बिजनौर: पीली बांध की जमीन पर अवैध कब्जों की जांच पर कोरोना का ग्रहण
Bijnor News - पीली बांध की हजारों बीघा जमीन पर किसानों ने अवैध कब्जा कर फसल बो रखी है। दशकों बाद भी जमीन को कब्जा मुक्त नहीं कराया जा सका। हालांकि लॉकडाउन से पहले पीली बांध को लेकर जांच कमेटी का गठन हुआ था, जो कि...

पीली बांध की हजारों बीघा जमीन पर किसानों ने अवैध कब्जा कर फसल बो रखी है। दशकों बाद भी जमीन को कब्जा मुक्त नहीं कराया जा सका। हालांकि लॉकडाउन से पहले पीली बांध को लेकर जांच कमेटी का गठन हुआ था, जो कि सिर्फ एक ही बैठक कर पाई है। कोरोना के चलते इसकी जांच आगे नही बढ़ पाई है।
साल 1960 के दशक में अमानगढ़ वन रेंज के पास पीली और धारा नदी को बांधते हुए पीली बांध का निर्माण कराया गया था। इस बांध से तीन नहर निकाली गई। जिससे किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिल सके। समय के साथ साथ बांध में सिल्ट जमा होती गई और पानी की स्टोरेज क्षमता घट गई। सिल्ट जमा होने से दो हेड तक पानी पहुंचना बंद हो गया। इसके चलते बाद में इन दो नहरों को कालागढ़ डैम से जोड़ना पड़ा। अब पीली डैम से केवल एक ही नहर को पानी की आपूर्ति की जा रही है। उधर पीली बांध में जिस जगह पानी नहीं भरा था उस जमीन को लोगों ने कब्जा कर लिया, जिस पर अब फसल लहरा रही हैं। 5000 बीघा से भी अधिक जमीन पर किसानों का अवैध कब्जा है। इसे कब्जा मुक्त कराने के लिए सिंचाई विभाग केवल नोटिस जारी करते हुए खानापूर्ति कर लेता है। हालांकि अवैध कब्जे के मामले कोर्ट में भी विचाराधीन है इस मामले को हिंदुस्तान ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था। सूत्रों की माने तो पीली बांध की जमीन में खेती करने वाले किसानों से एक निर्धारित अवैध शुल्क भी वसूल किया जाता है, ऐसा दबी जुबान में कुछ किसान बोलते हैं। लॉकडाउन से पहले डीएम ने पीली बांध की जमीन को लेकर एक कमेटी का गठन भी किया था। इस कमेटी को जांच कर पीली बांध की जमीन के संबंध में अपनी रिपोर्ट देनी थी, लेकिन लॉकडाउन लगने के बाद यह कमेटी अभी तक इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है। बताया गया कि जांच कमेटी सिर्फ एक ही बैठक कर पाई है दूसरी बैठक करने का भी अभी वक्त नहीं लगा।
- पीली बांध की जमीन को लेकर कमेटी का गठन किया गया था, लेकिन लॉकडाउन लगने के बाद इसमें ज्यादा काम नहीं हो सका कमेटी सिर्फ एक ही बैठक कर पाई थी। -धीरेंद्र सिंह एसडीएम धामपुर
-पीली बांध की जमीन के संबंध में जिलाधिकारी के निर्देश पर कमेटी गठित है मामले की जांच की जा रही है कमेटी कोई ना कोई रास्ता तो निकाल ही लेगी।
- रामबाबू अधिशासी अभियंता सिंचाई खंड अफजलगढ़
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