रिश्वत के बिना कनेक्शन नहीं देने का आरोप, चीफ ने जांच के दिए निर्देश
Bulandsehar News - खुर्जा क्षेत्र के करौरा गांव के पीड़ित ने पावर कॉरपोरेशन के अधिकारियों पर 45 हजार रुपये की रिश्वत मांगने और पांच महीने से लाइन शिफ्टिंग व कॉमर्शियल कनेक्शन न देने का आरोप लगाया है। मामले को लेकर चीफ...

पावर कॉरपोरेशन के तीन दिवसीय शिविर में अफसरों की कार्यशैली उजागर हुई है। खुर्जा क्षेत्र के करौरा गांव निवासी पीड़ित का आरोप है कि 45 हजार रिश्वत न देने के कारण पांच महीने में भी न तो लाइन शिफ्टिंग हुई है और न ही कॉमर्शियल कनेक्शन नहीं मिल सका है। टयूवबैल की लाइन से आठ किलोवाट के कनेक्शन का आवेदन जनवरी महीने में किया था। जबकि इस्टीमेट भी जमा कर दिया गया और आर्डर भी हो गए, लेकिन सामान न होने की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं। अब मामला शिविर में पहुंचने के बाद चीफ इंजीनियर ने एक्सईएन को जांच के निर्देश दिए हैं।
खुर्जा क्षेत्र के गांव करौरा निवासी शिवकुमार गुप्ता ने बताया कि उनका निजी टयूवबैल है। जिसकी लाइन के दो पोल बाउंड्री के अंदर हैं। उन्हें वहां चिप्स का काम करना है। इसके लिए जनवरी महीने में आठ किलोवाट के कनेक्शन को आवेदन किया था। आवेदन के बाद पावर कॉरपोरेशन के अफसरों ने बांउड्री के अंदर आ रही लाइन को शिफ्ट करने के बाद ही कनेक्शन जारी करने की बात कही। जिसके बाद लाइन शिफ्ट कराने के लिए इस्टीमेट बनाने के लिए कहा। इसके लिए पहले 49 हजार रूपये का इस्टीमेट बनाया गया। आरोप है कि जब इस्टीमेट को कम करने के लिए कहा तो एक बाबू द्वारा 45 हजार रिश्वत की मांग की। इसके बाद इस्टीमेट रिवाइज कर दिया गया। जिसे 28 हजार का बना दिया। जब यह इस्टीमेट बाबू के पास पहुंचा तो फिर उसे 39 हजार का कर दिया गया। जिसे पांच अप्रैल को जमा कर दिया गया। आरोप है कि पहले पांच महीने से इस्टीमेट के नाम पर चक्कर कटवाए गए। अब इस्टीमेट जमा करने के वावजूद करीब 35 दिन से चक्कर कटवा रहे हैं। जबकि लाइन खींचने के आर्डर भी हो चुके हैं। गुरुवार को पीड़ित उपभोक्ता मेगा शिविर में पहुंचा। इस दौरान एसडीओ से फोन पर वार्ता हुई तो उन्होंने खुर्जा डिवीजन बुलाया। जहां पोल, खंभे, अर्थिंग और चैनल नहीं होने के कारण देरी होने की बात कही। अब पीड़ित ने लाइन शिफ्ट करने के साथ कनेक्शन जारी कराने और बाबू के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। कोट-- मामले में एक्सईएन को जांच कराने के निर्देश दिए हैं। मामले में लापरवाही मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उपभोक्ताओं को परेशान नहीं होने दिया जाएगा। - संजीव कुमार, चीफ इंजीनियर
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