकदमा दर्ज हो गया है।
महाराजपुर, कानपुर और प्रयागराज समेत प्रदेश के कई थानों में तैनात रहे रिटायर इंस्पेक्टर की काली कमाई का राज उनकी पत्नी ने ही खोल दिया। पत्नी की शिकायत पर विजिलेंस ने पहले गोपनीय जांच की तो अकूत संपत्तियों का खुलासा हुआ। नौकरी से हुई आय और खरीदी गई संपत्तियों की कीमत में करीब एक करोड़ रुपये का अंतर मिला, जिसका स्पष्टीकरण रिटायर इंस्पेक्टर नहीं दे सका। जिसके बाद विजिलेंस ने शासन के आदेश पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। इंस्पेक्टर वर्ष 2016 में पुलिस विभाग से रिटायर हो चुके हैं।
मूलरूप से जौनपुर के रहने वाले रिटायर् इंस्पेक्टर जितेंद्र प्रताप सिंह वर्तमान में लखनऊ के गोमती नगर के विभूति खंड में रहते हैं। जौनपुर में रहने वाली उनकी पत्नी ने वर्ष 2019-20 में शासन में पति की काली कमाई को लेकर शिकायत की थी। जिसके बाद शासन के निर्देश पर विजिलेंस ने गोपनीय जांच की थी। गोपनीय जांच में रिटायर्ड इंस्पेक्टर की काली कमाई का खुलासा हुआ तो शासन ने खुली जांच के आदेश दिए। 25 फरवरी 2023 को रिटायर् इंस्पेक्टर के खिलाफ खुली जांच की शुरुआत हुई। करीब एक वर्ष तक जांच चली जिसमें एक करोड़ रुपये से ज्यादा की काली कमाई का पता चला। रिटायर इंस्पेक्टर से जब विजिलेंस ने काली कमाई का जरिया पूछा तो वह कोई भी वाजिब कारण नहीं बता सके। जिसके बाद शासन को रिपोर्ट भेजी गई। शासन के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
1.05 करोड़ रुपये की काली कमाई मिली
विजिलेंस अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान रिटायर इंस्पेक्टर के इनकम टैक्स रिटर्न, संपत्तियों का ब्योरा और बैंक ट्रांजेक्शन आदि से जुड़े सभी दस्तावेजी साक्ष्य जुटाए गए। इनका आंकलन करने से पता चला कि जितेंद्र प्रताप सिंह ने अपने सर्विस काल में 1,68,47,924 रुपये कमाए थे। जबकि इसी दौरान उन्होंने 2,74,14, 817 रुपये खर्च किए। इस हिसाब से रिटायर इंस्पेक्टर ने 1,05,66,893 रुपये अधिक खर्च किए।
पहली पत्नी ने की थी शिकायत
सूत्रों के मुताबिक रिटायर्ड इंस्पेक्टर की पहली पत्नी जौनपुर में ही रहती हैं। आरोप है कि रिटायर्ड इंस्पेक्टर ने पहली पत्नी की अनदेखी करते हुए दूसरी शादी कर ली और उनके साथ लखनऊ में रहने लगे। इधर जब उनकी पहली पत्नी को जानकारी हुई तो उन्होंने पति पर मुकदमा किया। इसके साथ ही पति की काली कमाई का राज विजिलेंस के सामने खोल दिया। जानकारी के मुताबिक पहली पत्नी से रिटायर्ड इंस्पेक्टर के एक बेटा व बेटी है जबकि दूसरी पत्नी से दो बेटे हैं।
डीजी विजिलेंस के निर्देश पर हुई एफआईआर
कानपुर के विजिलेंस थाने को मंडलीय क्षेत्राधिकार प्राप्त है। जिसमें कानपुर नगर के साथ ही छह जिले आते हैं। रिटायर्ड इंस्पेक्टर की जांच डीजी विजिलेंस ने कानपुर को सौंपी थी। जिसके बाद यहां से जांच शुरू हुई। अधिकारियों ने बताया कि डीजी विजिलेंस के आदेश पर कानपुर में रिटायर्ड इंस्पेक्टर जितेन्द्र प्रताप सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में एफआईआर दर्ज कराई गई है। मामले में विवेचना की जा रही है।
शासन के आदेश पर होती है विजिलेंस जांच
जानकार बताते हैं कि विजिलेंस जांच शासन के आदेश पर होती है। पीड़ित के शासन में शिकायत करने पर यदि शासन को लगता है तो वह मामले की विजिलेंस जांच करा सकती है। डीजी विजिलेंस प्रदेश की किसी भी यूनिट को जांच के निर्देश दे सकते हैं। आमतौर पर घटनाक्रम के करीबी यूनिट को ही जांच सौंपी जाती है।
क्या होती है खुली जांच
विजिलेंस पहले गोपनीय जांच करती है। जब आरोपित पर आरोप साबित होते हैं तो रिपोर्ट शासन को भेज दी जाती है। शासन के आदेश पर ही खुली जांच होती है। इसमें कोई भी व्यक्ति जांच संबंधी दस्तावेज अथवा साक्ष्य दे सकता है।
पुलिस अधीक्षक विजिलेंस पुत्तूराम ने बताया कि शासन के आदेश पर जांच की गई थी। आय से अधिक संपत्ति मामले में रिटायर्ड इंस्पेक्टर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच चल रही है।