यूपी के इस शहर में मांस-मछली-मुर्गा की सभी दुकानें अवैध, 48 को नोटिस; एक्शन में नगर निगम
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के सहायक आयुक्त डॉ. सुधीर कुमार सिंह का कहना है कि मानकों पर न होने के कारण किसी भी दुकान को लाइसेंस नहीं जारी किया गया ऐसे में सभी दुकानें अवैध हैं। ऐसे 48 व्यापारियों को नोटिस दी गई है। उनसे तत्काल दुकानें बंद करने को कहा गया है।

गोरखपुर में मांस, मछली और मुर्गा की बिक्री अवैध रूप से हो रही है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के अनुसार, किसी भी दुकानदार के पास वैध लाइसेंस नहीं है, न ही जनपद में कोई भी स्लॉटर हाउस मौजूद है। महानगर में मीट, मछली और मुर्गा की बिक्री के लिए लाइसेंस देने का अधिकार भी 5 अगस्त 2011 में लागू हुए खाद्य सुरक्षा एवं मानक नियम 2011 के तहत खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) के पास ही है। ऐसे 48 व्यापारियों को नोटिस दी गई है। उनसे तत्काल दुकानें बंद करने को कहा गया है। ऐसा न करने पर नगर निगम ने कार्रवाई की चेतावनी दी है।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के सहायक आयुक्त डॉ. सुधीर कुमार सिंह का कहना है कि मानकों पर न होने के कारण किसी भी दुकान को लाइसेंस नहीं जारी किया गया ऐसे में सभी दुकानें अवैध हैं। हालांकि गुरुवार को नगर निगम सदन की बैठक में एक सवाल के जवाब में नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने नगर निगम के मुख्य पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डा रोबिन चंद्रा को ऐसे दुकानदारों को लाइसेंस जारी करने का निर्देश देकर दुविधा में डाल दिया है।
48 विक्रेताओं को नोटिस
इसी कड़ी में पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी ने पादरी बाजार, जेल बाइपास और फातिमा रोड मिला कर अप्रैल माह से अब मांस, मछली और मुर्गा बिक्री करने वाले 48 व्यापारियों को नोटिस दिया है। नोटिस में निर्देशित किया कि तत्काल दुकानें बंद कर नगर निगम को अवगत कराए अन्थया नगर निगम नियमानुसार कार्रवाई करेगा।
निगम ने महेवा मण्डी सचिव को भी दिया नोटिस
ट्रांसपोर्टनगर महेवा मछली मण्डी के मण्डी सचिव को भी पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी नगर निगम ने 08 मई को नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा कि महेवा मछली मण्डी में किसी भी मछली विक्रेता ने नगर निगम से अनापत्ति प्रमाण-पत्र नहीं लिया है। मछली विक्रेताओं द्वारा न केवल खुले में मछली बेची जा रही है बल्कि आस पास अत्यधिक गंदगी और दुर्गध फैल रही है। उन्होंने मण्डी सचिव से मांग किया है कि समस्त मछली विकेताओ को नगर निगम से अतिशीघ्र अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेने के लिए आदेशित करें। उन्होंने नोटिस की प्रति नगर आयुक्त, सहायक आयुक्त खाद्य और सहायक निदेशक मत्स्य को भी उपलब्ध कराया है।