गन्ने की अगेती प्रजातियों के रोग और बचाव की जानकारी दी
Bijnor News - अफजलगढ़ में किसानों को गन्ने की अगेती प्रजातियों के रोग और उनके बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी गई। गोष्ठी में कीटनाशक और फफूंदीनाशक दवाओं की उपलब्धता पर चर्चा की गई। गन्ना महाप्रबंधक ने रोगों की...

अफजलगढ़। गोष्ठी आयोजित करके किसानों को गन्ने की अगेती प्रजातियों के रोग और बचाव सम्बन्धी जानकारी दी गई। शनिवार को मिल क्षेत्र के गांव उदयपुर में किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में गन्ने की अगेती प्रजातियों के रोग और उनसे बचाव सहित इंसेक्टिसाइड तथा पेस्टीसाइड सम्बन्धी जानकारी दी गई। वक्ताओं ने कहा कि सभी प्रकार की कीटनाशक तथा फफूंदीनाशक दवाई शुगर मिल द्वारा रियायती मूल्य पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। मिल के मुख्य (गन्ना) महाप्रबंधक उमेश कुमार सिंह बिसेन ने गन्ने में प्रारंभिक प्ररोह छेदक, शीर्ष छेदक, पाईरिला, ब्लैक बग, लाल सड़न तथा स्मट रोग के लक्षण तथा की पहचान बताई।
इन रोगों से फसल के बचाव सम्बन्धी उपायों पर प्रकाश डालने हुए प्रभावित गुच्छों को खेत से हटाकर 400 लीटर पानी में 150 मिली कोराजन, नैटजेन, और अरशी मिलाकर छिड़काव करने की हिदायत दी। गन्ने के खेत में मौजूद पाईरिला परजीवी तथा लाल सड़न से बचाव के लिए ट्राईकोडर्मा के साथ मिट्टी के उपचार पर जोर देते हुए कहा कि गन्ने की फसल में किसी भी कीटनाशक के छिड़काव की आवश्यकता नहीं है। गन्ने की फसल की बेहतर बढ़वार के लिए पत्ती अथवा अमीनो शक्ति के साथ मार्सल का छिड़काव करने का आवाहन किया। गोष्ठी को मुख्य (गन्ना) महाप्रबंधक उमेश कुमार सिंह तथा विनय कुमार सिंह सहित अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया।
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