4 लाख के बिल भुगतान के लिए 10 हजार की घूस, CBI ने CDA दफ्तर पर मारा छापा, ऑडिटर के खिलाफ केस दर्ज
सीडीए दफ्तर में CBI की छापेमारी का शनिवार को खुलासा हो गया। सीबीआई ने दो दिन की कार्रवाई के बीच सीडीए के ऑडिटर के खिलाफ रिश्वतखोरी का मामला दर्ज कर लिया है। ऑडिटर पर चार लाख के बिल पास करने के बदले 10 हजार रुपये रिश्वत मांगने का आरोप है।

रक्षा लेखा नियंत्रक (सीडीए) दफ्तर में सीबीआई की छापेमारी का शनिवार को खुलासा हो गया। सीबीआई ने दो दिन की कार्रवाई के बीच सीडीए के ऑडिटर अखिलेश यादव के खिलाफ रिश्वतखोरी का मामला दर्ज कर लिया है। ऑडिटर पर चार लाख के बिल पास करने के बदले 10 हजार रुपये रिश्वत मांगने का आरोप है।
सीबीआई की ओर से गाजियाबाद में दर्ज कराई एफआईआर के अनुसार मेरठ के अभिनव इंजीनियर्स कंपनी के पार्टनर लखिंदर पाल सिंह ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया सीडीए के जेम पोर्टल सेल के ऑडिटर अखिलेश यादव ने चार लाख के बिल के भुगतान को मंजूरी देने को ₹10 हजार रुपये रिश्वत की मांग की। शिकायतकर्ता के अनुसार यह भुगतान उनकी कंपनी के लिए सरकारी आपूर्ति से संबंधित था, जिसे बिना रिश्वत दिए जारी नहीं किया जा रहा था। शिकायत के बाद सीबीआई ने प्रारंभिक जांच की, जिसमें आरोपों को गंभीर पाया गया। 26 मार्च को एफआईआर दर्ज की गई। मामला दर्ज करने के बाद सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच टीम गाजियाबाद को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई।
आरोपी के खिलाफ आरोप
सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है सीडीए के ऑडिटर अखिलेश यादव ने अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध तरीके से रिश्वत मांगी, जो भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम-1988 की धारा-7 के तहत गंभीर अपराध है।
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद हुई कार्रवाई
सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज करने के बाद मेरठ में सीडीए कार्यालय पर छापामार कर कार्रवाई शुरू की। 26 और 27 मार्च को 24 घंटे से अधिक समय तक टीम ने जांच की। आरोपी ऑडिटर अखिलेश यादव और अन्य सीडीए अधिकारी से पूछताछ की। सबूतों को एकत्र किया। साक्ष्य एकत्र किए गए हैं।