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बोले बिजनौर : जिले में नए राजकीय आईटीआई का हो निर्माण, मिले छात्रावास की सुविधा

Bijnor News - बिजनौर में युवक और युवतियां नौकरी पाने के लिए आईटीआई को प्राथमिकता दे रहे हैं, लेकिन कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। चांदपुर तहसील में सरकारी आईटीआई की कमी और अफजलगढ़ में भवन की अपूर्णता से छात्र...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिजनौरTue, 13 May 2025 06:48 PM
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बोले बिजनौर : जिले में नए राजकीय आईटीआई का हो निर्माण, मिले छात्रावास की सुविधा

नौकरी की चाहत में युवक और युवतियां आईटीआई करने को प्राथमिकता दे रही है। आईटीआई करने के बाद सपनों को पंख भी लग रहे हैं, लेकिन आईटीआई करने वाले छात्र-छात्राएं एक नहीं कई समस्याओं में भी फंसे हैं। छात्र-छात्राओं का कहना है कि राजकीय आईटीआई अफजलगढ़ का भवन शीघ्र पूर्ण होना चाहिए तो चांदपुर तहसील में राजकीय आईटीआई स्थापित होनी चाहिए। चांदपुर तहसील में राजकीय आईटीआई स्थापित होने से आईटीआई करने के इच्छुक युवाओं को बड़ी राहत मिलेगी। इलेक्ट्रॉनिक ट्रेड के बच्चों को अप्रेंटिस प्रशिक्षण की व्यवस्था बिजनौर में होनी चाहिए। जिले में अधिक से अधिक उद्योग स्थापित होने चाहिए ताकि युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार मिल सकें।

शासन प्रशासन जिले को इंडस्ट्रीरियल एरिया घोषित करें ताकि उद्योग लगे तो रोजगार मिले। जिले में 5 सरकारी आईटीआई है। इसके अलावा 21 प्राइवेट आईटीआई है। इन सभी आईटीआई में करीब 6 हजार छात्र-छात्राएं पंजीकृत है। इन सभी आईटीआई में करीब 35 ट्रेड चल रही है। नौकरी की तलाश में युवा आईटीआई कर रहे हैं और सपना देख रहे हैं कि एक दिन नौकरी लगेगी। नौकरी लगेगी तो बदन पर शूट होगा, पैर में बूट होगा और चमचमाती गाड़ी होगी। आईटीआई करने वाले सपने देखने के अलावा कई समस्याओं से भी जूझ रहे हैं। एक नहीं अनेक समस्याओं से लड़ रहे इलेक्ट्रोनिक ट्रेड से आईटीआई करने वाले इलेक्ट्रोनिंक मैकेनिक अभिषेक कुमार, देवेन्द्र सिंह, रोहित कुमार, दीपंशु कुमार ने बताया कि सबसे बड़ी समस्या चांदपुर तहसील में कोई सरकारी आईटीआई स्थापित नहीं है। इसके चलते परेशानियों से दो चार होना पड़ता है। चांदपुर क्षेत्र से अधिकांश युवक एवं युवतियां आईटीआई करने के लिए बिजनौर आते हैं। चांदपुर तहसील में कोई सरकारी आईटीआई स्थापित नहीं है। सरकार को चांदपुर तहसील में आईटीआई की स्थापना करनी चाहिए। छात्रों ने कहा कि राजकीय आईटीआई अफजलगढ़ कई वर्षों से संचालित है किंतु उसका भवन अपूर्ण होने के कारण उसमें एडमिशन लेने वाले बच्चों को लगभग 85 -90 किलोमीटर से बिजनौर आना होता है। जिसमें आने-जाने में बहुत पैसा खर्च होता है । अफजलगढ़ राजकीय आईटीआई का भवन शीघ्र पूर्ण होना चाहिए तो वहां के बच्चों को वहीं पढ़ने का मौका मिलेगा । इससे महिला अभ्यर्थियों को बहुत लाभ पहुंचेगा तथा बिजनौर आने में आर्थिक हानि नहीं होगी। छात्रों ने कहा कि इस पर प्रशासन और सम्बंधित विभाग के अधिकारी शीघ्र अपना ध्यान केन्द्रित करें। प्रबल, प्रियंका शर्मा, शिवाका, परमजीत कौर ने कहा कि बिजनौर मुख्यालय पर सभी धर्म एवं जाति के युवाओं के लिए छात्रावास की व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे बाहर से आने वाले बच्चे उसमें निवास कर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें। इसलिए छात्रावास निर्माण अत्यधिक आवश्यक है। छात्रों ने कहा कि जनपद बिजनौर में इलेक्ट्रॉनिक ट्रेड के बच्चों को आईटीआई करने के बाद अप्रेंटिस प्रशिक्षण की व्यवस्था भी नहीं है इसके लिए बच्चों को नोएडा ग्रेटर नोएडा गुड़गांव दूर स्थान पर जाना होता है। जनपद में इस तरह उद्योग के उद्योग स्थापित होने चाहिए। जिससे इलेक्ट्रॉनिक ट्रेड के बच्चों को अप्रेंटिस की सुविधा उपलब्ध हो सकें। प्रत्येक तहसील से एक बस जिला मुख्यालय के लिए लगाई जाए राजकीय आईटीआई बिजनौर में छात्र-छात्राओं ने कहा कि आईटीआई में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन प्रात: 9 बजे आईटीआई जाना होता है। दूर के स्थान से प्रतिदिन आना जाना बहुत मुश्किल हो जाता है। राज्य परिवहन निगम को प्रत्येक तहसील से प्रात: 8 बजे एक बस जिला मुख्यालय के लिए अवश्य लगानी चाहिए। जिससे आईटीआई एवं अन्य संस्थाओं के बच्चे भी समय पर अपने पढ़ाई के स्थल पर पहुंच सकें। दो हजार छात्रों को हर साल मिलता है रोजगार राजकीय आईटीआई के प्रधान सहायक राकेश शर्मा ने बताया कि लगभग 2 हजार बच्चों को प्रतिवर्ष रोजगार मेल के माध्यम रोजगार मिल जाता है। प्रधान सहायक राकेश शर्मा ने बताया कि प्रयास किए जाते हैं कि आईटीआई करने वाले बच्चों को अधिक से अधिक रोजगार मिलें ताकि वह अपने पैरों पर खड़ा हो सकें। गुडगांव, नोएडा, हरिद्वार और चंड़ीगढ की कंपनी देती है रोजगार प्रधान सहायक राकेश शर्मा ने बताया कि जिले में गुड़गांव, ग्रेटर नोएड़ा, हरिद्वार और चंड़ीगढ की दर्जनों से अधिक कम्पनी आकर युवाओं को रोजगार देती है। आईटीआई में प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब तो छात्राएं भी आईटीआई में दाखिला ले रही है। हमारी भी सुनो राजकीय आईटीआई बिजनौर में प्रशिक्षण लेने के लिए वह और उनके साथी काफी दूर से आते हैं। जिसमें काफी किराया लगता है। प्राइवेट और रोडवेज बस में उन्हें किराये में छूट दिलाई जाए।- अभिषेक कुमार यदि उन्हें किराये में छूट मिल जाएगी तो उनका आने-जाने में रोजाना खर्च में आसानी हो जाएगी। रोडवेज बसों में परिचय पत्र दिखाने पर किराए में छूट दी जानी चाहिए। - देवेन्द्र कुमार सरकार को आईटीआई प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने चाहिए। जिससे युवा देश की आर्थिक रूप से सहायता कर सके। - रोहित कुमार बिजनौर आने के लिए प्रतिदिन सैकड़ों छात्रों को ट्रेन का सहारा लेना पड़ता है। सीनियर सिटीजन आदि को किराए में छूट मिलती है। इसी तरह हमें भी 50 प्रतिशत किराए में छूट मिलनी चाहिए। - दीपांश कुमार बिजनौर मुख्यालय पर सभी युवाओं के लिए छात्रावास की व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे बाहर से आने वाले छात्र उसमें निवास कर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें। - एकांश बिजनौर मुख्यालय पर छात्र-छात्राओं के लिए पर्याप्त छात्रावास नहीं है। नये छात्रावास का निर्माण किया जाए। जिससे बाहर के छात्र-छात्राओं को फायदा हो। - वंश कुमार चांदपुर क्षेत्र से अधिकांश युवक एवं युवतियां आईटीआई करने के लिए बिजनौर आते हैं। चांदपुर तहसील में कोई सरकारी आईटीआई स्थापित नहीं है। चांदपुर तहसील में आईटीआई की स्थापना होनी चाहिए। - रोहित कुमार आईटीआई प्रशिक्षण प्राप्त छात्र-छात्राओं के लिए भी प्राइवेट कालेजों की तरह प्लेसमेंट की व्यवस्था की जाए। जिससे आईटीआई के छात्र-छात्राएं भी अच्छी कंपनियों में काम कर सके। - अभिषेक कुमार जनपद के अन्य तहसीलों के आईटीआई कालेज भी बिजनौर में चल रहे हैं। जिससे छात्र-छात्राओं को समय पर किराये का नुकसान हो रहा है। - प्रबल प्रताप सिंह आईटीआई में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन सुबह 9 बजे आईटीआई जाना होता है। दूर स्थान से प्रतिदिन बसों का संचालन सही न होने से आना जाना बहुत मुश्किल हो जाता है। - प्रियंका शर्मा राज्य परिवहन निगम को प्रत्येक तहसील से सुबह आठ बजे से एक बस जिला मुख्यालय के लिए अवश्य लगानी चाहिए। जिससे आईटीआई एवं अन्य संस्थाओं के बच्चे भी समय पर अपने स्कूल-कालेज पहुंच सके। -शिवाका बिजनौर में इलेक्ट्रॉनिक ट्रेड के बच्चों को आईटीआई करने के बाद अप्रेंटिस प्रशिक्षण की व्यवस्था भी नहीं है। इसके लिए बच्चों को नोएडा, ग्रेटर नोएडा व गुड़गांव दूर स्थान पर जाना होता है। जिससे छात्रों को परेशानी होती है। - रोहन राजकीय आईटीआई अफजलगढ़ कई वर्षों से संचालित है, किंतु उसका भवन पूर्ण होने के कारण उसमें एडमिशन लेने वाले बच्चों को करीब 85-90 किमी से बिजनौर आना होता है। अफजलगढ़ का भवन शीघ्र पूर्ण कराया जाए। - परमजीत सिंह जनपद में हर तरह के उद्योग स्थापित होने चाहिए। जिससे आईटीआई के प्रशिक्षित छात्र अपना हुनर इस्तेमाल कर रोजगार कर सके। - मौहम्मद साहिल सुझाव 1. बिजनौर में छात्र-छात्राओं के लिए छात्रावास की व्यवस्था की जाए। 2. प्राइवेट और रोडवेज बसों में छात्रों को किराये में छूट दी जाए। 3. आईटीआई विद्यार्थियों के लिए अप्रेंटिस प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। 4. आईटीआई में बड़ी कंपनियों का प्लेसमेंट कराया जाए। 5. छोटे कस्बों सें बिजनौर आने के लिए सुबह बस की व्यवस्था की जाए। शिकायतें 1. पर्याप्त छात्रावास की व्यवस्था न होने से होती है परेशानी। 2. दूर से आने वाले विद्यार्थियों को किराये में छूट न होने से होती है दिक्कत। 3. आईटीआई विद्यार्थियों को अप्रेंटिस के लिए जाना पड़ता है दूसरे शहर 4. सुबह बस समय से न मिलने से छात्र-छात्राओं को होती है परेशानी 5. तहसील मुख्यालय पर आईटीआई कालेज न होने से आना पड़ता है बिजनौर

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