Mother s 15-Year Journey Ends in Reunion with Lost Son in Bulandshahr बुलंदशहर : 15 साल से भटक रही उर्मिला को मिला बिछड़ा बेटा, Bulandsehar Hindi News - Hindustan
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बुलंदशहर : 15 साल से भटक रही उर्मिला को मिला बिछड़ा बेटा

Bulandsehar News - बुलंदशहर में उर्मिला ने 15 वर्षों तक अपने खोए बेटे हरिओम को पाने के लिए संघर्ष किया। उसने कई अधिकारियों से सहायता मांगी, अंततः पुलिस ने उसे उसके बेटे से मिलवाया। बेटे को गले लगाते ही उर्मिला की आंखों...

Newswrap हिन्दुस्तान, बुलंदशहरWed, 9 April 2025 11:50 AM
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बुलंदशहर : 15 साल से भटक रही उर्मिला को मिला बिछड़ा बेटा

बुलंदशहर। बेटे को पाने के लिए 15 साल से भटक रही उर्मिला की बुधवार को मुराद पूरी हो गई। बिछड़े बेटे को पुलिस ने मां से मिला दिया। बेटे को गले लगाने के बाद उर्मिला की आंखों से आंसू की धारा बहने लगी और उसने अधिकारियों को धन्यवाद दिया। खास बात यह है कि बेटे का ठिकाना मालूम होने के बाद भी वह उसे पाने के लिए पिछले 15 वर्षों से अफसरों के दफ्तर के चक्कर काट रही थी, लेकिन उसने हार नहीं मानी। किसी शायर ने ठीक ही कहा है आंख में आंसू देख हमारे चुप कर रोती है, खुश करने को हमें वह प्यार के बीज बोती है हां मां तो बस मां होती है। मूलरूप से बिहार निवासी उर्मिला की करीब 20 साल पहले नरसेना निवासी सुशील के साथ शादी हुई थी। शादी के बाद उर्मिला ने एक बेटे को जन्म दिया जिसका नाम हरिओम रखा गया। हरिओम के जन्म के बाद पिता सुशील की मृत्यु हो गई। इस सदमे के चलते उर्मिला की दिमागी हालत बिगड़ गई और वह स्याना में रहने लगी। इस दौरान हरिओम उसके परिवार के ही रिश्ते के ताऊ के साथ गांव नरसेना में रहने लगा। वहीं, उसका पालन पोषण हुआ। दिमाग का संतुलन बिगड़ने के बाद भी उर्मिला बेटे से मिलने गांव आती रही और वह उसे अपने साथ ले जाने की जिद करती, लेकिन बच्चा उसके साथ जाने से इनकार कर देता।

15 साल बाद भी नहीं छोड़ी बेटे को पाने की उम्मीद

बीते 15 वर्षों में उसने थाने से लेकर जिलाधिकारी, एसएसपी और मुख्यमंत्री दरबार तक गुहार लगाई लेकिन उसे बेटा नहीं मिला। बीते शनिवार को आयोजित समाधान दिवस में उसने नरसेना थाने में जाकर शिकायत पत्र दिया और थाना प्रभारी रितेश कुमार सिंह से बेटे को पाने की गुहार लगाई। थाना प्रभारी ने स्याना सीओ प्रखर पांडे और एसडीएम गजेंद्र सिंह से इस मामले में बात की। इन अधिकारियों ने बिछड़े बेटे को मां से मिलाने की पहल शुरू की। स्याना सीओ प्रखर पांडे ने हरिओम को खोज कर अपने कार्यालय बुलाया और उर्मिला के सुपुर्द कर दिया। उधर, एसडीएम गजेंद्र सिंह ने बताया कि महिला को सरकारी सहायता भी दिलवाने की तैयारी की जा रही है। स्याना सीओ प्रखर पांडे का कहना है कि हरिओम को उसकी मां उर्मिला के सुपुर्द किया है। वह मां के साथ रहने को तैयार हो गया है।

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